बच्चों को खेल-खेल में करवाएं पढ़ाई
छोटे बच्चों के माता-पिता को कई बार उनकी पढ़ाई में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बच्चे शुरू में ही कुछ सीख नहीं पाते या फिर रूचि नहीं रखते। माता-पिता बड़े-बड़े स्कूलों में महंगा होने पर भी बच्चे का एडमिशन तो करवा लेते हैं पर बच्चा पढ़ता नहीं।
नर्सरी या प्रीनर्सरी में ही बच्चा पढ़ाई के प्रति उदासीन होता है। ऐसे में माता-पिता को कुछ मेहनत करनी पड़ सकती है। आइए कुछ ऐसी बातों के बारे में जानकारी लें :-
* शुरू में ही बच्चे के स्कूल जाने से पहले ही कुछ तस्वीरें बच्चे को दिखाएं। उनके बारे में जानकारी दें। ऐसे में बच्चे को नए-नए शब्दों की जानकारी होगी।
* उसे खाने-पीने की चीजों द्वारा भी पढ़ाएं जैसे सेब खाने लगे तो ए फार एप्पल के बारे में बताएं।
* गेंद खेलते समय गिनती गिनने के लिए कहें। कभी बच्चा ऐसा न करे तो खुद करें। वो न चाहते हुए भी सुन लेगा।
* सीढ़ियां चढ़ते-उतरते वक्त गिनती, दिनों के नाम, महीनों के नाम बोलें।
* रोटी बना कर देने के लिए हर रोज़ नए आकार की रोटी बनाकर दें ताकि खाने के साथ रूचि पैदा होगी। आकृतियों का ज्ञान भी हो जाएगा।
* उसे बाज़ार ले जाते हुए रास्ते में हरेक वस्तु के बारे में बताएं। सब्जी की दुकान पर सब्जियों के बारे में बताएं।
* मौसम संबंधी बातें बताएं। गर्मी, सर्दी के कपड़े, खाना-पीना, फल, सब्जी आदि।
* अपनी रसोई में खड़ा होने दें। उसे हरेक वस्तु, बर्तन के बारे में बताएं।
* स्कूल में करवाए काम को याद करवाएं। खाते-पीते ही पाठ सुन लें। खेल-खेल में पढ़ाई हो जाएगी।
* गणित के सवाल भी ऐसे ही कुछ पत्थर, पैसिंलें आदि देकर समझाएं। जोड़ घटाव वो सीख जाएगा।
* कुछ मुश्किल हो जो बच्चा याद न कर पा रहा हो तो उसके सोने या पढ़ने के कमरे में चार्ट बना कर टांग दें। आते जाते नज़र पड़ने पर याद हो जाएगा।
* बच्चे को किताबी कीड़ा न बना कर रोजमर्रा की जिंदगी की उदाहरणों से समझाऐं।
(उर्वशी)