प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
गत रात्रि अमृतसर ज़िले के एक गांव में एक बड़े शराब कारोबारी के घर गे्रनेड हमला किया गया। सामने आये विवरण के अनुसार रात को मोटरसाइकिल पर आये तीन व्यक्तियों में से एक ने घर पर ग्रेनेड फैंका और धमाके के बाद वहां आग लग गई। घर के मालिक ने बताया कि हमारे और साथ के कई घरों के शीशे टूट गये और हमला करने वाले व्यक्ति मोटरसाइकिल पर फरार हो गये। इससे एक बार फिर हर तरफ दहशत का माहौल बन गया है। संबंधित परिवार बड़ा कारोबारी है और उसके राजनीतिक नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। बाद में जिस संगठन ने ज़िम्मेदारी ली, उसने यह भी लिखा कि संबंधित ठेकेदार को कई बार इस काम से रोका जाता रहा था। उनके द्वारा उसके इस काम से न हटने के कारण यह कार्रवाई की गई है। यह भी धमकी दी गई है कि शराब का यह कारोबार बंद होना चाहिए।
इससे पहले भी एक और घटना में तरनतारन ज़िले के क्षेत्र हरीके में एक दुकानदार आढ़तिया को गोलियां मार कर मार दिया गया था और बाद में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसी प्रकार पिछले दिसम्बर माह में नवांशहर के गांव काठगढ़ में थाने पर ग्रेनेड फैंका गया था। पिछले समय में कई अन्य थानों पर भी ऐसे कई हमले किये गये हैं, जिनका सीधा अर्थ पुलिस को धमकियां और चुनौतियां देना है। यहां तक कि गत वर्ष 11 सितम्बर को चंडीगढ़ के सैक्टर-10 में कोठी नम्बर 575 पर ग्रेनेड के साथ बड़ा हमला किया गया था। जालन्धर में भी पिछले दिनों में कई इस तरह की घटनाएं हुई हैं। एक पैट्रोल पम्प पर गोली चलाकर लुटेरों ने एक व्यक्ति को घायल कर दिया और पैसों का बैग लेकर फरार हो गये। इसी शहर में एक और घटना में भी लुटेरे एक मोटरसाइकिल सवार को गिराने के बाद उससे बैग छीन कर भाग गये। ऐसी लगातार होती वारदातों को कई पक्षों से देखा जा रहा है। सीमा पार से ड्रोनों तथा अन्य साधनों के माध्यम से हथियार तथा तरह-तरह के नशों को इधर भेजा जा रहा है। इनमें से कुछ गतिविधियों का पता भी चल जाता है। इसके बावजूद लगातार यह घटनाक्रम जारी है। नशे पंजाब की जवानी को तबाह कर रहे हैं। इसी कारण पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने भी नशे के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था, जिसकी पैरवी मौजूदा राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी कर रहे हैं। उनकी ओर से कहा गया है कि यह घटनाक्रम बेहद चिन्ताजनक है, जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।
यदि अमन कानून की बात करें तो हालात बेहद गम्भीर हैं। शराब के बड़े कारोबारियों के अतिरिक्त अन्य बड़े व्यक्तियों, उद्योगपतियों आदि को फिरौतियों के लिए धमकियां मिल रही हैं। ऐसा लगता है कि प्रदेश में ऐसे अपराधियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें शामिल कई प्रसिद्ध गैंग भी प्रतिदिन धमकियां दे रहे हैं और कार्रवाइयां भी कर रहे हैं। गांवों, शहरों में लुटेरों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि रात के समय कोई भी व्यक्ति बाहर निकलने से डरने लगा है। यहां तक कि दिन-दहाड़े भी झपटमारों ने महिलाओं का बाज़ारों में निकलना मुश्किल कर दिया है। गत नवम्बर-दिसम्बर माह से ऐसी वारदातें बेहद बढ़ती हुई दिखाई दी हैं। आज ये सरकार तथा प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं, जिन्हें हर हाल में रोकने की ज़रूरत है। इसलिए प्रशासन को प्रत्येक स्तर पर लोगों को विश्वास में लेना चाहिए ताकि वह सुचेत रूप में ऐसे तत्वों के खिलाफ प्रशासन से सहयोग करें। पैदा हुए इस हालात ने लोगों के साथ-साथ संबंधित प्रशासन तथा सरकार की चिन्ताओं में भी वृद्धि कर दी है।
यह बात सुनिश्चित बनी दिखाई देती है कि यदि प्रभावशाली ढंग से प्रत्येक स्तर पर घटित हो रहे इन घटनाक्रमों को न रोका गया तो सरकार के लिए यह बड़ी मायूसी की बात सिद्ध होगी। इसलिए प्रत्येक पक्ष से पुलिस प्रशासन को पूरी तरह चुस्त एवं दुरुस्त करने की ज़रूरत होगी। उसकी बढ़ी हुई सक्रियता जहां अपराधियों को नकेल डालने वाली हो, वहीं आम लोगों में भी विश्वास पैदा करने वाली सिद्ध हो। सृजित किया ऐसा माहौल एवं विश्वास ही सरकार की एक बड़ी उपलब्धि माना जाएगा।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द