सुनीता विलियम्स व बुच विल्मोर की वापसी का काउंटडाउन शुरू
लंबे इंतजार के बाद 14 मार्च को भारतीय समयानुसार शाम करीब 4:30 बजे फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से एलन मस्क की अंतरिक्ष एजेंसी ‘स्पेसएक्स’ का रॉकेट ‘फॉल्कन-9’ लांच हो गया। हालांकि ‘फॉल्कन-9’ को 12 मार्च को लांच किया जाना था किंतु कुछ तकनीकी खामियों के चलते लांच से चंद मिनट पहले ही मिशन को टालना पड़ा था और अंतत: अब ‘फॉल्कन-9’ के लांच होने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। नासा का मानना है कि यदि सब योजना के अनुसार रहा तो दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 मार्च को धरती पर लौट आएंगे। ‘फॉल्कन-9’ में क्रू ड्रैगन कैप्सूल से जुड़ी चार सदस्यीय टीम आईएसएस के लिए रवाना हुई है और इस मिशन को क्रू-10 नाम दिया गया है। नए दल में नासा की ऐनी मैकक्लेन और निकोल अयर्स, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा के टकुया ओनिशी और रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के कोस्मोनॉट किरिल पेस्कोव शामिल हैं। ये चारों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर पहुंचकर सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और क्रू-9 के दो अन्य सदस्यों की जगह लेंगे और इस प्रकार क्रू-10 की टीम आईएसएस पर क्रू-9 को रिप्लेस करेगी। आईएसएस पर डॉक करने के बाद क्रू-10 का स्पेसक्राफ्ट एडजस्टमेंट के बाद संचालन संभालेंगा और फिर क्रू-9 मिशन 19 मार्च या उसके बाद किसी भी समय धरती पर लौटेगा। नासा के अधिकारियों की मानें तो दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 मार्च को पृथ्वी पर लौट सकते हैं। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में लैंड करेगा। ऐसी संभावना है कि उनका यान 19 या 20 मार्च को लैंड करेगा। वहां से रिकवरी टीमें उन्हें सुरक्षित रूप से किनारे पर लाने के लिए तैयार रहेंगी।
दोनों अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में नौ महीने से ज्यादा समय बिता चुके हैं जबकि उनका अंतरिक्ष मिशज महज 8 दिनों का था, जो अनिश्चिताओं के चलते बढ़ते-बढ़ते 270 दिनों से भी अधिक का हो गया। हाल ही में उन्होंने अपनी सबसे मुश्किल घड़ी का खुलासा भी किया था। सुनीता और विल्मोर ने बताया था कि अंतरिक्ष में फंसे रहने का उनका सबसे कठिन वक्त उनके लौटने का अनिश्चित समय रहा है। उनके लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय गुरुत्वाकर्षण की कमी नहीं था बल्कि उनके लौटने की समय सीमा को लेकर बरकरार अनिश्चितता थी। उनके परिवार के साथ-साथ पृथ्वी पर पूरी दुनिया ही उनकी वापसी का इंतजार कर रही है। आईएसएस से प्रेस को संबोधित करते हुए सुनीता का कहना था कि सबसे कठिन समय यह है कि धरती पर मौजूद लोगों को ठीक से पता ही नहीं है कि हम कब वापस आ रहे हैं।
नासा के लंबे समय के अंतरिक्ष यात्री सुनीता और विल्मोर 5 जून 2024 को महज 8 दिनों के प्रवास के लिए बोइंग स्टारलाइनर पर सवार होकर आईएसएस के लिए रवाना हुए थे लेकिन उनके कैप्सूल में लगातार आई गड़बड़ियों के कारण वे नौ महीने से भी अधिक समय से आईएसएस में रह रहे हैं। नासा का ‘स्टारलाइनर’ अंतरिक्ष यान पिछले साल सितम्बर में बिना क्रू के वापस आया था और बाद में नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव को स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन पर आईएसएस पर भेजा गया था, जिसमें फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दो सीटें आरक्षित थी लेकिन वह मिशन भी विफल रहा था। सुनीता और विल्मोर के साथ वे फरवरी में धरती पर वापस लौटने वाले थे लेकिन अब सभी चारों अंतरिक्ष यात्री अगले सप्ताह एक साथ वापस लौट सकते हैं। नासा के आईएसएस कार्यक्रम प्रबंधक डाना वाइगेल के मुताबिक, चूंकि क्रू-9 दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लांच हो रहा था, इसलिए विलियम्स और विल्मोर को लंबे समय तक चलने वाले मिशन के लिए समायोजित करना समझदारी थी।
