भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच साधारण खेल नहीं

बार-बार बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ। बेशक फिलहाल सीमा पर शांति है। पाकिस्तान की सैन्य शक्ति के अंदर ही अंदर क्या-क्या रचा जा रहा है, कौन कह सकता है। नि:संदेह हम चौथी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था हैं और तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति वाला देश हैं लेकिन बड़ा लोकतंत्र भी है जिसमें वाद-विवाद चलते ही रहते हैं। पिछले दिनों भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को लेकर विभाजित मत सामने आया वह यह कि जब पाकिस्तान के साथ हमारा संबंध शत्रु जैसा हो चुका है, उसने आतंकवाद पर कभी नियंत्रण नहीं किया, न ही कभी स्वीकार किया है। अपितु आतंकवाद को प्रोत्साहित किया है। ऑपरेशन सिंदूर का कारण भी उसकी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीति है, तब हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच क्यों खेलें? दूसरा पक्ष उन खेल प्रेमियों का है, जो भारत-पाकिस्तान का मैच देखना चाहते हैं, वे भारत में भी है और पाकिस्तान में भी। भारतीय दर्शक आम तौर पर चाहते हैं कि भारत-पाकिस्तान मैच हो और भारत पाकिस्तान को मैदान में हराकर जश्न मनाये। 
स्पष्ट है कि क्रिकेट की दीवानगी में इज़ाफा होता चला गया है और देश-विदेश में करोड़ों लोग मैदान में या टी.वी. चैनलों के माध्यम से सभी काम छोड़ कर क्रिकेट मैच देखते हैं। एशिया कप में भी दर्शकों की कोई सीमा नहीं है। भारत-पाकिस्तान मैच आम मैच नहीं होते। इसमें दर्शकों की भारी संख्या के जज़्बात जुड़ जाते हैं। हमने अक्सर उनको कहते हुए सुना है कि किसी अन्य देश से भारतीय टीम मैदान में बेशक हार जाए परन्तु पाकिस्तान से हार हमें कभी मंजूर नहीं। यह खेल का मैदान है जिसमें एक की जीत दूसरे की हार निश्चित होती है। कभी-कभी अच्छी तैयारी के बावजूद खिलाड़ी अच्छा परफार्म नहीं कर पाते, लेकिन भारत-पाकिस्तान मैच में आप अपने खिलाड़ियों को थोड़ी-सी भी छूट नहीं देना चाहते। 
सोच कर देखें, ऐसे माहौल में एक-एक खिलाड़ी पर कितना दबाव रहता होगा। टीमें उस दबाव को महसूस करती हैं, हर खिलाड़ी उस दबाव में मैदान में उतरता है। ऐसे में खेल स्वाभाविक खेल नहीं रह जाता। जुनूनी क्रिकेट प्रेमी अपना जुनून एक अलग ढंग से खिलाड़ियों पर लाद देते हैं। क्रिकेट का मैदान जैसे एक युद्ध का मैदान हो और दो देशों की ताकत का फैसला वहीं होना है। 
इन दिनों जो सूरते हाल नज़र आई है। उन्माद इस पर भी रहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ खेलना चाहिए या नहीं? जिसमें मीडिया की भूमिका अहम रही है। चैनल इस बहस के लिए विशेष कार्यक्रम रख रहे थे। पाकिस्तानी मीडिया को भी जानना चाहा। वहां भी यही चिंता थी कि भारत ने पहले भी हमें बुरी तरह हराया है। अबकी बार हमारी टीम को बदला लेना चाहिए।  दोनों देशों में यह उन्माद एथलैटिक्स मुकाबलों को लेकर नहीं के बराबर है। भारत पाकिस्तान के दो मैच एशिया कप 2025 में पहले हुए। दोनों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। फाइनल मुकाबले के लिए दोनों टीमें आमने सामने थीं। जहां फिर भारतीय टीम ने पाकिस्तान टीम को हरा दिया। नि:संदेह भारत अब अच्छी स्तरीय क्रिकेट खेल रहा है, लेकिन फिर सवाल यही है कि भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच देश की नाक का सवाल क्यों बन जाता है?

#भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच साधारण खेल नहीं