भारत में निवेश हेतु शीर्ष तकनीकी कम्पनियों में होड़

पहले गूगल, फिर माइक्रोसाफ्ट, अब एमेजान। इन विशाल तकनीकी कम्पनियों ने भारत पर भरोसा करके आलोचकों को चुप करा दिया है। रूस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के बाद दो घटनाओं ने दुनिया का ध्यान खींचा है। एक घटना अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले से जुड़ी है जबकि दूसरी इंटरनेट दिग्गज कम्पनियों द्वारा भारत में बड़े निवेश की घोषणा से संबंधित है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय चावल के निर्यात पर टैरिफ लगाने की बात कह कर सभी को चौंका दिया है। भारत और अमरीका के बीच व्यापार समझौते अंतिम चरण में हैं, तभी उन्होंने भारत के चावल के निर्यात पर टैरिफ बढ़ाकर लगाम कसने की बात कही है।
माइक्रोसाफ्ट, गूगल, एमेजान जैसी इंटरनेट दिग्गज कम्पनियों के बीच तकनीक के मामले में वर्षों से कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। ऐसा लग रहा है कि इन कम्पनियों ने भारत को अपनी प्रतिस्पर्धा का मंच बना दिया है। माइक्रोसाफ्ट द्वारा भारत में 17 बिलियन डालर के निवेश की घोषणा के ठीक अगले ही दिन, एमेजान ने भी भारत में 35 बिलियन डालर के निवेश की घोषणा की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बाज़ार पर कब्ज़ा करने के लिए इन विशाल कम्पनियों के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा लोगों की नज़रों में आ गई है। एमेजान कम्पनी की खासियत यह है कि जहां माइक्रोसाफ्ट निवेश करती है, वह भी वहां पहुंच जाती है। ये दोनों नए बाज़ार की तलाश में रहती हैं। भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। नई टेक्नोलाजी अपनाने और क्रय शक्ति में भी भारतीय अग्रणी हैं। ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजान ने महीने की शुरुआत में भारत में 12.7 डालर बिलियन के निवेश की घोषणा करके एआई और वेब टेक्नोलाजी में भारत की क्षमता बढ़ाने के अपने इरादे पर ज़ोर दिया था। एमेजान तेलंगाना और महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट्स का विस्तार करेगा। 2010 से अब तक एमेजान ने भारत में 40 डालर बिलियन का निवेश किया है। भारत में एमेजान की कम्पनी में कुल 1,20,000 कर्मचारी हैं।
माइक्रोसाफ्ट की बात करें तो वह क्लाउड और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर 17.5 बिलियन डालर का निवेश करेगी। इससे पहले जनवरी में कम्पनी ने 3 बिलियन डालर के निवेश की घोषणा की थी। यह राशि 2026 के अंत तक उपयोग में लाई जाएगी। माइक्रोसाफ्ट के भारत कार्यालयों में 22,000 से अधिक लोग काम करते हैं। कम्पनी द्वारा 2030 तक नए निवेश की घोषणा से कर्मचारियों की संख्या 60,000 तक पहुंच सकती है।
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि पिछले अक्तूबर में गूगल ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 15 बिलियन डालर का निवेश करने की घोषणा करके वहां डेटा सेंटर स्थापित करने की तैयारी की थी। गूगल ने यह भी कहा था कि विशाखापत्तनम को पांच वर्षों में एआई हब बनाया जाएगा।
इंटरनेट दिग्गज कम्पनियां भारत में निवेश करके रोज़गार बढ़ाने में सहायता करेंगी और विदेश में माल की सप्लाई करेंगी, जिससे निर्यात की मात्रा में वृद्धि होगी। माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा था कि भारत में निवेश का सिलसिला शुरू हो गया है। टेक्नोलाजी में अग्रणी कम्पनियों ने भारत पर भरोसा किया है। जब एमेजान और माइक्रोसाफ्ट जैसी कम्पनियां भारत में भारी निवेश कर रही हैं तो उनके पदचिन्हों पर चलते हुए अन्य छोटी कम्पनियां भी आगामी दिनों में भारत में निवेश की घोषणा कर सकती हैं। सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री से मिलने के बाद भारत की नीतियों, कार्यक्रमों, प्रोत्साहन और टेक्नोलाजी के कार्यान्वयन की प्रशंसा की थी। साइबर सुरक्षा के बारे में उन्होंने कहा था कि वैश्विक इंटेलिजेंस का उपयोग करके साइबर वार शुरू किए बिना कोई विकल्प नहीं है। अमेरिका की नामांकित टेक्नोलाजी कम्पनियों द्वारा भारत में अरबों के निवेश की घोषणा करना बाज़ारों के लिए अच्छे संकेत हैं। गुरुवार के शेयर बाज़ार में देखी गई तेज़ी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण इंटरनेट दिग्गजों द्वारा भारत में निवेश की घोषणा भी है। भारत की अर्थव्यवस्था को फेंका हुआ (गिरा हुआ) कह कर आलोचना करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प की सोशल मीडिया पर इस मामले में शायद खिल्ली उड़ रही होगी।
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