वैसे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने को लेकर पिछले दिनों अरबपति एलन मस्क के दावों के बाद अमरीका में गंभीर विवाद भी पैदा हो गया था। दरअसल मस्क ने दावा किया था कि अंतरिक्ष यात्रियों को ‘राजनीतिक’ कारणों से अंतरिक्ष में छोड़ा गया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व बाइडेन प्रशासन जानबूझकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में देरी कर रहा था। ट्रम्प ने जनवरी में सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘मैंने मस्क से उन दो ‘बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों’ को वापस लाने को कहा है, जिन्हें बाइडेन प्रशासन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। वे अंतरिक्ष स्टेशन पर कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे और उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे।’ उसके जवाब में मस्क ने कहा था, ‘हम ऐसा ही करेंगे। यह भयानक है कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें इतने लंबे वक्त तक वहां छोड़ रखा है।’ हालांकि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने राजनीतिक तौर पर शुरू किए गए इस विवाद का यह कहते हुए शालीनता से पटाक्षेप कर दिया था कि वे जानते हैं कि उन्होंने वहां क्या जीवन जीया है जबकि बुच विल्मोर का कहना था कि उन्हें और सुनीता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि बाइडेन प्रशासन उन्हें वापस लाने के लिए क्या कर रहा था और इसलिए उन्हें मस्क के दावे पर विश्वास है। विल्मोर का यह भी कहना था कि यह ऐसी जानकारी है, जो हमारे पास नहीं है, इसलिए वह मस्क के दावे पर विश्वास करते हैं। वहीं सुनीता का कहना है कि ‘हमें घर वापस लाने की कोशिश करने वाले सभी लोगों का हम बहुत सम्मान करते हैं।’
दरअसल धरती की ग्रैविटी से इतने लंबे समय तक दूर रहने के बाद वापस धरती पर लौटना दोनों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इन चिंताओं का कारण यही है कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से मानव शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव पढ़ते हैं, जिनमें हड्डियों का घनत्व कम होना और मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल है। अंतरिक्ष में ज्यादा समय रहने से शरीर में तरल पदार्थों का बंटवारा भी प्रभावित होता है। अंतरिक्ष में विकिरण का जोखिम सबसे बड़ी चिंता का कारण होता है। पृथ्वी पर चुंबकीय क्षेत्र इंसान के शरीर को विकिरण से बचाता है लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं है। हालांकि आईएसएस में इससे बचाव के लिए कई उपाय भी किए जाते हैं लेकिन फिर भी जोखिम बरकरार रहता है। कुछ ऐसे अध्ययन सामने आ चुके हैं, जिनसे स्पष्ट हो चुका है कि अंतरिक्ष यात्री 150 से 6000 एक्सरे के बराबर विकिरण के संपर्क में आते हैं।
धरती की ग्रैविटी से दूर रहने के बाद वापस लौटने पर अंतरिक्ष यात्रियों को आम जीवन से जुड़ी कई समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनमें दिल कमजोर होना, बैलेंस बनाने में तकलीफ शामिल हैं। ग्रैविटी नहीं होने के कारण अंतरिक्ष में हृदय को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती, इसलिए धरती की ग्रैविटी में वापस आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों में हृदय से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। धरती की ग्रैविटी में वापस लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को फिर से संतुलन बनाने, खड़े होने और चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।