नया परिवार

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जोसफ उनकी ओर चल पड़ा। बाकी लोग भी उसके पीछे-पीछे गए।
जोसफ ने उन्हें पानी की बोतल पीने के लिए दी। महिला ने पानी पिया और थैंक-यू कहा।
-जी आप कुछ खाना पसंद करेंगी?
महिला ने हाथ-जोड़कर मना किया।
-देखिए प्लीज एक संतरा तो लीजिए। इसके रस से थोड़ा सकून मिलेगा।
उसके अधिक कहने पर वृद्ध महिला ने थोड़ा सा संतरा खाया।
स्टेला ने कहा- माता जी, आप इस तरह अकेली उदास क्यों बैठी हैं? क्या हम आपकी कोई मदद कर सकते हैं?
-बेटी मेरी कहानी बहुत लंबी है, बहुत दुख भरी। अभी मैं सुना नहीं पाऊंगी।
-आप कहां रहती हैं?
-अभी तो मैं बेटी ट्रेन से आई हूं।
-दिल्ली में कहां जाना है?
-कहीं नहीं।
धीरे-धीरे पता चला कि कई जगह निरुद्देश्य घूमते हुए ही यह महिला यहां पहुंची है और अभी उनका दिल्ली में कोई ठौर-ठिकाना नहीं है।
-तो फिर आप हमारे साथ ही दो-चार दिन रह लीजिए। सर्दी बढ़ गई है, यहां पार्क में आपका रात बिताना ठीक नहीं।
अंत में यही तय हुआ और वह वृद्ध महिला बंगले में आ गई। उनका नाम जान्हवी था। उनके व्यवहार से लगा वह अभिजात वर्ग से हैं। उनके लिए एक कमरा खोल दिया गया। उन्होंने यहां-वहां के सामान को बेहतर ढंग से रखवा दिया। उन्हें इस घर की विशेष स्थिति भी समझा दी गई।
अब स्टेला को लगा कि दिन में उसकी मां को साथ मिल गया है। तो उसने कहा -अब मेरा पैर भी ठीक हो गया है अब मैं फिर डांस का काम ज्वाइन करूंगी।
अगले दिन से वह तीनों एक साथ निकलने लगे। मारिया और जान्हवी घर में रह जाते थे।
थोड़ ही दिनों में जान्हवी का मन यहा रम गया। न उन्होंने घर से जाने की बात की, न अन्य सदस्यों ने की। सबको उनसे बहुत स्नेह मिलता था। वैसे जान्हवी अपने पहले के जीवन की कोई बात नहीं करती थी पर एक दिन उन्होंने अचानक कहा- मेरे अपने तो कोई बच्चे नहीं थे, अब तुम सबके साथ रहकर मुझे लगता है कि मुझे पहली बार बच्चे मिल गए हैं। 
उन्होंने यह कहा तो सब ने उन्हें गले लगा लिया और स्टेला तो उनसे लिपट ही गई।
उधर एक ओर सुरेश व स्टेला का तथा दूसरी और मारिया व जोसफ का प्रेम भी बढ़ता जा रहा था।
एक दिन स्टेला होटल से आई तो बहुत खुश थी। उसने बताया अब तक मैं छोटे-मोटे साईड डांस ही परफार्म करती थी पर अब मैं ही मेन डांसर बन गई हूं। अब मेन डांस मैं ही करूंगी मतलब पहले से दो गुनी इंकम।
कुछ देर रुक कर कहा- अब मेरा रुतबा बढ़ेगा तो मैं सुरेश के लिए भी होटल में कुछ अच्छा जॉब ढूंढ लूंगी।
अब लगा कि सुरेश का भी होटल में जॉब का सपना पूरा हो जाएगा। कुछ दिन बाद स्टेला ने सुरेश को कहा कि तुम डांस देखने के बहाने आओ। फिर मैं तुम्हें मैनेजर वगरैह से मिलवांऊंगी।
सुरेश होटल चला गया। डांस खत्म होने पर वह और स्टेला पार्क में जाकर बैठ गए।
स्टेला ने देखा कि सुरेश कुछ उखड़ा हुआ सा है। उसने पूछा- क्या तुम्हें डांस अच्छा नहीं लगा।
सुरेश ने कुछ हिचक कर कहा- तुम डांस बहुत शानदार करती हो स्टेला, पर फिर भी मुझे अच्छा नहीं लगा।
-क्यों?
-असल में तुमने कपड़े कम पहने हुए थे इसलिए अच्छा नहीं लगा।
-ओह!
-हां स्टेला! असल में तो मैं तुमसे बहुत प्यार करता हू, शादी बनाना चाहता हूं, इसलिए अच्छा नहीं लगा। -अच्छा अब समझी। तो सुरेश आगे से मैं ऐसा डांस नहीं लूंगी, दूसरे वाला लूंगी। अब तो खुश।
 

(क्रमश:)