विश्व का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी
विश्व का सबसे छोटा देश ईसाइयों की धर्म नगरी वेटिकन सिटी है। वेटिकन सिटी को ’होली सिटी‘ कहते हैं। यह इटली की राजधानी रोम के ही एक भाग में स्थित है। इस देश की स्थापना फरवरी 1929 में हुई थी। वेटिकन सिटी को रोम में एक विदेशी अंत: क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया था।
कम से कम 5 सौ वर्षों से रोम में कैथोलिक ईसाई अपनी गतिविधियां चला रहे थे। 2०वीं शताब्दी में तो रोम में उनका लगभग प्रभुत्व हो गया था। उनके प्रभाव क्षेत्र में 41 हजार वर्ग किलोमीटर का एरिया था। पोप की समानांतर सत्ता चल रही थी। फलस्वरूप पोप और इतालवी सरकार के मध्य प्राय: टकराव पैदा हो जाता था। जनता परेशान थी। एक ओर आस्था उसे पोप की तरफ खींचती तो दूसरी ओर सरकार का भय था।
1929 में पोप और सरकार के मध्य एक समझौता हुआ जिसके अंतर्गत करीब 6० एकड़ के भूभाग को पृथक देश की मान्यता देते हुए उसे पोप के अधीन कर दिया गया। वर्तमान में वेटिकन सिटी की जनसंख्या एक हजार के आसपास है। यहां की मुद्रा इतालियन मुद्रा लीरा ही है। यहां की मुख्य भाषाएं लैटिन और इटालियन हैं। वेटिकन सिटी में आमदनी के लिए कोई उत्पादक कार्य नहीं करता। यहां न फसल उगाई जाती है न मिल फैक्ट्री हैं, न कोई अन्य उद्योग व्यापार। सारे सरकारी खर्च दान की राशि से होते हैं। प्रति वर्ष विदेशों से करोड़ों डॉलर वेटिकन सिटी को दान में प्राप्त होते हैं। पोप यहां राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष हैं। वे संप्रभु हैं। इसके पास नियमित सेना है। सन 14०० के आसपास वेतनभोगी नियमित सेना सर्वप्रथम पोप ने ही बनाई थी।
वेटिकन सिटी एक भव्य नगर है। यहां विशाल प्रार्थनागृह हैं। म्यूजियम, बगीचे, पुस्तकालय, पोप का भव्य और सुविधा संपन्न महल है। आजकल पोप के पद पर, जिन्हें ’पोप सोलहवां‘ कहा गया है। इस भव्य, शांत मगर व्यस्त नगर या देश को देखने विश्व भर से प्रति वर्ष लाखों लोग आते हैं।
वेटिकन का अपना हवाई अड्डा भी है। क्रि समस पर इसकी भव्यता स्वर्ग की कल्पना से भी आगे की होती है। दुनिया भर के कैथोलिक ईसाइयों को दिशा निर्देश यहीं से मिलते हैं। (उर्वशी)