प्रधानमंत्री मोदी के ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ के 10 वर्षों का जश्न

सुशासन दिवस पर विशेष

सुशासन किसी भी राष्ट्र की प्रगति की कुंजी होती है। देश के विकास में अच्छे प्रशासन की आवश्यकता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बेहतर किसी ने प्रदर्शित नहीं किया, जिन्होंने 2014 से अब तक 10 वर्षों में भारत को आर्थिक विकास और राष्ट्रीय नवीनीकरण की ओर अग्रसर किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में ‘केवल सुशासन ही पर्याप्त नहीं है, इसे जन-हितैषी और सक्रिय होना चाहिए। विकास प्रक्रिया के केंद्र में लोगों को रखना ही सुशासन की पहचान है।’
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 2014 में कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों के बीच सरकारी जवाबदेही और प्रशासन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसम्बर को ‘सुशासन दिवस’ घोषित करके ‘गुड गवर्नेस’ (सुशासन) की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाया।
जैसा कि राष्ट्र ‘सुशासन दिवस’ मना रहा है, इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शासन सुधारों के परिणामस्वरूप राष्ट्र को दूरगामी सामाजिक-आर्थिक लाभ हुए हैं।
मोदी सरकार ने ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की अपनी नीति के साथ, जन-केंद्रित शासन देने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और आम आदमी तक सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया है।
एक दशक पहले, जन्म प्रमाण पत्र, बिल भुगतान, राशन, प्रवेश, परिणाम, संपत्ति दस्तावेज या बैंकिंग सेवाओं के लिए कतार में खड़ा होना पड़ता था। लेकिन अब कतार में खड़े होने या सरकारी कार्यालयों के कई चक्कर लगाने के बजाय, कोई भी व्यक्ति डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऐसी कई सेवाओं का लाभ उठा सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रगति की निगरानी और सुशासन सूचकांक के माध्यम से राज्यों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के साथ अब शासन स्वयं तेज़ी से डेटा-संचालित हो रहा है।
भारत में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ने शासन में बहुत सुधार किया है। अब प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए डिजिलॉकर, आयुष्मान भारत, सरकारी ई-मार्केट प्लेस, दीक्षा और आरोग्य सेतु जैसे प्लेट़फॉर्म के माध्यम से 56 महत्वपूर्ण डिजिटल सेवाएं प्रदान करना अनिवार्य है।
एक प्रसिद्ध कथन में, एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपए में से केवल 15 पैसे ही गरीबों तक पहुँचते हैं’। लेकिन मोदी सरकार के तहत, बिना बिचौलियों या लीकेज के, विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत धन का हस्तांतरण सीधे लाभार्थियों तक पहुंचता है, क्योंकि डिजिटल तकनीक के उपयोग ने सरकार को चोरी और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने में सक्षम बनाया है। डिजिटल इंडिया जैसी पहलों की बदौलत सरकार अब नागरिकों के फोन और उनके दरवाजे पर उपलब्ध है। वंचितों और गरीबों द्वारा 54 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। गरीबों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी और सामाजिक लाभ प्रदान करने के लिए, जन-धन योजना और मोदी प्रशासन ने डायवर्जन-प्रूफ विधि के रूप में जन-धन, आधार और मोबाइल ट्रिनिटी का उपयोग किया है। 
इन प्रशासनिक सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ हुआ है। डीबीटी के तहत, पिछले 8 वर्षों में लाभार्थियों के खातों में 37 लाख करोड़ से अधिक रुपये सीधे हस्तांतरित किए गए हैं। लगभग 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटाकर, डीबीटी ने 2.75 लाख करोड़ रुपए को गलत हाथों में जाने से रोका है।
मोदी सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त राशन पर 4 लाख करोड़, गरीबों के लिए पक्के मकान पर 4 लाख करोड़ और हर घर में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। कल्याणकारी परियोजनाओं पर खर्च के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी ने जवाबदेही और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए घोटाला मुक्त शासन को बरकरार रखा और सुनिश्चित किया कि ईमानदार करदाता का एक-एक पैसा जनता के हित में खर्च हो।
2018 में, मोदी प्रशासन ने भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता का प्रदर्शन करते हुए, 2018 में, भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को मज़बूत करने के लिए 30 साल बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन किया।
अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में, प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में राजपत्रित अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन की औपनिवेशिक युग की प्रथा को समाप्त किया, जनवरी 2016 में सरकार में निचले ग्रेड के पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त कर चयन के लिए योग्यता को एकमात्र मानदंड बना दिया गया।
समावेशी विकास
पिछले दस वर्षों में निरंतर और प्रतिबद्ध प्रयासों से गरीबों के जीवन और आजीविका में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने मुफ्त खाद्यान्न मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं। सौभाग्य योजना के तहत 2.86 करोड़ से अधिक घरों का विद्युतीकरण किया गया और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 55 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मिला है।
इसी तरह जल जीवन मिशन के तहत 15.37 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 12 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिले हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) प्रवासियों को देश में अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न लेने में मदद कर रहा है। पिछले नौ वर्षों में, लगभग 25 करोड़ व्यक्ति बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।
भारत में शासन की जवाबदेही और दक्षता में सुधार और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। गेट्स फाउंडेशन और ऑक्सफोर्ड सैड बिजनेस स्कूल द्वारा किए गये एक हालिया अध्ययन ने प्रगति प्लेटफॉर्म की प्रभावशीलता को स्वीकार किया है।
‘अपनी स्थापना के बाद से, प्रगति ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर बहुत प्रभाव डाला है। जून 2023 तक, 17.05 लाख करोड़ रुपये (205 बिलियन) की 340 परियोजनाएं प्रगति समीक्षा प्रक्रिया से गुज़री,’ अध्ययन ने इसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भागीदारी को दिया है। इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर खर्च किए प्रत्येक रुपये के लिए, प्रगति ने 2.5 से 3.5 रुपये का जीडीपी लाभ उत्पन्न किया है जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई लगभग 1.6 गुना बढ़ना, देश के हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होना सुशासन के साथ एक दशक की बेजोड़ प्रगति को दर्शाता है।
सुशासन के तहत, 40000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों और 2000 ब्रिटिश-युग के कानूनों को समाप्त करने के अलावा, मोदी सरकार ने 3500 से अधिक छोटे उल्लंघनों को भी अपराधमुक्त किया है। इसके साथ ही, 2020 में विश्व बैंक की व्यापार सुगमता रैंकिंग में भारत 190 देशों में से 63वें स्थान पर था, जो 2015 में 142वें स्थान से बहुत बड़ा सुधार है।
पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए नागरिक केंद्रित सुधारों के परिणामस्वरूप नागरिकों का जीवन आसान हुआ है। जन-हितैषी सक्रिय सुशासन, विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों का मूल है और वह इसका नेतृत्व कर रहे हैं।

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