एस्ट्रोनॉमी में बनाएं जगमगाता कॅरिअर

विज्ञान ने चाहे जितना विकास कर लिया हो, लेकिन इंसान की बुनियादी जिज्ञासा अब भी शुरु से ही शुरु होती है। कहने का मतलब यह कि भले यह न्यूटन और कॉपरनिकस का जमाना न हो, लेकिन अब भी बचपन में हम सब सितारों को देखकर अनगिनत जिज्ञासाओं से भर जाते हैं। वे हमें अपनी तरफ  आकर्षित करते हैं, वे हमें अचंभित करते हैं और न जाने किस-किस तरह की कैसी-कैसी कल्पनाएं देते हैं।अगर आपको सितारों को देखना बचपन से ही बहुत अच्छा लगता हो और दिलो-दिमाग में उन्हें लेकर अनंत जिज्ञासाएं उठती हों तो आप सितारों की दुनिया की खोजबीन में अच्छा खासा कॅरिअर हासिल कर सकते हैं। जी, हां! हम बात एस्ट्रो फिजिक्स या एस्ट्रोनॉमी की तमाम शाखाओं की ही कर रहे हैं। एस्ट्रो फिजिक्स का मूल एस्ट्रोनॉमी है यानी खगोलविज्ञान जो ब्रह्मांड के तमाम रहस्यों को उजागर करता है। ब्रह्मांड को उजागर करने संबंधी तमाम गुत्थियां आज की तारीख में स्पेस साइंस का हिस्सा हैं। ...चाहे वो इसरो हो या नासा हर जगह एस्ट्रो फिजिसिस्ट की जरूरत होती है। क्योंकि अंतरिक्ष की यात्रा में जो एस्ट्रोनॉट भेजे जाते हैं, उनकी इस यात्रा की तमाम बाधाओं और सवालों का हल ये एस्ट्रो फिजिसिस्ट ही सुझाते हैं।  इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के लिए आपके पास कई रास्ते होते हैं। अगर आपके पास धैर्य है, खर्च करने के लिए पैसा है और इस क्षेत्र में बहुत ऊंचे तक जाने की महत्वाकांक्षा है तो 5 साल का रिसर्च ओरियंटेड प्रोग्राम एमएस इन एस्ट्रो फिजिक्स कर सकते हैं। लेकिन अगर आप यह नहीं करना चाहते तो 3 साल के बैचलर प्रोग्राम्स की भी व्यवस्था होती है। इसके अलावा अगर आप फिजिक्स या मैथेमैटिक्स से स्नातक हैं तो थ्योरिटिकल एस्ट्रोनॉमी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। अगर आप इंस्ट्रूमेंटेशन/एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी में प्रवेश चाहते हैं तो आपके पास इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिल या इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन में बीई की डिग्री होनी चाहिए। एस्ट्रोनॉमी में अनगिनत काम होते हैं और हर किसी के काम एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। जैसे- जो लोग तारों का अध्ययन करते हैं, जरूरी नहीं कि वह ग्रहों के बारे में भी उतना ही जानते हों, जितना तारों के बारे में। कुछ सिर्फ  धूमकेतुओं के बारे में अध्ययन करते हैं तो कुछ पृथ्वी के वायुमंडल पर अपनी नजर रखते हैं। अलग-अलग अध्ययन के चलते एस्ट्रोनॉमी की बहुत सारी ब्रांचेज हैं मसलन- एस्ट्रो कैमेस्ट्री जो अंतरिक्ष में पाये जाने वाले रासायनिक तत्वों का अध्ययन करते हैं।  इस क्षेत्र में औपचारिक नौकरी लगने के पहले ही जब आप जूनियर रिसर्च फेलो होते हैं, उसी समय आपको शुरुआत में 8000 फिर 9000 और अंत में करीब 12000 रुपये प्रतिमाह मिलने लगते हैं। डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी की शुरुआत 40 से 50 हजार रुपये मासिक से होती है और इसके बाद आप कहां तक अपनी सैलेरी को बढ़ा पाते हैं यह आपकी योग्यता, लोकप्रियता और संपर्कों पर निर्भर है।

                                        -कीर्तिशेखर