रंजीत की लाजवाब पार्टियों के दिलचस्प किस्से
रंजीत का दुर्लभ रिकॉर्ड यह है कि उन्होंने बड़े पर्दे पर 300 से अधिक बलात्कार सीन किये हैं। उन्होंने यह अभिनय इस प्रभावी ढंग से किया कि पार्टियों व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाएं उनसे डरकर दूर भागती थीं। अनेक परिवारों ने तो अपनी बेटियों का उनसे रिश्ता करने से इंकार कर दिया था, जब रंजीत के माता-पिता विवाह प्रस्ताव लेकर गये थे। इन परिवारों को जैसे ही मालूम होता कि जिसका रिश्ता आया है, वह रंजीत फिल्मों में खलनायक हैं, बलात्कार सीन करने में माहिर हैं, तो उनकी आंखों के सामने महिलाओं से दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति का चेहरा आ जाता और वह रिश्ते से इंकार कर देते।
हालांकि पर्दे पर रंजीत को सिगरेट, शराब व शबाब के साथ दिखाया जाता है, लेकिन असल जीवन में वह शराफत का पुतला हैं, सबसे अच्छी तरह से मिलते हैं, दोस्तों के दोस्त हैं और उन्होंने आज तक शराब नहीं पी है। फिर उनकी छवि ऐसी क्यों बनी? एक वजह तो यही है कि बड़े पर्दे पर निभाये गये किरदारों (जो लगभग एक ही तरह के रहे हैं) ने लोगों के मन में एक खास तस्वीर बना दी है। लेकिन दूसरा कारण कम महत्वपूर्ण नहीं है। दरअसल, रंजीत के माता-पिता दिल्ली में रहते थे और वह अकेले मुंबई के एक फ्लैट में रहते थे। इसलिए उनका फ्लैट बड़े बड़े सितारों के लिए शाम की पार्टियों का अड्डा बन गया जो देर रात तक चलती रहती थीं। इन रंगीन पार्टियों के दिलचस्प किस्से स्वयं रंजीत ने सुनाये हैं।
सत्तर के दशक में रंजीत मुंबई के केंद्र जुहू में रहा करते थे। कभी वह पार्टी स्वयं आयोजित किया करते थे तो कभी सितारे खुद ही उनके फ्लैट पर आ जाया करते थे और पार्टी हो जाती थी। हालांकि रंजीत ने खुद कभी शराब को हाथ नहीं लगाया, लेकिन उनकी पार्टी में शराब नदी में पानी की तरह बहती थी। इन पार्टियों में औपचारिकताएं एक किनारे रख दी जातीं और फूड, हंसी व देर रात की गपशप के साथ दोस्तियां परवान चढ़ती। रंजीत बताते हैं, ‘निमंत्रण देने की किसी को ज़रूरत न थी, शाम होते ही लोग खुद आ जाते थे।’ यह रात की पार्टियां केवल पुरुष एक्टर्स तक सीमित न थीं। रंजीत को याद है कि मशहूर अदाकाराएं जैसे रीना रॉय, मौसमी चेटर्जी, परवीन बॉबी, नीतू सिंह आदि भी इनमें शामिल हुआ करती थीं। इनमें से हर कोई पार्टी में अपनी व्यक्तिगत छाप छोड़ती थी। रीना रॉय पराठें बनाया करतीं, परवीन बॉबी ड्रिंक्स सर्व किया करतीं। मौसमी चेटर्जी शानदार फिश डिश तैयार करतीं और नीतू सिंह अपनी पसंदीदा भिंडी बनातीं।
पार्टी में क्लासिक बॉलीवुड के लगभग सभी नामवर सितारे शामिल होते- सुनील दत्त, धर्मेंद्र, राज कुमार, फिरोज खान, संजय खान और शत्रुघ्न सिन्हा तो नियमित आने वालों में से थे। रंजीत के अनुसार राजेश खन्ना तो इतनी अधिक शराब पीते थे कि एक ही सिटिंग में 1-2 बोतल पी जाना तो उनके लिए आम बात थी। लेकिन रंजीत स्वयं शराब से दूर रहते और केवल अच्छे मेज़बान बने रहते। अपनी इस मेज़बानी के बारे में वह कहते हैं, ‘जिस घर में मेहमानों का प्यार से स्वागत किया जाता है, उस घर पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है।’ इस देर रात की आराम तलब जीवनशैली का फिल्मों की शूटिंग पर क्या प्रभाव पड़ता था? सुबह की शूटिंग को दोपहर के लिए शिफ्ट कर दिया जाता था। रंजीत के अनुसार, ‘दस बजे की शूट के लिए कोई भी समय से न पहुंचता। वे लंच के बाद पहुंचते।’ इससे रंजीत को एक साथ अनेक प्रोजेक्ट्स लेने का अवसर मिल गया। उन्होंने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा दी जबकि उनके सह-कलाकार अपनी ही घड़ी के अनुसार चल रहे थे। देर से शूटिंग शुरू करना और देर रात तक करते रहना बॉलीवुड की रिदम का हिस्सा बन गया, जिसे रंजीत ने अपने लचीलेपन व हंसमुख अंदाज़ से अपनाया।
रंजीत ने धर्मात्मा, नमक हलाल, लावारिस व शराबी जैसी क्लासिक फिल्मों में काम किया है। भारतीय सिनेमा में रंजीत की लिगेसी स्थापित है। लेकिन बड़े पर्दे से अलग उनका जुहू स्थित घर बॉलीवुड की शानदार यादों का खामोश केंद्र था- जो उदारता व एकजुटता का भी प्रतीक था। आज भी, जो इन पार्टियों का हिस्सा थे, उन दिनों को याद करते हैं जहां कहानियां, फूड व हंसी शराब से भी ज्यादा बहते थे। गोपाल बेदी के रूप में रंजीत का जन्म 12 सितम्बर 1942 को पंजाब के जंडियाला गुरु (आज के अमृतसर) में हुआ था, एक सिख परिवार में। दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद रंजीत भारतीय वायु सेना में जाना चाहते थे, लेकिन इस बीच उनकी मुलाकात सुनील दत्त से हो गई, जिन्होंने न सिर्फ उनका नाम बदला बल्कि ‘रेशमा और शेरा’ व अन्य फिल्मों में उन्हें काम भी दिलाया। ‘शर्मीली’ (1971) में नेगेटिव भूमिका निभाकर रंजीत खलनायक के रूप में स्थापित हो गये। रंजीत ने मुमताज़ की भांजी नाजनीन (अलोका बेदी) से शादी की है। उनके दो बच्चे हैं- दिव्यंका जो पर्सोनल ट्रेनर हैं और जीवा जो फिल्म एक्टर है।
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