कोलकाता को दस साल बाद मिला तीसरा आईपीएल खिताब

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 17वें सत्र के लिए जब कोलकाता नाईट राइडर्स (केकेआर) ने ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ मिशेल स्टार्क को रिकॉर्ड 24 करोड़ रूपये से अधिक में खरीदा था, तो सबको आश्चर्य हुआ था और यह सवाल भी उठा था कि क्या वह इतनी रकम के लायक भी हैं? यह प्रश्न उस समय अधिक प्रासंगिक हो गया जब लीग के शुरुआती मैचों में स्टार्क थोक के भाव में रन लीक कर रहे थे, विकेट नहीं ले पा रहे थे और चार ओवरों का अपना निर्धारित कोटा भी मैच में पूरा नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से सोशल मीडिया पर स्टार्क को बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा था और कमेंटेटर्स भी उनकी जमकर आलोचना कर रहे थे। लेकिन क्रिकेट में फॉर्म अस्थायी और क्लास स्थायी होती है। स्टार्क ने इस कथन को एक बार फिर सही साबित किया। सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) के विरुद्ध प्लेऑफ में स्टार्क ने अपने पहले ही ओवर में ट्रेविस हेड को शून्य पर पवेलियन भेजकर न सिर्फ ऐलान कर दिया कि वह फॉर्म में लौट आये हैं बल्कि अपने विरुद्ध ट्रोलिंग को भी शांत कर दिया। लेकिन अभी उनका सर्वश्रेष्ठ आना शेष था। 
चेन्नई में 26 मई 2024 को खेल गये फाइनल में एक बार फिर कोलकाता व हैदराबाद आमने सामने थे। हैदराबाद के कप्तान पैट कम्मिंस ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। उन्हें उम्मीद थी कि उनके सलामी बैटर्स- ट्रेविस हेड व अभिषेक शर्मा, जो लीग स्टेज में इतनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी कर रहे थे कि रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनते जा रहे रहे थे कि कभी पॉवरप्ले के पहले पांच ओवर में ही 100 रन से अधिक की साझेदारी कर देना और कभी अपने ही रिकॉर्ड (20 ओवर में 277 रन) को तोड़कर नया रिकॉर्ड (20 ओवर में 287 रन) बना देना, फाइनल में भी इतने रन बोर्ड पर लगा देंगे जो कोलकाता की पहुंच से बाहर हो जायेंगे। लेकिन स्टार्क का इरादा कुछ और था। उन्होंने अभिषेक शर्मा को हरभजन सिंह के अनुसार बॉल ऑफ द टूर्नामेंट डाली- गेंद लेग व मिडिल स्टंप पर पड़कर मूव हुई और शर्मा के ऑफ स्टंप से जा टकरायी। इससे अगले ओवर में वैभव अरोड़ा ने कमाल किया, उन्होंने प्रतियोगिता में 191.55 के स्ट्राइक रेट से 567 रन बनाने वाले हेड को शून्य पर आउट कर दिया। इन दो प्रारम्भिक झटकों के बाद कोलकाता ने हैदराबाद को उभरने नहीं दिया। आईपीएल के जिस सत्र 200 प्लस का स्कोर इतना न्यू नार्मल हो गया था कि 262 रन का लक्ष्य (पंजाब ने कोलकाता के विरुद्ध) भी चेज़ हो रहा था और टीमों को यह मालूम नहीं था कि सेफ टारगेट क्या है, उसके फाइनल में हैदराबाद सिर्फ 113 रन ही बना सकी। आईपीएल के इतिहास में यह फाइनल का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले 125 रन का सबसे कम स्कोर था, जो चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियन्स के विरुद्ध 26 मई 2013 को ईडन गार्डन्स, कोलकाता में 9 विकेट के नुकसान पर बनाया था। चेन्नई में कोलकाता ने 114 रन का लक्ष्य मात्र 10.3 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर बना लिया। इस तरह शाहरुख खान व जूही चावला की टीम ने दस साल बाद अपना तीसरा आईपीएल खिताब जीता। आईपीएल के 17 साल के इतिहास में यह सबसे एकतरफा फाइनल था। 
हालांकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) लगातार छह मैच जीतकर प्ले ऑफ में पहुंचने में तो कामयाब हो गई, लेकिन आईपीएल खिताब एक बार फिर से उससे दूर ही रहा और दिल्ली, पंजाब, लखनऊ आदि की तरह वह अभी तक आईपीएल ट्राफी उठाने से वंचित है। बहरहाल, बेंग्लुरु के स्टार बैटर विराट कोहली ने अपने करियर का दूसरा ऑरेंज कैप जीता। इस सत्र में उन्होंने 154.43 के स्ट्राइक रेट से सर्वाधिक 741 रन बनाये। कोहली ने एक शतक व पांच अर्द्धशतक लगाये, लेकिन वह खिताब हासिल करने के लिए पर्याप्त न रहे। जहां तक पर्पल कैप की बात है तो पंजाब के हर्शल पटेल ने सर्वाधिक 24 विकेट लिए और उन्हें यह कैप मिला। पटेल ने भी पर्पल कैप दूसरी बार जीता है, इससे पहले उन्होंने 2021 में बेंग्लुरु के लिए खेलते हुए रिकॉर्ड 32 विकेट लेकर यह कैप जीती थी। इतने विकेट लेकर भी पटेल पंजाब को प्ले ऑफ तक भी न पहुंचा सके। पंजाब दस टीमों की प्रतियोगिता में 9वें स्थान पर रही। अंतिम स्थान पांच बार की विजेता मुंबई का रहा, जिसने रोहित शर्मा की जगह हार्दिक पांड्या को अपना कप्तान बनाया था। 
जहां अन्य टीमें व्यक्तिगत प्रदर्शन पर निर्भर थीं, वहीं कोलकाता एक टीम के रूप में खेली, उसने पॉइंट्स टेबल को टॉप किया। उसके सभी बैटर्स ने स्कोर किया और सभी गेंदबाज़ों ने विकेट लिए। कोलकाता के लिए वरुण चक्रवर्ती ने सबसे ज्यादा 21 विकेट लिए, जबकि उसके छह अन्य गेंदबाज़ों ने 10 प्लस विकेट लिए। लेकिन सुनील नारायण को प्रतियोगिता का मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर का पुरस्कार मिला। उन्हें ओपनर के रूप में प्रमोट किया गया और उन्होंने कमाल कर दिया कि एक शतक के साथ 488 रन बनाये और गेंद से 17 विकेट चटकाये। अगर अन्य पुरस्कारों की बात करें तो सीजन के उभरते खिलाड़ी नितीश रेड्डी (हैदराबाद) रहे, सबसे अधिक छक्के (42) भी हैदराबाद के ही अभिषेक शर्मा ने लगाये। सीजन का सबसे सुंदर कैच रमनदीप सिंह ने लपका। इन पुरस्कार विजेताओं के अतिरिक्त जिन खिलाड़ियों ने अपने खेल से दर्शकों को प्रभावित किया उनमें ट्रेविस हेड, शिवम दुबे, रियान पराग, एच क्लासेन, रविन्द्र जडेजा, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, ट्रेंट बोल्ट, आवेश खान व हर्षित राणा का नाम लिया जा सकता है।
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