नशों की बढ़ती तस्करी-एक बड़ी चुनौती
देश में नशों का प्रचलन बड़ी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। पहले पहल लोग सिर्फ तम्बाकू, अफीम, भांग और शराब आदि का ही नशा करते थे, परन्तु अब हैरोइन, कोकीन, मेथामफेटामाइन एवं मारफीन जैसे ़खतरनाक नशे करने लग पड़े हैं, जोकि बहुत चिन्ताजनक विषय है। वैसे तो नशा चाहे कोई भी हो, वह मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव ही डालता है। नशा जहां मानवीय जीवन के लिए घातक है, वहीं यह किसी भी देश की तरक्की एवं विकास में भी बड़ी रुकावट का कारण बनता है। आज देश की युवा आबादी इन नशों की बड़ी तेज़ी से शिकार बन रही है। प्रतिदिन कोई न कोई युवक इन नशों की भेंट चढ़ रहा है। कोई नकली शराब पी कर मर रहा है, कोई चिट्टा (हैरोइन का नशा) पीकर तो कोई नशे का टीका लगा कर मर रहा है। सरकारें सिर्फ और सिर्फ नशों के विरुद्ध कार्रवाइयां करने का विश्वास ही देती प्रतीत होती हैं।
देश में नशों का जाल इतनी तेज़ी से फैलता जा रहा है कि प्रतिदिन कोई न कोई समाचार पढ़ने-सुनने को मिल रहा है कि पुलिस एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) द्वारा कहीं से इतने करोड़ का नशा एवं कहीं से इतने किलो नशा बरामद किया गया है, परन्तु इन कार्रवाइयों के बाद भी अमरवेल की भांति फैलते जा रहे नशों के इस कारोबार को नकेल नहीं डाली जा सकी। नशीले पदार्थों की तस्करी एवं इस ़गैर-कानूनी कारोबार को लेकर प्रदेश में एक ऐसा शक्तिशाली माफिया सक्रिय है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं। इसी कारण यह म़ािफया लगातार मज़बूत होता जा रहा है।
यदि पंजाब की बात करें तो सीमांत प्रदेश होने के कारण यह हमेशा से नशा तस्करों के सीधे निशाने पर रहा है। पाकिस्तान से इसकी सीमा लगने के कारण नशा तस्करों द्वारा भारी मात्रा में सीमा पार से नशों की बड़ी-बड़ी खेप मंगवाई जाती हैं। अब समय के साथ-साथ इन नशों तस्करों ने और भी आधुनिक ढंग-तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। अब वे ड्रोन द्वारा सीमा पार से नशीले पदार्थ एवं हथियारों की खेप मंगवाने लगे हैं। चाहे सीमा पर बी.एस.एफ. द्वारा व्यापक स्तर पर सतर्कता दिखाई जा रही है परन्तु यह नशा तस्कर उनको झांसा देने का कोई न कोई नया ढंग-तरीका ढूंढ ही लेते हैं। फिर भी बी.एस.एफ. इन नशों तस्करों के विरुद्ध अपनी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष बी.एस.एफ. ने पंजाब की सीमा के निकट 183 ड्रोन पकड़ने में सफलता हासिल की है, जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या 107 थी।
चाहे प्रदेश सरकार ने भी पंजाब पुलिस को नशों के विरुद्ध कार्रवाई तेज़ करने के लिए कहा है, जिसके चलते पिछले 10 महीनों में पुलिस ने 10524 तस्कर गिरफ्तार किए हैं, जिनसे भारी मात्रा में हैरोइन एवं अन्य नशीले पदार्थ बरामद हुए हैं। चाहे ये आंकड़े दिल को कुछ तसल्ली देने वाले ज़रूर हैं, परन्तु मात्र आंकड़ों को दर्ज करना ही काफी नहीं है, इन नशा तस्करों के विदेशों में बैठे आकाओं तक पहुंचने की भी बड़ी ज़रूरत है, ताकि पंजाब एवं देश के युवाओं को बचाया जा सका।
नशे की यह समस्या केवल पंजाब के लिए ही नहीं, अपितु पूरे देश के लिए बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है। पंजाब के अतिरिक्त हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में भी नशा तस्करी के अनेक मामले प्रतिदिन सामने आते रहते हैं। अब कुछ दिन पहले गुजरात से नशा तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां समुद्र में घूम रही एक नाव से नशे की बड़ी खेप बरामद की गई। नशे के खिलाफ एन.सी.बी., भारतीय नौसेना तथा गुजरात ए.टी.एस. की इस साझी कार्रवाई में 8 ईरानी नागरिकों को 700 किलोग्राम से अधिक मात्रा के ‘मेथामफेटामाइन’ नामक रासायनिक नशे सहित काबू किया गया है, जो इस नाव में सवार थे और नशे की इस खेप की किसी को सप्लाई देने जा रहे थे। बरामद किये नशे की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत लगभग 3500 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसी प्रकार भारत तथा श्रीलंका की नौसेना ने भी अरब सागर में संयुक्त कार्रवाई करते हुए मछलियां पकड़ने वाले 2 बेड़ों में से लगभग 500 किलोग्राम ‘मेथामफेटामाइन’ नशा ज़ब्त किया है।
इसी प्रकार कुछ दिन पहले दिल्ली में एन.सी.बी. ने भी 82.53 किलोग्राम कोकीन ज़ब्त की थी, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत लगभग 900 करोड़ रुपये है। अब तक जितनी भी कोकीन नशे से संबंधित खेपें पकड़ी गई हैं, यह उनमें से एक बड़ी खेप है। इस कार्रवाई में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोकीन की यह खेप नांगलोई एवं जनकपुरी क्षेत्रों में एक कोरियर दफ्तर से बरामद की गई है तथा इसे आगे आस्ट्रेलिया भेजा जाना था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता दुबई में बैठा एक व्यक्ति है। फिलहाल देश के भीतर जिस तेज़ी के साथ नशे का मकड़जाल फैलता जा रहा है, वह हमारे देश एवं हमारी युवा पीढ़ी के लिए ़खतरे की घंटी है। इस बुराई पर जितना शीघ्र नियन्त्रण कर लिया जाए, उतना ही देश एवं हमारे युवाओं के भविष्य के लिए अच्छा होगा।