सुरक्षित यात्रा एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है ‘परिवहन दिवस’
आज के लिए विशेष
विश्व परिवहन दिवस प्रत्येक वर्ष 10 नवम्बर को मनाया जाता है। परिवहन केवल यातायात का साधन नहीं है, बल्कि यह सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को सार्वजनिक परिवहन के लाभों के प्रति जागरूक करना ताकि हम सब एक स्वच्छ, सुलभ और सतत परिवहन प्रणाली की दिशा में कदम बढ़ा सकें। परिवहन दिवस प्रदूषण के साथ सड़क हादसों से बचाव का सन्देश देता है। हमारे देश में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते है। देश में सड़क हादसों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। देश और दुनिया में परिवहन के साधन बढ़ने के साथ ही कई तरह की व्यवस्थाएं भी बिगड़ रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस दिन लोगों को यातायात से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है। यातायात नियमों और दुर्घटनाओं, निजी वाहनों के उपयोग के परिणामों, सार्वजनिक परिवहन का अनुशासन में रह कर उपयोग किये जाने की ज़रुरत है। भारत में सड़क परिवहन की शुरुआत रेल परिवहन से बहुत पहले ही हो गई थी।
निर्माण और रखरखाव के मामले में रेल की तुलना में सड़कें बेहतर साबित होती हैं। देश के आर्थिक जीवन में परिवहन का अत्यधिक महत्व होता है। वर्तमान प्रणाली में यातायात के अनेक साधन, जैसे-रेल, सड़क, हवाई यातायात इत्यादि शामिल हैं। सड़कों का देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। सड़कों का आधारभूत ढांचा हमारी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। भारत के परिवहन क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 5.5 प्रतिशत का योगदान है । इनमें सड़क परिवहन का हिस्सा लगभग 5 प्रतिशत है।
दुनिया भर के बहुत-से देशों में सड़कों पर वाहनों की निरंतर बढ़ती संख्या परिवहन प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। हमारा देश भारत भी इस समय परिवहन प्रदूषण की विभीषिका से जूझ रहा है। सड़कें हमारे परिवहन का मुख्य साधन हैं। जहां हर प्रतिदिन हमारे लाखों व्यवसायिक और निजी वाहन सरपट सड़कों पर दौड़ते हैं। सड़क परिवहन ने सामाजिक एवं आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। सड़क परिवहन के विस्तार को जहां परिवहन के विकास से जोड़कर देखा जाता है, वहीं पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव भी किसी से छिपे नहीं हैं। परिवहन के साधनों के तीव्र विकास के साथ-साथ प्रदूषण जैसे दुष्परिणाम को भी हम भुगत रहे हैं। हमें परिवहन से हो रहे प्रदूषण को रोकने पर ध्यान देना होगा। देश में कुल वायु प्रदूषण का लगभग 40 प्रतिशत सड़क यातायात के कारण होता है और इसलिए देश में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना बहुत ज़रूरी है। सार्वजनिक परिवहन न केवल हमारी यात्रा को सुगम बनाता है, बल्कि हमारे शहरों और पर्यावरण को भी एक नई दिशा देता है।
भारत 140 करोड़ लोगों का देश है और मोटर वाहनों या ऑटोमोबाइल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। अधिकतर वाहन या तो पेट्रोल या डीज़ल से संचालित होते हैं, पर्यावरण और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को बेहद प्रभावित करते हैं। आमतौर पर कार से निकलने वाले प्रदूषक तत्व वातावरण में ग्रीनहाउस उत्सर्जन के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक हैं। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित है और इसका सबसे बड़ा कारण वाहन प्रदूषण का बढ़ता स्तर है जिस पर सभी को शीघ्र ध्यान देने की आवश्यकता है। सड़क पर वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ वाहन प्रदूषण के प्रभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। वाहन प्रदूषण के प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं और स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी समस्याएं पैदा कर रहे हैं।
परिवहन अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। परिवहन के कारण ही कच्चा माल कारखानों तक पहुंच पाता है और उत्पाद ग्राहकों तक पहुंचते हैं। परिवहन से हमारा आशय यात्रियों एवं वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने से है। परिवहन के साधन किसी देश के उद्योग व कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी देश में परिवहन तंत्र की सघनता और आधुनिकता वहां के आर्थिक विकास का संकेत है। भारत एक विशाल देश है, जिसमें प्राकृतिक, आर्थिक, सामाजिक व अन्य विविधताएं पाई जाती हैं। इन विविधताओं को एकता के सूत्र में बांधने में परिवहन साधनों का विशेष योगदान है। परिवहन के माध्यम से ही कृषि तथा औद्योगिक उत्पादन की आपूर्ति संभव है।
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