फूड फोटोग्राफी में मौजूद है लुभावना कॅरिअर

इस सामाजिक पारदर्शिता के दौर में बड़ी सहजता से हर तीसरा आदमी अपने आपको खानपान का शौकीन बताता मिल जायेगा। यह सही भी है। बस, जब तक सोशल मीडिया नहीं था, तब तक हम इसे जानते नहीं थे। बहरहाल खानपान के इन शौकीनों की संख्या में भी अगर हाल के दशकों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है तो उसमें तमाम व्यंजनों की बेहद आकर्षक तस्वीरों की भी एक भूमिका है।शायद ही कोई मैगजीन, शायद ही कोई टेलीविजन चैनल, शायद ही कोई अखबार और शायद ही कोई पोर्टल आज ऐसा मिले जिसमें किसी न किसी रूप में मुंह में पानी लाने वाले व्यंजनों की आकर्षक तस्वीरें न मौजूद हों। कहीं किसी फीचर के रूप में, कहीं खानपान के शौक व अनुशासन के रूप में, कहीं उनको बनाने की कला के रूप में तो कहीं रेस्टोरेंट के विज्ञापनों के रूप में। खानपान से संबंधित यानी व्यंजनों की आकर्षक तस्वीरें मीडिया के हर फॉर्मेट में मौजूद होती है। कभी आपने सोचा कि इतनी सारी खूबसूरत तस्वीरें कौन खींचता होगा? जी हां! ये विशेष रूप से प्रोफेशनल फूड फोटोग्राफर ही खींचते हैं। पिछले एक दशक में लगातार होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में 15 से 30 फीसदी तक की प्रगति दर्ज की गई है। इस प्रगति में एक बड़ा हिस्सा फूड फोटोग्राफरों का भी है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल देश में मौजूद तमाम छोटे-बड़े होटल व रेस्टोरेंट से लेकर खानपान की छोटी-बड़ी दुकानें, यहां तक कि सड़क किनारे लगने वाले खानपान के ठेलों पर भी उनका जो मैन्यू मौजूद रहता है, उनके लिए 60 से 70 लाख तक फोटोग्राफ इस्तेमाल होते हैं। नि:संदेह इनमें तमाम फोटोग्राफ कई-कई मैन्यू कार्ड में होते हैं तो यह भी सही है कि कई फोटोग्राफ साल दर साल अपनी मौजूदगी दर्शाते हैं। मगर इस सबके बावजूद सच्चाई यही है कि हर साल 45 से 50 लाख फूड फोटोग्राफ की खरीद-फरोख्त होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना बड़ा कारोबार का क्षेत्र है और लगातार बढ़ता जा रहा है। जैसे एक जमाने में मॉडलों के पोर्ट फोलियो बनाने वाले फोटोग्राफरों की चर्चा दूर दूर तक होती थी, उसी तरह आजकल फूड फोटोग्राफी करने वाले फोटोग्राफरों की भी होती है। इनकी भी अब इज्जत और कमाई मॉडलों को शूट करने वाले तथा वाइल्डलाइफ को शूट करने वाले फोटोग्राफरों के जैसी हो गई है। एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में करीब ढाई लाख फोटोग्राफर है जो सिर्फ  फूड फोटोग्राफी करते हैं जबकि जिस किस्म से फूड बाजार अपना विस्तार कर रहा है, उसको देखते हुए साल 2022 तक देश में तकरीबन 8 से 10 लाख फूड फोटोग्राफरों की जरूरत होगी या यूं कहें इतने फोटोग्राफरों के लिए बाजार में काम होगा। फूड फोटोग्राफर आमतौर पर फ्रीलांसिंग करते हैं। लेकिन कई ऐसी प्रेस हैं, जहां नियमित रूप से तमाम मैन्यू कार्ड छपते हैं, वहां ऐसे फोटोग्राफर नौकरी भी करते हैं। एक स्वतंत्र रूप से फूड फोटोग्राफर साल में 8 से 10 लाख रुपए कमा लेता है। चूंकि स्वतंत्र रूप से काम करने पर हर महीने आय सुनिश्चित नहीं होती इसलिए उसको वार्षिक आधार पर देखा जाता है। कई होटल अपने खास फोटोग्राफर रखते हैं जिन्हें वह मासिक रूप से वेतन देते हैं। नौकरी करने वाला एक फूड फोटोग्राफर शुरुआती दौर में आसानी 30 से 35 हजार रुपए की नौकरी पा जाता है। लेकिन जैसे जैसे उसका अनुभव, उसकी परिपक्वता और फोटोग्राफी में कल्पनाशीलता का दायरा बढ़ता है। उससे उसकी कमाई में भी बढ़ोत्तरी होती रहती है।  यूं तो फूड फोटोग्राफरों को भी उन्हीं पारंपरिक फोटोग्राफी संस्थानों से प्रशिक्षण लेना होता है, जहां बाकी तमाम फोटोग्राफी के गुर सिखाए जाते हैं। लेकिन अब इस पेशे के लोगों की मांग को देखते हुए कई ऐसे फोटोग्राफी संस्थान भी उभर आएं हैं, जो सिर्फ  फूड फोटोग्राफरों को फोटो सिखाते हैं।  


-नरेंद्र  कुमार