नदियों और झीलों में पाई जाने वाली झींगा मछली
झींगा मछली वास्तव में मछली नहीं है। यह ताजे पानी की नदियों और झीलों में पाया जाने वाला क्रस्टेशियन है। इसे अंग्रेजी में क्रे फिश कहते हैं। यह जिस पानी में चूने की मात्रा हो उसमें रहना पसंद करती है।
झींगा मछली समशीतोष्ण भागों में पायी जाती है। यह इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त राष्ट्र अमरीका, दक्षिणी अमरीका, न्यूगिनी, आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड आदि में काफी संख्या में देखने को मिलती है। झींगा मछली अफ्रीका में नहीं पाई जाती, किंतु मेडागास्कर में है। इसी तरह यह एशिया के बहुत बड़े भाग में नहीं पायी जाती, किंतु कोरिया और जापान के उत्तरी द्वीपों में बहुतायत से मिलती है। झींगा मछली की कुछ जातियां ऐसी हैं, जिन्हें सरलता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है और उन्हें पाला जा सकता है। उदाहरण के लिए फ्रांस की झींगा मछली ‘रेड क्ला’ को इंग्लैंड की थेम्स नदी में सफलतापूर्वक पाला जा रहा है। इसी तरह संयुक्त राष्ट्र अमरीका की झींगा मछली जर्मनी में फल-फूल रही है।
झींगा मछली की लगभग 500 जातियां तथा उपजातियां हैं, जिनमें शारीरिक संरचना आकार और आदतों में थोड़ा बहुत अंतर होता है। झींगा मछली अधिक तापमान सहन नहीं कर पाती, यह दोपहर के समय पानी में हो या पानी के बाहर छाह में चली जाती है। यह सर्दियों में नदी के किनारे मिट्टी में गहरी मांद बनाती है। कुछ जातियां वर्षभर मांदें बनाती हैं और जमीन पर रहती हैं।
झींगा मछली की शारीरिक संरचना बड़ी विचित्र होती है। सामान्यतया इसकी लंबाई 10 सेंटीमीटर या इससे कुछ अधिक होती है, किंतु कुछ जाति की झींगा मछलियां बहुत बड़ी तथा भारी होती हैं। विश्व की सबसे बड़ी झींगा मछली तस्मानिया में पायी जाती है। एस्टेकाप्सिस फ्रेंकलिनी नामक इस झींगा मछली का वजन 4 से 5 किलोग्राम तक होता है। झींगा मछली का रंग रेतीला पीला, हरा या गहरा कत्थई होता है। इसके शरीर के चार प्रमुख भाग होते हैं सिर, वक्ष, पेट और पूंछ। झींगा मछली का सिर और वक्ष एक आवरण से ढंका रहता है। इस आवरण का अगला सिरा नुकीला होता है। झींगा मछली के दो यौगिक आंखें होती हैं एवं सिर के अग्रभाग में संवेदनशील अंगों से युक्त 4 एंटीना होते हैं। इनके साथ ही एक जोड़ा लंबी एंटीना का होता है, जो स्पर्शेन्द्रिय का कार्य करता है। झींगा मछली के एक जोड़ा मजबूत और दो जोड़े कमजोर जबड़े होते हैं।
झींगा मछली का प्रमुख भोजन पानी के छोटे-छोटे जीव हैं। कुछ मछलियां जलीय पौधे खाती हैं। इसके शिकार करने का ढंग रोचक होता है। यह अपने शिकार को पैरों के अगले हिस्से से पकड़ती है और इसके बाद उसके टुकड़े टुकड़े कर देती है।
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