जानवरों की चौंकाने वाली दुनिया
शार्क मछलियां हममें से हर किसी को रोमांचित करती हैं। मादा शार्क मछली के विषय में एक रोचक जानकारी हम आपको बता रहे हैं कि वह किस तरह वह अपने छोटे बच्चे की देखभाल करती है। जबकि इस मछली के लिए अपने छोटे बच्चे की देखभाल का काम इतना आसान भी नहीं है। यह मछली 10 से 12 महीने तक गर्भ में अपने बच्चे को रखती है। गर्भ में बच्चे की लंबाई मां की लंबाई का एक-तिहाई हिस्सा होती है। ब्ल्यू ह्नवेल मछली के गर्भ में पल रहे उसके छोटे शिशु की लंबाई कम से कम 30 फीट तक होती है। हम सभी जानते हैं कि यह मछली स्तनधारी है। यह अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए अपने शरीर के इर्द-गिर्द के ग्लैंड्स से दूध के रिसाव के लिए अपनी मांसपेशियों पर आश्रित होती है। ह्नवेल मछली के दूध में मानव मादा की तुलना में 10 गुना ज्यादा वसा होती है। उसके दूध में मौजूद वसा के कारण उसके बच्चे का विकास बहुत जल्दी होता है। प्रतिदिन उसके बदन में 200 पाउंड की वृद्धि होती है। यही वजह है कि शार्क मछली के दूध में मौजूद वसा की इतनी ज्यादा मात्रा के कारण उसके दूध को पचा पाना आसान भी नहीं होता।
हम लोग तोते को एक चतुर पक्षी मानते हैं। तोते की बोली, उसकी मधुर आवाज और मानव की आवाज की नकल करने की उसकी चतुराई व क्षमता के विषय में तो हम जानते ही हैं। हाल ही में हुए अध्ययनों से यह बात सामने आयी है कि तोते अन्य पक्षियों की तुलना में मिमिक्री करने में भी बेहद कुशल होते हैं। एक सामान्य तोता आवाज़ की नकल करने में उतना ही माहिर होता है, जितना 4 से 6 साल का बच्चा तरह-तरह की आवाजों की नकल करने में सक्षम होता है। तोते आमतौर पर आवाज के मामले में एक सी आवाजें और अलग-अलग तरह की आवाजें, चीजों के छोटे या बड़े के अंतर, गिनती के नंबर और कुछ न होने के बीच के अंतर को बेहद आसानी से समझ जाते हैं। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि वे बातचीत में इस्तेमाल होने वाले मुहावरों को भी चिन्हित कर सकते हैं। जनवरी 2007 में हुए भाषा विज्ञान के एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि तोतों की भाषा को सीखने की क्षमता का इस्तेमाल रोबोट को भाषा सिखाने में काफी सहायक हो सकता है।
चिड़ियाघर में जिर्राफ को एक बार देखने के बाद हम सभी चकित रह जाते हैं। उसकी 16 फीट लंबी गर्दन हम सबके लिए कौतूहल का विषय होती है। वह ऊंचे से ऊंचे पेड़ से पत्तियां आसानी से चबा सकता है। क्या आप जानते हैं कि उसकी इतनी लंबी गर्दन के उसे कई तरह के नुकसान भी हैं? एक गाय की तुलना में जिराफ को अपने हृदय से मस्तिष्क तक के बीच रक्त संचार को सही बनाए रखने के लिए गाय की तुलना में दो गुनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही वजह है कि जिराफ के शरीर में खून के प्रवाह के लिए धमनियों की एक जटिल संरचना मौजूद होती है ताकि जब वह अपनी गर्दन को इधर-उधर मोड़ें तो उसके मस्तिष्क में जाने वाली धमनियों से रक्त प्रवाह में कोई बाधा न पड़े।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर