कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति

पंजाब में तरनतारन विधानसभा उप-चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर एक बार फिर उंगलियां उठने लगी हैं। प्रदेश पहले ही विगत कुछ वर्षों से इस मामले में काफी चिन्ताजनक स्थिति में है। गोलीबारी की घटनाएं, हिंसा, हत्याएं और गैंगस्टरवाद के कारण पंजाब का हित-चिन्तन करने वाले लोग बेहद चिन्तित हैं, किन्तु हाल ही में ऐसी घटनाओं में फिर एकाएक वृद्धि हुई है। बेशक सरकार समय-समय पर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भरसक प्रयास करती रहती हैं। प्रशासनिक  स्तर पर भी प्रदेश में शांति-व्यवस्था बनाए रखने और इसी प्रकार की हिंसा-जनित घटनाओं को रोकने के लिए समुचित  कार्रवाई की जाती रहती है, किन्तु इतना सब कुछ होने के बावजूद प्रदेश में हिंसा और हत्याओं का दौर थम नहीं रहा है। लूट-पाट और छीना-झपटी की घटनाएं भी जैसे आम दिनों का हिस्सा बन गई हैं। लुटरे और छीना-झपटी करने वाले न केवल दबंग होते जा रहे हैं, अपितु हिंसक भी होने लगे हैं। लूट और छीना-झपटी के अलावा वे छोटा-मोटा विरोध करने पर पीड़ित को बुरी तरह से घायल करने में भी संकोच नहीं करते। यहां तक कि उनकी हत्या कर देने की नौबत तक चले जाते हैं। अक्सर ऐसे लोग नशेड़ी होते हैं, और नशे की लत को पूरा करने के लिए वे किसी भी तरह का छोटा-बड़ा अथवा गम्भीर अपराध करने की नौबत तक चले जाते हैं।
नि:संदेह इन घटनाओं के कारण प्रदेश के लोगों में भय व्याप्त है। सरे-राह होने वाली लूटपाट से बचने के लिए अक्सर लोगों ने रात-बेरात बाहर निकलना ही बन्द कर दिया है। सुबह-शाम सैर करने हेतु निकले लोग भी भयभीत हैं। यहां तक कि घरों के बाहर और भीतर बैठे लोग भी लूटपाट और गोली मारे जाने से सुरक्षित नहीं रहे हैं। दुकानों के भीतर बैठे दुकानदारों को हथियारों के बल पर लूटने की घटनाएं आम हो गई हैं। जालन्धर के भार्गव कैम्प में दिन-दहाड़े सर्राफ की दुकान पर हथियारों के साथ की गई लूट इस अराजक स्थिति का एक बड़ा उदाहरण है। यह तो लूट नहीं है। इस सीमा तक की गई गुंडागर्दी डाका-जनी तक चली जाती है। इस प्रकार की एक घटना लुधियाना के थाना डुगरी इलाके में हुई जहां एक व्यवसायी के घर पर लूट की नीयत से कुछ सशस्त्र बदमाशों ने हमला कर दिया हालांकि ़गनीमत रही कि व्यवसायी पिता-पुत्र की सूझ-बूझ से कोई हताहत नहीं हुआ। लुधियाना में बस्ती जोधेवाल में भी एक दुकान को लूटने का प्रयास दुकान पर बैठे बाप-बेटे ने विफल कर दिया। मालेरकोटला के अमरगढ़ में गुण्डा तत्व दिन-दहाड़े कपड़े की एक दुकान को लूट कर फरार हो गये। लुधियाना में ही चोरी के संदेह में पकड़े गए एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दिये जाने की घटना भी दिल को दहला देने के लिए काफी है। अभी कुछ ही दिन पूर्व एक युवती द्वारा लूट की घटना से बच कर भागने का प्रयास करने से ़ख़फा दो लुटेरों में से एक ने युवती के सिर पर दातर मार कर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। ये कुछ उदाहरण-स्वरूप घटनाएं हैं अन्यथा शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब इस प्रकार की गोलीबारी, हत्या, लूट-पाट अथवा डाकाज़नी जैसी कोई घटना न होती हो।
नि:संदेह यह स्थिति किसी भी सरकार के लिए नमोशी जैसी बात हो सकती है। हम समझते हैं कि सरकारें स्वत: रूप से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए भरसक प्रयास करती रहती हैं, किन्तु इस प्रकार की घटनाओं का निर्बाध रूप से जारी रहना भी किसी लोकतांत्रिक सरकार के लिए उचित नहीं है। प्रदेश सरकार की ओर से पिछले कुछ दिनों में कथित आतंकवादी और गुण्डा तत्वों की गिरफ्तारियां की गई हैं। बड़ी मात्रा में हथियार और गोली-सिक्का भी पुलिस प्रशासन ने कब्ज़े में लिया है। अपराधों के लिए उत्तरदायी बनने वाले नशे की रोकथाम हेतु भी प्रशासन की ओर से प्रयास किये गये हैं। तथापि, हम समझते हैं कि किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के शासन में आम लोगों को भय-रहित जीने और कानून के दायरे में अपना कार्य-व्यापार करने की सुविधा अवश्य मिलनी चाहिए। इस हेतु सरकार को हर वो सम्भव प्रयास करना चाहिए जिससे कानून और शांति व्यवस्था बनी रहे। यह भी कि यह कार्य सरकार को यथा-शीघ्र करना चाहिए। तभी किसी सरकार के अस्तित्व को सार्थक कहा जा सकता है। 

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