डिजिटल ठगी के मकड़जाल में फंसे उपभोक्ता

आज राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर विशेष

आज के बाजारवादी दौर में उपभोक्ता का जागरुक होना बहुत ज़रूरी है। इसे दृष्टिगत रखते हुए हर वर्ष 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य आमजन को उपभोक्ता के अधिकार और ज़रूरतों के प्रति जागरूक करना है ताकि ग्राहकों और उपभोक्ताओं के प्रति हो रही धोखाधड़ी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ सके। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 के अवसर पर प्रमुख ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म एजियो, जिओमार्ट, नेटमेड, बिगबास्केट, टाटा क्लिक, टाटा 1एमजी, जोमैटो और ओला सुरक्षा प्रतिज्ञा लेंगे। सुरक्षा प्रतिज्ञा ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा असुरक्षित, नकली और गैर-अनुरूप उत्पादों की बिक्री का पता लगाने और रोकने, उत्पाद सुरक्षा के लिए जिम्मेदार वैधानिक अधिकारियों के साथ सहयोग करने, विक्रेताओं के बीच उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और उत्पाद सुरक्षा पर उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए एक स्वैच्छिक प्रतिबद्धता है। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए सुरक्षा प्रतिज्ञा की घोषणा की थी।
आज का जमाना डिजिटल लेन-देन का है। इसमें ऑनलाइन ठगी ज़ोरों पर है। इसलिए ग्राहकों को सतर्क और जागरूक रखने के लिए यह दिवस मनाया जा रहा है। इसमें कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट, नाप-तोल में गड़बड़ी, बिल ना देना, वस्तुओं का अधिक मूल्य लेना तथा इसी तरह के दूसरे गुनाह इन कानूनों के अंतर्गत आते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 तक, डिजिटल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या 3.6 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है। डिजिटल वित्त नए अवसर के साथ ही नए जोखिम भी लाता है जो कंज्यूमर्स के लिए अनुचित परिणाम पैदा कर सकता हैं। भारत डिजिटल पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस, बर्थ सर्टिफिकेट पानी बिजली के बिल, इनकम टैक्स रिटर्न आदि अनेक कामों के लिए अब प्रक्रियाएं डिजिटल इंडिया की मदद से बहुत आसान, बहुत तेज़ हुई है। मोबाइल और वैकल्पिक भुगतान भारतीय युवाओं में लोकप्रिय बने हुए हैं। ऐसा अनुमान है की अगले कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट व्यवसाय में आशातीत वृद्धि होगी। मौजूदा दौर में भारतीय खुदरा बाज़ार क्रान्तिकारी बदलाव से गुज़र रहा है। उपभोक्ता भिन्न चैनल्स (स्रोतो) से डिजिटल खरीदारी कर रहे हैं।  ई-कॉमर्स या ई-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है। न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी इसमें शामिल है। 
ई-पेमेंट को हम इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के नाम से भी जानते हैं ई-पेमेंट या इलेक्ट्रॉनिक ई-पेमेंट किसी भी डिजिटल फाइनेंसियल पेमेंट लेनदेन है जिसमें दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच मनीट्रान्सफर शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट इंटरनेट आधारित प्रक्रियाएं हैं। जो ग्राहक या उपयोगकर्ता को उनकी खरीदारी आदि के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने में मदद करती है। इंटरनेट पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए। इनमें मुख्य है इलेक्ट्रॉनिक कैश, स्मार्ट कार्ड और डेबिट क्रेडिट, गूगल पे, फोन पे आदि। जब हम इलेक्ट्रॉनिक मीडियम का यूज करके पेमेंट करते हैं तो वह  इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट कहलाता है जैसे-जैसे ई-कॉमर्स का यूज बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का भी यूज बढ़ता जा रहा है। 
ऑनलाइन इनवॉइस पेमेंट से कंपनियों को समय बचाने में मदद मिलती है। वे तेज़ होते हैं और ग्राहकों के लिए अधिकतम प्रयास बचाते हैं। यह भौतिक लेनदेन में शामिल अत्यधिक लागत को कम करने में भी मदद करता है। इसी के साथ डिजिटल ठगी भी बढ़ती  रही है। उपभोक्ता कानून के बदलाव के तहतए ई-कॉमर्स कंपनियों (ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों) को उपभोक्ता फोरम के तहत लाया गया है जिससे ग्राहकों को सुरक्षा की गारंटी मिले। भारत में अपने ग्राहकों से यदि कोई कम्पनी धोखाधड़ी करती है तो उसे 10 लाख तक का जुर्माना और 3 वर्ष की सजा हो सकती है।

#डिजिटल ठगी के मकड़जाल में फंसे उपभोक्ता