एक सार्थक कदम

जी.एस. टैक्स प्रणाली का सरलीकरण

वस्तु एवं सेवा कर अर्थात जी.एस.टी. परिषद् द्वारा कर-व्यवस्था के सरलीकरण के दृष्टिगत जन-साधारण और खास तौर पर देश के ़गरीब और मध्यवर्गीय लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जी.एस.टी. परिषद् की बैठक के बाद इस तथ्य की घोषणा स्वयं वित्त मंत्री ने की। सरलीकरण के इस फैसले के दृष्टिगत वस्तु एवं सेवा कर की पूर्व की पांच स्लैब की जगह केवल मात्र दो स्लैब यानि 5 और 18 प्रतिशत कर दी गई हैं, व्यापारी वर्ग को  बड़ी सुविधा मिलने की सम्भावना बनती है। व्यवसायिक क्षेत्र के सूत्रों के अनुसार इस फैसले के बाद अब एक ओर जहां करदाताओं की संख्या में बड़ी वृद्धि हो सकती है, वहीं कर-राजस्व में भी बड़े स्तर पर इज़ाफा होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। परिषद् द्वारा की गई घोषणा के अनुसार जी.एस.टी. की दो स्लैब बनाये जाने, और कर-ढांचे के सरलीकरण के बाद अब आम आदमी द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली अनेक वस्तुओं के दाम बड़ी सीमा तक कम हो जाएंगे। इनमें आटा, साबुन, तेल, सादा रोटी, घी, मक्खन, परांठा आदि के दामों में काफी कमी आ सकती है। सीमेंट, दो-पहिया वाहन, एयर-कण्डीशनर, कारों, ट्रैक्टर और टी.वी. की कीमतें भी कम हो जाने की सम्भावना है। जूते और कपड़ा सस्ता होने से भी सरकार और आम लोगों, दोनों को दो-तरफा लाभ हो सकता है। जीवन-रक्षक औषधियों और आम आदमी के उपयोग में आने वाली दवाओं की कीमतें भी इस फैसले के बाद नि:संदेह रूप से कम होंगी। व्यक्तिगत स्वास्थय एवं जीवन बीमा को पूर्णतया कर-मुक्त कर दिया गया है, जिसका लाभ व्यापक स्तर पर आम आदमी को ही होगा। स्कूली बच्चों के उपयोग में आने वाली वस्तुओं जैसे कि नक्शों, पैन्सिलों, कापियों आदि को पूर्णतया कर-मुक्त किया गया है। पेट्रोल और खाना पकाने वाली गैस की कीमतों में कमी आने से भी जन-साधारण को बड़े स्तर पर लाभ होने की सम्भावना बनती है। सबसे बड़ी बात यह कि कृषि क्षेत्र से सम्बद्ध वस्तुओं/पदार्थों के दामों में कमी आने से किसानों के बजट में बड़ा सुधार आ सकता है। 
इस प्रक्रिया के अन्तर्गत 12 और 28 प्रतिशत वाले दोनों स्लैब अब खत्म कर दिये गये हैं, और कि अब केवल दो ही स्लैब के तहत सभी प्रकार की वस्तुओं पर कराधान सम्पन्न किया जाएगा। अधिकतर वस्तुएं 5 प्रतिशत वाले स्लैब के दायरे में रहेंगी जबकि ऐश्वर्यपूर्ण वस्तुओं पर 18 प्रतिशत कर स्लैब होने से उनकी कीमतें बढ़ जाएंगी। इनमें सिगरेट, पान-मसाला, बड़ी कारें और 350 सी.सी. के मोटरसाइकिल आदि शामिल हैं।
वस्तु एवं सेवा कर परिषद् की इस घोषणा का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बात का दावा किया है कि इस फैसले से जन-साधारण, किसानों, मध्य वर्ग के लोगों, युवाओं और आधी दुनिया अर्थात महिला वर्ग को लाभ होगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि जी.एस.टी. में सुधार आने से देश के लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। इस फैसले का श्रेय भी स्वयं प्रधानमंत्री को ही जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से पहले ही ऐसे फैसले का संकेत दे दिया था। यह फैसला बेशक आगामी मास 22 सितम्बर से लागू होना है, किन्तु इस घोषणा के तुरंत बाद से समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों की ओर से इस संबंधी प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं।
हम समझते हैं कि किसी भी देश का प्रशासन सुचारू रूप से चलाने के लिए एक सतत् सक्रिय और मज़बूत कर ढांचे का होना बहुत ज़रूरी होता है। इसी सोच के तहत ही जी.एस.टी. प्रणाली का गठन किया गया था। देश में कर-एकत्रीकरण ढांचा पहले भी था, किन्तु नि:संदेह इस प्रणाली ने देश के राजस्व कोष और केन्द्र सरकार को मालामाल किया है। इसी कारण चिरकाल से इस ढांचे के तहत देश के आम लोगों को कुछ राहत दिये जाने हेतु इसके सरलीकरण की मांग की जा रही थी। नि:संदेह केन्द्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन-साधारण की इस मांग को स्वीकार करके जहां देश पर सामूहिक रूप से उपकार किया है, वहीं देश के ़गरीब और मध्य वर्ग के लोगों को बड़ी राहत भी प्रदान की है। इस कारण देश के लोग अब विगत कुछ समय से निरन्तर बढ़ती महंगाई और मूल्य-वृद्धि के ताप से राहत हासिल कर सकेंगे। नये स्लैब लागू होने के बाद लोगों को लगभग 175 उपयोगी वस्तुएं सस्ते दामों पर मिलने लगेंगी। उम्मीद है, देश में आगामी त्योहारों के मौसम में यह राहत सुकूनदायी सिद्ध हो सकेगी।

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