नायब सैनी सरकार ने एक साल पूरा होने पर बढ़ाई 200 रुपए बुढ़ापा पैंशन

हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बुजुर्गों की बुढ़ापा सम्मान पैंशन 3000 रुपए से बढ़ाकर 3200 रुपए महीना करने का ऐलान हुआ है। यह बढ़ी हुई पैंशन 1 नवम्बर से लागू होगी। नायब सैनी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का एक साल 17 अक्तूबर को पूरा हुआ है। इस मौके पर पंचकूला में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया और उस आयोजन में मुख्यमंत्री ने यह ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा ने लोगों के साथ जो 217 संकल्प घोषित किए थे, उनमें से 46 संकल्प पूरे कर लिए गए हैं। सरकार का दावा है कि प्रदेश के 60 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को बुढ़ापा सम्मान पैंशन का लाभ मिल रहा है। 2024 में पैंशन को 2750 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए किया गया था और अब इसे 3200 रुपए महीना कर दिया गया है। सरकार का यह भी दावा है कि हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही 3200 रुपए महीना बुढ़ापा सम्मान पैंशन की राशि पूरे देश में सबसे ज्यादा है। 
गरीबों को मिले प्लॉटों के आवंटन पत्र
सरकार के एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 141 गांव और 2 महाग्राम पंचायतों में 8029 गरीब परिवारों और मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत पिंजौर के 518 गरीब परिवारों को प्लॉटों के आवंटन पत्र सौंपे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर शनिवार को सरकारी छुट्टी होने के बावजूद संबंधित जिलों में तहसील कार्यालय खुले रखे गए ताकि गरीब लोग अपने प्लॉटों की रजिस्टरी करवा सकें। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 1044 करोड़ की राशि जारी की और 322 गांवों में फिरनियों के निर्माण के लिए 169 करोड़ रुपए दिए गए। इसके साथ ही शहरों के विकास कार्यों के लिए भी 1483 करोड़ रुपए जारी किए गए। 
25 नवम्बर को कुरुक्षेत्र में मोदी
नायब सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर पहले 17 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनीपत में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन प्रदेश में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या किए जाने से पैदा हुए हालात के चलते प्रधानमंत्री का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था। अब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रधानमंत्री से दोबारा समय मांगा है। उम्मीद की जा रही है कि 25 नवम्बर को कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा आ सकते हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा दौरे को लेकर 18 अक्तूबर को पटना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके कुरुक्षेत्र दौरे को लेकर चर्चा की थी। केंद्रीय गृह मंत्री ने भी प्रधानमंत्री का हरियाणा दौरा जल्द तय करवाने का भरोसा दिया था। पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हरियाणा का यह तीसरा दौरा होगा। 8 दिसम्बर 2024 को प्रधानमंत्री ने पानीपत में बीमा सखी योजना की शुरुआत की थी और उसके बाद 14 अप्रैल 2025 को हिसार में हरियाणा के पहले एयरपोर्ट से अयोध्या के लिए उड़ान की शुरुआत की और यमुनानगर में 800 मेगावॉट की थर्मल यूनिट का शिलान्यास किया था। अब प्रधानमंत्री के कुरुक्षेत्र में अगले महीने आयोजित होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। 
नए जिले बनने की उम्मीद
