गाज़ा पट्टी का दुखांत

लगभग पिछले 13 महीनों से इज़रायल और गाज़ा पट्टी पर काबिज़ हमास के बीच चल रहे युद्ध में मानवीय जीवन का व्यापक स्तर पर नुकसान हो रहा है। गाज़ा पट्टी पर इज़रायली हमले तेज़ होते जा रहे हैं और व्यापक स्तर पर आम लोग मारे जा रहे हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। गाज़ा पट्टी क्षेत्र की इज़रायल द्वारा की गई घेराबंदी के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भेजी जा रही राहत सामग्री भी लोगों तक नहीं पहुंच रही, जिस कारण लोग भूख से भी मर रहे हैं।
20वीं सदी में विश्व में दूसरे बड़े युद्ध के बाद अंग्रेज़ों ने अपने कब्ज़े वाले मध्य पूर्व क्षेत्र इज़रायल में यहूदियों के लिए एक नया देश बसाने की घोषणा की थी। जिसके बाद विश्व भर से बड़ी संख्या में यहूदी इस क्षेत्र में आकर बसते रहे। इस समय के दौरान वहां रहने वाले फिलिस्तीनियों को व्यापक स्तर पर वहां से निकाल दिया गया था, जिन्होंने अलग-अलग पड़ोसी देशों में शरण ले ली थी। शेष बची फिलिस्तीनी आबादी इज़रायल के साथ लगते पश्चिमी किनारे और दूसरी ओर गाज़ा पट्टी में बढ़ती रही। यहां पहले फिलिस्तीन नैशनल लिबरेशन मूवमैंट (फताह) के नेतृत्व वाली फिलिस्तीनी सरकार सत्तारूढ़ थी। हमास नामक आतंकवादी संगठन ने गाज़ा पट्टी से फताह सरकार को हटा कर अपना कब्ज़ा कर लिया था। उस समय से ही इज़रायल और गाज़ा पट्टी में सख्त तनाव चलता आ रहा है। 7 अक्तूबर, 2023 को हमास गुरिल्लों ने इज़रायल के भीतर दाखिल होकर वहां सैकड़ों लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी और कुछ सौ को गिरफ्तार करके वह गाज़ा पट्टी में ले गए थे। जिस के बाद इज़रायल द्वारा किए गए हवाई और ज़मीनी हमलों के कारण गाज़ा पट्टी के लगभग 23 लाख लोग बुरी तरह से घिर गए। इस अवधि में अन्तर्राष्ट्रीय यत्नों से कई बार हमास और इज़रायल में युद्ध-विराम भी हुआ, परन्तु वह सफल न हो सका। हमास ने किसी भी स्थिति में बच गए इज़रायली कैदियों को रिहा करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुन: गाज़ा पट्टी पर हमले तेज़ कर दिए हैं, जिनमें सैकड़ों ही लोग मारे जा रहे हैं। जिस तरह कि हमने पहले ज़िक्र किया है, पिछले अढ़ाई महीनों से इज़रायल ने गाज़ा पट्टी में प्रत्येक तरह की भेजी जा रही राहत सामग्री को भी रोक रखा है, जिससे गाज़ा पट्टी में भुखमरी फैली हुई है।
इस बेहद नाज़ुक स्थिति के दृष्टिगत कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य भागीदार देशों ने इज़रायल को धमकी दी है कि यदि उसकी ओर से इसी तरह मानवीय हानि की जाती रही तो वह उसकी सहायता से पीछे हट जाएंगे। चाहे मौजूदा समय में नेतन्याहू ने भुखमरी की स्थिति के दृष्टिगत खाद्य एवं अन्य सामान गाज़ा पट्टी में भेजने की स्वीकृति दे दी है, परन्तु इस मानवीय दुखांत के दृष्टिगत विश्व भर के देशों को इज़रायल पर दबाव बनाने की ज़रूरत है, ताकि इस गम्भीर समस्या का कोई राजनीतिक हल निकल सके और यहां के लोग महा-दुखांत से बच सकें।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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