भाजपा किसको बनाएगी दिल्ली का मुख्यमंत्री ?

देदेश की राजधानी दिल्ली में भाजपा की भारी जीत के बाद कौन बनेगा मुख्यमंत्री को लेकर सियासत गरमाई हुई है। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 48 सीटों पर प्रचंड जीत मिली है। आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। भगवा की ऐसी बयार चली कि झाड़ू बिखर गया और कमल खिल गया। बताया जाता है इस भारी जीत के पीछे भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रमुख भूमिका रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र की भांति संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क किया और भाजपा की जीत में निर्णायक भूमिका अदा की। भाजपा के उच्च स्तरीय सूत्र कह रहे है दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री के लिए संघ की राय महत्वपूर्ण होंगी। इस समय सर्वत्र यही चर्चा है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये हर कोई जानना चाहता है।
मुख्यमंत्री के पद के लिए इस समय केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, भाजपा के पूर्व दिल्ली अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय, मनजिंदर सिंह सिरसा, राजकुमार चौहान, रेखा गुप्ता, शिखा रॉय, वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, अशीष सूद और पवन शर्मा के नामों की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। बाहरी नेताओं में मनोज तिवारी, हर्ष मल्होत्रा और बांसुरी स्वराज के नाम भी लिए जा रहे है। मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे प्रवेश वर्मा का नाम लिया जा रहा है। प्रवेश पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जो इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट से हराकर चर्चा में आए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। प्रवेश ने न केवल केजरीवाल को हराया, बल्कि पार्टी के भीतर भी उनकी पकड़ मज़बूत है। उनकी गिनती तेज तर्रार और जनाधार वाले नेता के रूप में की जाती है। विजेंद्र गुप्ता प्रतिपक्ष के नेता और तीन बार के विधायक है। मनजिंदर सिंह सिरसा को पंजाब को साधने के लिए आगे लाया जा सकता है। भाजपा महिला उम्मीदवार को भी मौका दे सकती है। रेखा गुप्ता और शिखा रॉय दो ऐसे नाम हैं जो इस रेस में शामिल हो सकते हैं। अलग-अलग टीका टिप्पणियों के बीच भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है इस शीर्ष पद के लिए चयन पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से किया जाना चाहिए। भाजपा 27 साल के बनवास के बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी है। पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ के 10 साल के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ दिया। भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुनेगी, इसे लेकर सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। यह भी कहा जा रहा है बिहार के इस साल होने वाले चुनाव साधने के लिए भाजपा पूर्वांचली विधायकों पर दांव खेल सकती है। भाजपा ने पूर्वांचल बहुत 27 सीटों में से 19 पर जीत हासिल की है। जाति, समुदाय, लिंग और क्षेत्रीय संबद्धता के आधार पर भी कई नाम चर्चा में हैं। नए मंत्रिमंडल में महिलाओं और दलित नेताओं की भागीदारी के साथ जातीय समुदायों को भी साधने की उम्मीद है। 
यह चुनाव मोदी के फेस और कमल के फूल पर लड़कर जीता गया। भाजपा के पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे और विधायकों के साथ बैठक कर उनकी राय जानेंगे। भाजपा के सभी नव निर्वाचित भाजपा विधायक दल की औपचारिक बैठक शीघ्र बुलाई जाकर नेता पद के लिए सर्वसम्मति से एक औपचारिक प्रस्ताव पारित कर भाजपा आलाकमान को भिजवाया जायेगा। भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड इस पर अंतिम निर्णय लेगा। कहने का तात्पर्य है मोदी ही नेता का चुनाव करेंगे। मोदी इस समय विदेश यात्रा पर है जिनके 15 फरवरी तक लौटने की सम्भावना है। मोदी के स्वदेश से लौटते ही मुख्यमंत्री चुन लिया जायेगा। मुख्यमंत्री के साथ उप-मुख्यमंत्री के नामों की भी जोरदार चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की थाह लेना मुश्किल ही नहीं अपितु असंभव है। सियासी हलकों में यह चर्चा भी व्याप्त है कि हरियाणा की तरह दिल्ली में भी एक खट्टर प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा। यह खट्टर कौन है इस पर सब की निगाह है। मोदी ने हरियाणा में जनाधार वाले नेताओं को  छोड़कर एक नए चेहरे मनोहर लाल खट्टर को 2014 में मुख्यमंत्री बनाकर राजनीतिक क्षेत्रों में धमाका कर दिया था। हरियाणा के बाद राजस्थान सहित कई राज्यों में बड़े नेताओं को दरकिनार कर एकदम नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जा चुका है। मोदी के मन की थाह लेने वाले लोग कई नामों पर सुई घुमा रहे है।

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