बजट की संभावनाएं

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो 2 लाख 36 हज़ार करोड़ का बजट पेश किया है, उन्होंने उसमें अलग-अलग विभागों को राशि का विभाजन करते हुए प्रदेश के लगभग सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छुआ है। पंजाब को प्रत्येक पक्ष से ऊपर उठाने और विकास के पथ पर चलाने के लिए जहां इसके प्राथमिक ढांचे को मज़बूत करने की ज़रूरत होगी, वहीं प्रत्येक क्षेत्र के लिए रखी गई राशि को खर्च करने के लिए भी पारदर्शिता को यकीनी बनाना पड़ेगा, ताकि वित्तीय साधनों का सही उपयोग हो सके और प्रदेश के विकास की गति को तेज़ किया जा सके। इसके साथ ही इस संबंधी भी बड़ी योजनाबंदी करने की ज़रूरत होगी कि बजट में रखी अनुमानित राशि का आय के अलग-अलग साधनों द्वारा प्रबंध हो सके।
वित्त मंत्री अनुसार इस वर्ष प्रदेश के कुल घरेलू उत्पाद में 9 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जो 8 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में इसके 10 प्रतिशत बढ़ने का अंदाज़ा लगाया जा रहा है। इसी प्रकार ही अलग-अलग टैक्सों से 14 प्रतिशत अधिक आय का अंदाज़ा लगाया जा रहा है। वित्त मंत्री अनुसार औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकता में 27 प्रतिशत योगदान डाल रहा है। आबकारी विभाग का राजस्व 10,350 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें 63 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आगामी वर्ष आबकारी नीति अधीन 11,200 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया है। पेश बजट अनुमान अनुसार जी.एस.टी. में 62 प्रतिशत वृद्धि होने का अंदेशा लगाया गया है। हम हमेशा से ही इस बात के विरोधी रहे हैं कि मुफ्त की योजनाओं के ऐलान करके और उन पर अमल करके प्रदेश को कज़र् के जाल में फंसाया जाए, जिस तरह कि इस समय हो चुका है। पहले की सरकारें इस रास्ते पर चलती रही हैं। मौजूदा सरकार ने भी ऐसी नीति ही धारण की हुई है, जिससे अब तक पौणे 4 लाख करोड़ का कज़र् प्रदेश के सिर चढ़ चुका है। घरेलू उत्पाद के आधार पर यदि नज़र दौड़ाई जाए तो पंजाब पर सबसे अधिक कज़र् चढ़ चुका है, और यह कज़र्ा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसका ब्याज देना ही प्रदेश की आर्थिकता को बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। पहली सरकारों ने अलग-अलग वर्गों को खुश करने के लिए अनेक तरह की मुफ्त की योजनाओं का ऐलान किया था। मौजूदा सरकार ने इनको घटाने की बजाय इनमें और भी वृद्धि की है। चाहे इस बजट में और टैक्स तो नहीं लगाए गए पर इन मुफ्त की सभी योजनाओं को पहले की तरह जारी रखने का ऐलान ज़रूर किया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 5,598 करोड़ की राशि रखने के साथ-साथ प्रदेश के परिवारों के लिए 10 लाख की स्वास्थ्य बीमा योजना जारी करने का ऐलान किया गया है, जिसको एक बड़ी पहल ज़रूर कहा जा सकता है। इसके साथ ही शिक्षा और कृषि क्षेत्र के लिए भी राशि आरक्षित रखने का ऐलान किया गया है। सड़कों के लिए भी 28 हज़ार करोड़ का ऐलान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए साफ पानी और सैनीटेशन के लिए जहां 1,614 करोड़ खर्च करने का ऐलान किया गया है, वहीं गांवों की सड़कों की दयनीय हालत को सुधारने के लिए भी योजनाएं घोषित की गई हैं।
चाहे वित्त मंत्री ने इसको विकासोन्मुखी और आशा भरपूर बजट बताया है, पर आगामी समय में इस दिशा में काम करने के लिए बेहद अच्छे और मज़बूत सरकारी प्रयासों की ज़रूरत होगी। आज जिस स्थिति में से पंजाब गुज़र रहा है, सरकार के सामने अनेक ही ऐसी चुनौतियां खड़ी हैं, जिनका सामना करने के लिए प्रशासन को पूरी ताकत लगानी होगी। खासतौर पर नशों और अमन-कानून की बिगड़ती स्थिति प्रति दिखाई दृढ़ता सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी और यह प्रदेश के विकास का रास्ता पुन: खोलने के समर्थ हो सकेगी।

    —बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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