कॅरियर में कामयाबी की नई मैरिट है डिजिटल दक्षता
आज की दुनिया में कॅरियर सिर्फ डिग्री, अनुभव या पुराने सर्टिफिकेट पर नहीं रूकते। वास्तव में प्रोफेशनल सफलता की परिभाषा अब बिल्कुल बदल चुकी है। कंपनियों से लेकर स्टार्टअप तक हर जगह अब जिस एक चीज की योग्यता सबसे ज्यादा समझी जाती है, वह डिजिटल दक्षता। जी हां, डिजिटल टेक्नोलॉजी में माहिर होना, आज कामयाबी की सबसे ऊंची मैरिट है। आज हर जगह जिस योग्यता की सबसे ज्यादा पूछ है, वह डिजिटल टेक्नोलॉजी है यानी डिजिटल टेक्नोलॉजी को समझना और उसे अपने कामकाज में इस्तेमाल करना, यही आज स्मार्ट होने का सबसे बड़ा पैमाना है। इसलिए कहते हैं, डिजिटल टेक्नोलॉजी ही आज कॅरियर की नई मैरिट है।
आखिर क्यों बदली यह कॅरियर मैरिट?
पिछले एक दशक से कामकाजी दुनिया में जितना तेज़ बदलाव हुआ है, पिछले 50 सालों में उतना बदलाव किसी क्षेत्र में नहीं हुआ। एआई आटोमेशन, रिमोट वर्क, एप इकोनॉमी और डेटा ड्रिविन फैसलों ने हर सेक्टर की कार्यशैली को एक नई दिशा दी है। क्योंकि अब किसी भी जगह कागज में काम नहीं होता। हिसाब-किताब रखने की जगह भी स्क्रीन है, इसलिए हर विभाग का केंद्र डाटा बन चुका है। मीटिंग अब ऑफिस में कम, ऑनलाइन ज्यादा होती है। इसलिए टेक और सक्षम कर्मचारी ही कंपनी की पहली पसंद होती है। ऐसे में अगर अपने कॅरियर को आगे बढ़ाना है तो डिग्रीडिजिटल स्किल में दक्षता हासिल करिए, यही एकमात्र आगे बढ़ने का जरिया है। अगर डिग्री है, डिजिटल स्किल नहीं है तो याद रखिए कि चाहे आपके पास हार्वर्ड की डिग्री क्यों न हो, आसानी से नौकरी नहीं मिलने वाली।
डिजिटल टेक आज की प्रोफेशनल भाषा
कॅरियर कोई भी हो, लेकिन आज हर कॅरियर की प्रोफेशनल भाषा डिजिटल टेक्नोलॉजी है। फिर चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, कृषि क्षेत्र हो, ेबैंकिंग हो, पत्रकारिता हो, कानून हो, मीडिया या इंजीनियरिंग हो, हर क्षेत्र डिजिटल टेक्नोलॉजी से ही संचालित होता है। इसलिए आज किसी भी कॅरियर के लिए ये क्षमताएं ज़रूरी हैं। जानकारी खोजने की डिजिटल क्षमता, ई-मेल प्रस्तुति और ऑनलाइन संचार, एआई टूल्स का उपयोग, एक्सेल पावर, वीआई जैसे डाटा टूल्स, टीम वर्क के लिए जूम, स्लैक, टीम्स जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल, सोशल मीडिया और डिजिटल ब्रांडिंग आदि जो व्यक्ति अपने कॅरियर में इन्हें नहीं अपनाता या अपनाने की क्षमता नहीं रखता, तो समझिये वो आधुनिक जॉब मार्केट से बाहर हो चुका है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेस-हमारा नया सहकर्मी
साल 2025 का कार्यक्षेत्र एआई-सहयोगी होने के दौर में प्रवेश कर चुका है। याद रखिए एआई अब सिर्फ मशीन नहीं यह आपकी अदृश्य मददगार टीम है। आज एआई ही हमारे कॅरियर को आगे बढ़ाता है। क्योंकि एआई से ही हमारे ज्यादातर शोधकर्ता शोध करते हैं और जानकारियां जुटाते हैं। ई-मेल पर रिपोर्ट लिखने का यही बढ़िया माध्यम है। प्रस्तुतियों को तैयार करना, प्रोजेक्ट की प्लानिंग करना, कोड और ऑटोमेशन तथा इंटरव्यू की तैयारी व नये कौशल सीखने में सहायता पहुंचाना। ये सब एआई के जरिये ही संभव है। आज एआई के उपयोग करने वाले प्रोफेशनल उसी काम को दूसरे लोगों के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत कम समय में कर लेते हैं और दूसरों से ज्यादा प्रोफेशनल होते हैं। इसलिए कॅरियर में मनचाही कामयाबी चाहते हैं और अभी तक डिजिटल टेक्नोलॉजी में दक्ष नहीं हैं तो आंख मूंदकर पहले दक्षता हासिल कर लें।
जीवन रक्षक कौशल भी है डिजिटल दक्षता
आज कंपनियां अपने कर्मचारियों से यह नहीं पूछतीं कि आप कंप्यूटर जानते हैं या नहीं बल्कि पूछते हैं आप कौन सा डिजिटल टूल कितनी दक्षता से इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसके लिए कोई विशेष डिजिटल स्किल न मौजूद हो। जरा इन कुछ डिजिटल तकनीकों पर नज़र दौड़ाइये और फिर सोचिए दफ्तरों का कितने फीसदी काम डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिये होता है- डाटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्यूरिटी बेसिक्स, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, ऑटोमेशन टूल्स, एक्सल एडवांस, ग्राफिक-वीडियो टूल, सीआरएम/ईआरपी सॉफ्टवेयर, एआई सपोर्ट तथा वर्क फ्लो हैं। ये सारे के सारे कोर्स अब मैरिट लिस्ट का आधार बन चुके हैं और करीब-करीब हर क्षेत्र की नौकरी का हिस्सा हैं।
नेटवर्किंग का मतलब है अब डिजिटल नेटवर्किंग
लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म अब रेज्यूमें से कहीं ज्यादा शक्तिशाली साबित हुए हैं। यहां की आपकी तस्वीर, प्रोफाइल, पोस्ट, कमेंट, बातचीत, सब आपकी डिजिटल पहचान बनाते हैं। डिजिटल नेटवर्किंग के बहुत फायदे हैं। इससे हमारी अवसरों तक सीधे पहुंच बनती है। इंडस्ट्री लीडर से सीधा संवाद होता है। छुपी हुई नौकरियों का पता चलता है और प्रोजेक्ट तथा फ्रीलांस काम होते हैं। और अंत में हर व्यक्ति अपने आप में सेल्फ ब्रांड होता है और यह कंसेप्ट भी डिजिटल मीडिया से ही आया है। आज 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियां रेफ्ररल या नेटवर्क से मिल रही हैं और यह आंकड़ा यहां रूका नहीं है, लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्यों डिजिटल टेक्नोलॉजी ही दक्षता का असली मतलब है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर

