2025 आस्था, व्यवस्था और अर्थव्यवस्था का महासंगम बना  महाकुम्भ

वर्ष 2025 का सबसे विराट, ऐतिहासिक और वैश्विक स्तर पर चर्चित आयोजन प्रयागराज महाकुम्भ मेला रहा, जिसने आस्था, संस्कृति, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था—चारों क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चले इस महापर्व ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
राज्य सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महाकुम्भ के दौरान करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने पावन गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान कुल छह शाही स्नान संपन्न हुए, जो सनातन परम्परा की भव्यता, अनुशासन और आध्यात्मिक गरिमा के जीवन्त साक्ष्य बने।
अभूतपूर्व व्यवस्थाएं, विराट स्वरूप
गंगा नदी के तट पर करीब 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले महाकुम्भ मेला क्षेत्र को प्रशासन द्वारा 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया था। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग डेढ़ लाख टैंट, 12 किलोमीटर लम्बे घाट, अस्थायी सड़कें, पुल, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता की अत्याधुनिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं।
महाकुम्भ की तैयारियों के लिए 82 विकास परियोजनाओं को 14.28 अरब रुपये की लागत से समयबद्ध रूप से पूरा किया गया। वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 40,000 से अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई, जिससे पूरा मेला क्षेत्र अभूतपूर्व सुरक्षा कवच में रहा।
अर्थव्यवस्था को मिला जबरदस्त संबल
महाकुम्भ आयोजन का कुल बजट 63.82 अरब रुपये था, जबकि मेले से करीब 2 ट्रिलियन रुपये का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष राजस्व अर्जित होने का अनुमान है। पर्यटन, होटल उद्योग, परिवहन, स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और स्वरोज़गार के क्षेत्रों में यह आयोजन आर्थिक संजीवनी सिद्ध हुआ। महाकुम्भ ने यह सिद्ध कर दिया कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था की अपार शक्ति का प्रतीक भी है।
देश-विदेश से अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
महाकुम्भ में संत समाज के बिना देश की सर्वोच्च संवैधानिक व राजनीतिक हस्तियों ने भी आस्था की डुबकी लगाई।
महामहिम राष्ट्रपति सुश्री द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य, सांसद, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उप-मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक इस आयोजन के साक्षी बने।
इसके अतिरिक्त विदेशी मेहमानों, उच्चायुक्तों, वरिष्ठ अधिकारियों तथा उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, भारत की सबसे अमीर महिला एवं हिसार से विधायक सावित्री जिंदल, उनके पुत्र नवीन जिंदल (जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड प्रमुख व कुरुक्षेत्र से सांसद), पंजाब आप के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, संगरूर से लोकसभा सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बांसल के पारिवारिक सदस्यों, सांसद मीत हेयर सहित अनेक नामचीन व्यक्तियों ने भी पुण्य की डुबकी लगाई। फिल्म जगत की प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी ने आयोजन की भव्यता को और भी बढ़ाया।
वर्ष की सबसे बड़ी घटना
वर्षांत विशेषांक के दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रयागराज महाकुम्भ 2025 न केवल वर्ष की सबसे बड़ी धार्मिक घटना रहा, बल्कि यह सफल आयोजन, कुशल जन-प्रबंधन, सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था और व्यापक आर्थिक प्रभाव के लिहाज़ से भी ऐतिहासिक सिद्ध हुआ।

#2025 आस्था
# व्यवस्था और अर्थव्यवस्था का महासंगम बना  महाकुम्भ