यूरोपीयन एकता का प्रभाव

रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 3 वर्ष से चल रहे युद्ध संबंधी अमरीका की नीति में आई नई तबदीली ने हालात को और भी उलझा दिया है। इस खूनी युद्ध में अब तक जहां रूस और यूक्रेन के हज़ारों ही सैनिक मारे जा चुके हैं, वहीं बड़ी संख्या में दोनों तरफ आम शहरी भी मारे जा चुके हैं, यूक्रेन में भी तबाही के मंज़र सबके सामने हैं। लाखों शरणार्थी विदेशों में परेशान हो रहे हैं। अब तक यूरोप के बहुत सारे देश अमरीका, कनाडा और आस्ट्रेलिया आदि डट कर यूक्रेन के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने हर प्रकार की अरबों की सहायता इसको दी है। पिछले दिनों अमरीका की राजधानी वाशिंगटन के राष्ट्रपति भवन में डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की बैठक बेनतीजा ही नहीं रही, बल्कि इस समय दोनों नेताओं में सख्त बहस भी हुई थी। वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को बैठक छोड़कर बीच में ही उठ कर जाना पड़ा था। इससे अमरीका के राष्ट्रपति की नाराज़गी बढ़ गई थी। 
अब तक अमरीका ही यूक्रेन का आर्थिक और हथियारों के पक्ष से बड़ा मददगार रहा है। उसके दम पर ही ज़ेलेंस्की तीन साल तक बड़ी दृढ़ता से रूस जैसे बड़े और शक्तिशाली देश के सामने खड़ा रहा है। अमरीका का उससे मुंह मोड़ना इस युद्ध में यूक्रेन के लिए बेहद विनाशकारी साबित हो सकता है। ज़ेलेंस्की ने तो ट्रम्प के कहने पर अपने देश के आधे प्राकृतिक खजानों पर भी अमरीका की सरदारी मान ली थी। इस कारण वह ऐसे समझौते के मसौदे के साथ ही वाशिंगटन गया था। इसके बीच में ही टूट जाने से दुनिया भर को चिंता में डाल दिया है। जिससे यह लड़ाई और भी गम्भीर मोड़ पर आ पहुंची है। इसके बाद हुए घटनाक्रम भी बेहद महत्वपूर्ण और एक तरह से नई दिशा देने वाला है।
इंग्लैंड की राजधानी लंदन में रविवार को इस मामले पर हुए शिखर सम्मेलन में 44 यूरोपीयन देशों ने भाग लिया, जिनमें से 24 देशों के प्रमुख स्वयं शामिल हुए जबकि अन्य देशों के नेता इसमें वर्चुअल जुड़े थे। इसके अतिक्ति यूरोपीयन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वेनडेर लॉन भी इसमें शामिल हुईं। इन सभी ने यूक्रेन के साथ एकजुटता व्यक्त की और अमरीका से भी अपील की कि वह अपनी ओर से दी जाती सहायता जारी रखे। ब्रिटेन तथा फ्रांस इस युद्ध को खत्म करने के लिए एक युद्ध विराम योजना पर कार्य करने के लिए सहमत भी हो गए हैं, जो अमरीका के साथ साझा की जाएगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि इस शांति योजना पर क्रियान्वयन के लिए वह एक सेतु का कार्य करेंगे, क्योंकि सभी एकजुट हुए नेता इस युद्ध को खत्म करवाने के लिए दृढ़ संकल्प दिखाई दे रहे थे। ब्रिटेन ने यूक्रेन को हथियारों की खरीद के लिए यूरोपीयन फंड में से 40 हज़ार करोड़ रुपये की मदद देने की भी घोषणा की है। उर्सुला वेनडेर ने कहा कि यूक्रेन द्वारा मांगी जा रही सुरक्षा गारंटी उचित है। बैठक में यह बात भी चली कि इस युद्ध के लिए यूरोप की संयुक्त सैन्य बल भी बनाया जा सकता है। इस घटनाक्रम से जहां अमरीका यूरोपीयन भाइचारे में अकेला पड़ गया प्रतीत होता है, वहीं रूस के लिए भी पैदा हुई यह स्थिति और बड़ी चुनौती बन सकती है।
यूरोपीयन देशों का एकजुट होना रूस के लिए चेतावनी भी है। युद्ध से पहले फ्रांस सहित दर्जनों यूरोपीयन देश मास्को में जाकर पुतिन से युद्ध शुरू न करने की अपील करते रहे थे। अब संयुक्त रूप में वे एक बार फिर पुतिन को ऐसे युद्ध विराम की पेशकश कर सकते हैं, जिस कारण शायद रूस के साथ कोई सहमति की सम्भावना बनती दिखाई दे। ऐसे यत्न ही घटित हो रहे इस महादुखांत को खत्म करने में सहायक हो सकेंगे।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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