प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना सपनों को देगी नई उड़ान

भारत की विकास गाथा हमेशा से उसकी श्रम शक्ति द्वारा लिखी गई है। देश की अर्थ-व्यवस्था को गति देने में करोड़ों श्रमिकों के समर्पण और क्षमता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति की है। वर्ष 2014 में भारत विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था से आगे बढ़ते हुए आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 
 भारत के आर्थिक विकास के साथ-साथ रोज़गार का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरबीआई-केएलईएमएस के अनुसार जहां 2004-2014 के बीच केवल 2.9 करोड़ रोज़गार सृजित हुए थे, उसके बाद के दशक में 17 करोड़ से अधिक रोज़गार सृजित हुए। ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात वर्षों में लगभग आठ करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं। 
भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में बढ़तोरी होना भी हमारी एक बड़ी उपलब्धि है। 2015 में केवल 19 प्रतिशत भारतीय कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत आते थे। 2025 तक यह संख्या बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो चुकी है और 94 करोड़ लाभार्थी इसके दायरे में आए हैं, जिससे भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कवरेज देने वाला देश बन गया है। 
हमारी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जो एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय लाभांश है जो हमारी अर्थ-व्यवस्था को गति दे देता है जबकि पश्चिमी देशों में आबादी वृद्ध होती हो रही है। जनसांख्यिकीय लाभांश यानी इसकी युवा शक्ति को भारत इसकी सबसे बड़ी ताकत माना जाता रहा है। अमृत काल में जब हम 2047 तक एक विकसित भारत के विजन की दिशा में प्रयास कर रहे हैंए हमारे सामने कार्य स्पष्ट है : हमें ‘संभावना’ से ‘समृद्धि’ की ओर बढ़ना होगा।
रोज़गार अब केवल एक आर्थिक संकेतक नहीं रह गया है, यह सम्मान, समानता और राष्ट्रीय शक्ति का आधार है। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने युवाओं को रोज़गार योग्य बनाएं। इस आकांक्षा व अवसर के बीच के अंतर को पाटने के लिएए 15 अगस्त को लाल किला की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना शुरू करने की घोषणा की है। जिसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ, यह भारत के इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिससे 3.5 करोड़ से ज़्यादा रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
योजना के दो स्तंभ : पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन और नियोक्ताओं को सहायता
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना को इसकी संरचना ही अलग बनाती है। रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने वाले पहले के कार्यक्रमों के विपरीत यह योजना युवाओं की रोज़गार क्षमता और उद्यम प्रतिस्पर्धात्मकता की दोहरी चुनौती का एक साथ समाधान करती है। भाग ‘ए’ के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों (दो किश्तों में 15,000 रुपये तक) और भाग ‘बी’ के तहत नियोक्ताओं (प्रत्येक नए कर्मचारी के लिए प्रति माह 3,000 रुपए तक) को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके व्यवसायों के लिए नियुक्ति जोखिम को भी कम करता है।
इस योजना से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और नए कर्मचारियों को पहले दिन से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों से जोड़ा जा सकेगा। इस प्रकार यह योजना एक औपचारिक, सुरक्षित और उत्पादक श्रम बाज़ार की ओर एक संरचनात्मक कदम है। इसके अलावा विनिर्माण क्षेत्र में नियोक्ताओं को प्रोत्साहन पर अतिरिक्त ध्यान भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और प्रयास है। 
समावेशी और सतत विकास को गति देना
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना, योजना-आधारित पहलों से हटकर एक व्यापक रोजगार प्रणाली की ओर बदलाव का संकेत देती है। यह पूर्व की पहलों से मिली सीख पर आधारित है, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई), राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी वर्तमान योजनाओं का पूरक है। श्रमिकों और नियोक्ताओं, दोनों को प्रोत्साहन देकर प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना यह मान्यता देती है कि रोज़गार सृजन एक साझा ज़िम्मेदारी है। भारत डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए एक वैश्विक विनिर्माण केन्द्र बनने का प्रयास कर रहा है, जिसे यह योजना सुनिश्चित करती है।
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना : नए भारत की नींव 
यह योजना एक नीतिगत घोषणा से कहीं अधिक बढ़कर है। यह जनसांख्यिकीय लाभांश को सार्वजनिक समृद्धि में बदलने की दिशा में एक ठोस कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल विकसित भारत के विजन को साकार करने की नींव का हिस्सा है, जहां हर युवा को सार्थक रोज़गार मिलगा। रोज़गार निर्माण सही मायने में राष्ट्र निर्माण है। इस पहल के साथ मोदी सरकार अपनी इस प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है। हम सब मिलकर भारत की युवा शक्ति को नई उड़ान दे रहे हैं और उनके माध्यम से विकसित भारत के सपने को भी नई गति प्रदान कर रहे हैं।

-केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री, भारत सरकार

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