केन्द्रीय मंत्री का दौरा

लगभग दो सप्ताह से पंजाब भयावह बाढ़ का संताप झेल रहा है। रावी, सतलुज और ब्यास नदियों में भारी पानी आ जाने के कारण इनके किनारों पर बसे गांव तो बुरी तरह चपेट में आ गए हैं। दर्जनों ही व्यक्तियों के साथ बड़ी संख्या में पशु धन की भी बर्बादी हो चुकी है। फसलें तबाह हो गई हैं। हज़ारों ही लोग पानी भर जाने से घर-बार गंवा कर ऊंचे स्थानों पर अस्थायी डेरे लगाने हेतु मजबूर हैं। चाहे इस संकट के समय में देश-विदेश में बसे पंजाबियों के साथ-साथ पंजाब में अनेक संस्थाओं और संगठनों ने राहत कार्यों में दिन-रात एक किया हुआ है। प्रशासन और ज्यादातर मंत्री भी अपना-अपना ज़ोर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित कुछ स्थानों का दौरा ज़रूर किया है, परन्तु केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों और संबंधित मंत्रियों के साथ निजी तौर पर इस दु:खांत को कम करने के लिए उन्होंने कोई सम्पर्क नहीं किया। इसकी बजाये चिट्ठी-पत्रों द्वारा ही उन तक पहुंच की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशी दौरे के बाद हालात का जायज़ा लेने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री को फोन किया। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने हालात के विस्तारपूर्वक जायज़े के लिए उच्च स्तर की दो केन्द्रीय समितियां बनाईं जो पंजाब के दौरे पर हैं और जो हर स्थान पर जाकर हुए नुक्सान का विस्तारपूर्वक विवरण एकत्रित कर रही हैं।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी बाढ़ से हुए नुक्सान पर चिंता ही प्रकट नहीं की, अपितु लगातार बाढ़ प्रभावित अलग-अलग ज़िलों का दौरा करके वे केन्द्र को इस संबंध में लगातार रिपोर्ट भेजते रहे हैं। विगत अवधि में उन्होंने अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोज़पुर के प्रभावित क्षेत्रों का निरन्तर दौरा भी किया है। इसी क्रम में ही उन्होंने पंजाब के दौरे पर आए केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिल कर अपने द्वारा तैयार की बाढ़ की स्थिति के संबंध में विशेष रिपोर्ट भी सौंपी है, जिसमें जान-माल, फसलों के बर्बाद होने और मूलभूत ढांचे के हुए नुक्सान संबंधी केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने भी स्वयं स्थिति का जायज़ा लेने के लिए अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला ज़िलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। वहां के लोगों और किसानों से उनकी मुश्किलें सुनी हैं और कहा है कि इस संकट के समय में केन्द्र सरकार पंजाब के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से बाढ़ से हुए नुक्सान का पूरा जायज़ा लिया जा रहा है और केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक सम्भव सहायता की जाएगी। उन्होंने ये भावनाएं भी प्रकट की कि देश पर जब भी कोई संकट आया है तो पंजाब उसके समक्ष डट कर खड़ा होता रहा है और यहां के लोग देश भर में आई किसी भी मुसीबत में वहां जाकर डट कर सहायता करते रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें स्थिति का जायज़ा लेने के लिए यहां भेजा है। उनकी तमन्ना है कि वह पंजाब के लोगों की बेहतर ढंग से सेवा कर सकें। आज बुरी तरह आपदा में फंसे लोगों के साथ-साथ समूचे पंजाब निवासी यह उम्मीद ज़रूर कर रहे हैं कि केन्द्र सरकार इस कठिन समय में प्रत्येक पक्ष से उनके साथ खड़ी हो। 
केन्द्रीय मंत्री के पंजाब आने के बाद ऐसी भावनाओं के प्रकटावे से यह विश्वास ज़रूर बंधता है कि केन्द्र भरपूर ढंग से प्रदेश की सहायता करेगा और पुन: इसे पांवों पर खड़ा करने में पूरी तरह से सहायक होगा। शीघ्र इन भावनाओं को अमल में लाने से ही व्यापक स्तर पर हुए नुक्सान और प्रभावित लोगों की सुध ली जा सकेगी। यह दौरा ऐसा ही ढांढस देने वाला ज़रूर है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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