हरियाणा में प्रशासनिक ढांचे को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार कई बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। इन फैसलों में प्रदेश में कुछ नए जिलों, नए उपमंडलों, तहसीलों और उप-तहसीलों का भी गठन किया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में हरियाणा के पंचायत एवं विकास मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा सदस्य हैं। इनके अलावा राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और विशेष सचिव कमलेश भादू भी शामिल हैं। कैबिनेट सब कमेटी में अब तक 11 नए जिलों, 14 नए उपमंडलों, 4 नई तहसीलों और 27 उप-तहसीलों के गठन से संबंधित प्रस्ताव पारित हुए हैं। ये सभी प्रस्ताव प्रशासनिक पुनर्गठन सब कमेटी की 5वीं बैठक में प्रस्तुत किए गए। जिन नए जिलों के गठन की मांग की जा रही है, उनमें डबवाली, हांसी, गोहाना, असंध, सफीदों, बरवाला, पिहोवा, पटोली, मानेसर और नारायणगढ़ शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि डबवाली और हांसी को प्रदेश सरकार ने पहले ही पुलिस जिला घोषित किया हुआ है और इन दोनों स्थानों पर जिला पुलिस कप्तान नियुक्त किए जाते हैं। वैसे भाजपा ने पार्टी संगठन के हिसाब से भी डबवाली और हांसी को जिला घोषित कर रखा है। 
31 दिसम्बर तक होगा निर्णय
प्रदेश सरकार को इन प्रस्तावों पर 31 दिसम्बर 2025 से पहले निर्णय लेना होगा। भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनगणना से पहले किसी भी प्रशासनिक सीमा में बदलाव की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 है। यदि इस समय सीमा में निर्णय नहीं लिया गया तो फिर अगला अवसर जून 2027 के बाद ही मिल सकेगा, जब अगली जनगणना प्रक्रिया पूरी होगी। नए जिले बनाने के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उनके अनुसार गांवों की संख्या 125 से 200, जनसंख्या 4 लाख से अधिक, क्षेत्रफल 80 हजार हैक्टयर से ज्यादा होना चाहिए। इसी तरह के मापदंड उपमंडल, तहसील व उप-तहसील के गठन के लिए तय किए गये हैं। कैबिनेट सब कमेटी इन सभी प्रस्तावों पर विचार करने के बाद अपनी सिफारिशों को मुख्यमंत्री के पास भेजेगी और मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद नए प्रशासनिक बदलाव को मंजूरी मिल सकती है। फिलहाल सभी की नजरें इस ओर लगी हुई हैं कि प्रदेश में कौन-कौन से नए जिले, उपमंडल, तहसील व उप-तहसीलों का गठन होगा। 
स्टेट गेम खिलाड़ियों को ग्रेडेशन सर्टीफिकेट नहीं
इस साल प्रदेश में होने जा रही हरियाणा स्टेट गेम्स- 2025 में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाले सर्टीफिकेट के आधार पर अब स्पोट्स् ग्रेडेशन सर्टीफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। हरियाणा खेल विभाग के प्रधान सचिव की ओर से हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि विभाग के संज्ञान में आया है कि हरियाणा ओलंपिक संघ के 2 से 8 नवम्बर तक पंचकूला में आयोजित किए जा रहे हरियाणा स्टेट गेम्स के प्रचार में यह कहा जा रहा है कि इस प्रतियोगिता के सर्टीफिकेट से खिलाड़ियों को ग्रेडेशन का लाभ मिलेगा। उन्होंने विभाग की ओर से स्पष्ट किया कि स्टेट गेम्स के सर्टीफिकेट हरियाणा सरकार की 15 नवम्बर 2018 की अधिसूचना के अनुसार मान्य नहीं हैं। खेल विभाग के अनुसार केवल वही टूर्नामैंट और प्रतियोगिताएं गे्रडेशन के लिए मान्य है जो विभाग द्वारा मंजूर और अधिसूचना के तहत सूचीबद्ध हैं। 
विभाग ने यह भी कहा कि हरियाणा स्टेट गेम्स चाहे बड़े स्तर पर आयोजित किए जा रहे हों लेकिन इस आयोजन को वर्तमान में मान्य प्रतियोगिताओं की सूचि में शामिल नहीं किया गया है। इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाले प्रमाण पत्रों के आधार पर किसी भी स्तर का खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। खेल विभाग ने खिलाड़ियों से यह भी अपील की कि वे किसी भी आयोजन में भाग लेने से पहले उसकी मान्यता अवश्य जांच लें ताकि बाद में ग्रेडेशन या नौकरी के संबंध में मिलने वाले लाभों के लिए किसी प्रकार की कोई गलतफहमी न रहे। विभाग ने इस पत्र की प्रति खेल मंत्री, महानिदेशक खेल विभाग और खेल विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) को भी भेजी है। 

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