आचार संहिता बनाम कोरोना वेरिएंट
हाल ही में कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 मार्किट मे लांच हो चुका है। प्राइवेट अस्पतालों में हर्ष का माहौल है। सेनेटाइजर और मास्क बनाने वाली कम्पनियों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। किन्तु अलमस्त कबीर की तरह आम आदमी का जीवन शैली सरल और सामान्य है। बहती हुई नाक, खांसता हुआ गला वाला जीव शरीर विक्स एक्शन 500 तथा झंडुबाम के साथ निरूफिक्र हो यात्रा कर रहा हैं। लगभग सभी सोशल एनिमल भयहीन दिनचर्या का पालन भी कर रहे हैं। ना मास्क, ना परहेज़, ना भय, ना चिंता जन्म-मरण के चक्र से निग्रंथ बिल्कुल बिंदास...।
चिंता मुक्त जनजीवन के तनावहीनता का आशय यह नहीं है कि कोरोना का नया वेरिएंट खतरनाक और नुकसानदेह नहीं है। साउथ मूवी के कटार और लुंगीधारी खलनायकों की तरह कोरोना का नया वेरिएंट भी खतरनाक है, खौफनाक है, भयावह है और डरावना भी। भले ही आमजन को फर्क नहीं पड़ता किन्तु नए वेरिएंट के पदार्पण से न्यूज चैनल और अखबारों में भय का माहौल देखा जा रहा है। मीडिया के गलियारों में दहशत व्याप्त है। दर्जनों पाज़ीटिव मरीज वाली खबरों के साथ भयावह माहौल में समाचार का प्रकाशन और प्रसारण किया जा रहा है। न्यूज़ चैनल टीआरपी बढ़ाने और समाचार पोर्टल लोकप्रियता के उद्देश्य से हड़कंप, हाहाकार आदि खौफनाक शब्दों के साथ खबरों को पड़ोस रहे हैं। कार्यक्रम के तहत चिकित्सक और विशेषज्ञों द्वारा नए वैरिएंट की औकात का आकलन करते हुए गुण-दोष और प्रकृति का विनिश्चयन किया जा रहा है। संभावित क्षति और बचाव के लिए उपाय बताए जा रहे हैं। सरकारी गाइडलाइंस जारी की जा रही है।
कोविड कालीन पूर्व के अनुभवों के आधार पर विक्की मीडिया का मानना है कि संभवत: फरवरी में कोरोना का नया वेरिएंट पूर्णत: शिथिल पड़ जाएगा। दावा किया जा रहा है कि आचार संहिता का बुस्टर डॉज के बाद जन सामान्य और समाचार एजेंसियों को कोरोना के भय से मुक्ति मिल जाएगी। विक्की मीडिया के विशेषज्ञों का आम जन से अनुरोध है कि जब तक लोकसभा चुनाव 2024 की अधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती तब तक सभी को एहतियात बरतने की आवश्यकता है और जनप्रतिनिधि हित में जारी इस जागरूकता संदेश सभी जनों तक पहुंचाई जाए।