गुजरांवाला कालेज लुधियाना की पहल-कदमी

गुजरांवाला गुरु नानक खालसा कालेज लुधियाना ने 9 मार्च, 2023 को अपने परिसर में प्रवासी लेखक रविन्दर रवि के 86वें जन्म दिन पर एक विलक्षण वैबीनार आयोजित करके नई प्रथा शुरु की है। रविन्दर रवि विदेश में रहते हुए भी करतार सिंह दुग्गल की तरह बहुविध रचनाकारी पर पहरा दे रहे हैं। प्रो. गुरभजन गिल चेयरमैन पंजाबी लोक विरसा अकादमी लुधियाना तथा प्रो. सुरजीत सिंह भट्टी पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने रवि के सृजन संसार की चर्चा की। डा. एस.पी. सिंह पूर्व उप-कुलपति गुरु नानक देव विश्वविद्यालय गुजरांवाला एजूकेशन ट्रस्ट के तत्कालीन अध्यक्ष होने के नाते इस वैबीनार के प्रमुख कर्ता-धर्ता थे। सभी वैबीनेरियन ने माना कि ऐसे कार्यक्रम नये लेखकों को ऊर्जा प्रदान करते हैं और गुजरांवाला संस्था इनमें वृद्धि करती रहेगी। प्रिंसीपल अरविन्दर सिंह ने सभी का धन्यवाद करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि उनका यह प्रयास सभी के मन को छू गया है। 
भारतीय साहित्य अकादमी का नया अध्यक्ष
मेरे मित्र माधव कौशिक का भारतीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का अध्यक्ष चुना जाना मेरे लिए गर्व की बात है। माधव की बोलचाल में विनम्रता सिद्ध करती है कि हरियाणवी अपनी कहनी-कथनी के उत्तम पहरेदार हैं। उत्तमता उनके व्यवहार तथा मित्रता में है। वह मेरे 6 वर्ष सहकर्मी रहे हैं, परन्तु उन्होंने कभी भी ज़ाहिर नहीं किया कि उन्होंने हिन्दी भाषा में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त कर रखी है और 19 ़गज़ल संग्रह, दो कहानी संग्रह, चार काव्य संग्रह, तीन कहानी संग्रह तथा तीन नवगीत संग्रह तथा चार बाल पुस्तकों सहित 40 पुस्तकों के लेखक हैं। वह एक दर्जन साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं और भारतीय ज्ञान पीठ एवं प्रैस कौंसिल आफ इंडिया के ज्यूरी सदस्य हैं। वह हरियाणा के भिवानी क्षेत्र में जन्मे हैं परन्तु पंजाबी स्वभाव व विनम्रता के मुदई। 
उत्तर-पूर्व के चुनाव परिणामों का सच
उत्तर-पूर्व में त्रिपुरा, नागालैंड तथा मेघायल के चुनाव परिणामों की आड़ में गोदी मीडिया यह दर्शाने के यत्न कर रहा है कि वहां भाजपा ने बहुत बड़ी जीत प्राप्त की है। वास्तविकता तो यह है कि भाजपा को 180 सीटों में से सिर्फ 46 पर जीत प्राप्त हुई है। त्रिपुरा में विजयी सीटों की संख्या 32 है जो पिछली बार की 46 सीटों से 14 कम है। नागालैंड में भी भाजपा 12 सीटों से अधिक नहीं जीत सकी और मेघालय में भाजपा को सिर्फ 2 सीटें मिली हैं जो कि नाममात्र हैं। यह बात अलग है कि केन्द्र में भाजपा सीटों की अधिक संख्या के कारण गठबंधन सरकारें अस्तित्व में आनी असंभव नहीं।
उत्तर-पूर्व में भाजपा की जीत राष्ट्रीय प्रसंग में कितनी सार्थक है, इसका अनुमान लोकसभा के परिणामों से लगाया जा सकता है कि जहां 6 सीटों में से कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत प्राप्त की है और भाजपा को सिर्फ दो सीटें मिली हैं। गोदी मीडिया यह भी भूल जाता है कि उत्तर भारत को भ्रमित करने के लिए भाजपा ने झारखंड तथा उड़ीसा की लोकप्रिय राजनीतिक नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने को प्राथमिकता दी थी। आज का मतदाता इतना मासूम नहीं कि भाजपा व मीडिया की बातों में आकर 2024 के चुनावों में अंधाधुंध मतदान करे। विपक्षी नेता भी एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ रहे हैं। कल क्या होता है, समय बताएगा।
गुरशरण सिंह तथा साहित्य चिन्तन
इस माह गुरशरण सिंह नाकटकार के शुरू किये साहित्य चिन्तन ने 26 वर्ष पूरे कर लिये हैं। इसमें चिन्तन के कनवीनर सरदारा सिंह का भी योगदान है। इस बार की बैठक में गुरशरण सिंह के जीवन तथा उपलब्धियों बारे लिखी जसपाल कौर दयोल की पुस्तक की कुलदीप सिंह दीप ने संक्षिप्त एवं सार्थक चर्चा की। गुरशरण सिंह की डाक्टर बेटी ने खुशी व्यक्त की कि उसके स्वर्गीय पिता को एक साधारण एवं सदाचारी इन्सान के रूप में देखा जा रहा है। गुरशरण सिंह के निधन के 11 वर्ष बाद भी। 


अंतिका
(जगतार)
मंज़िल ’ते जो न पहुंचे, परते न जो घरां नूं
मावां उडीक रहीयां उन्हां मुसाफिरां नूं।