निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी

इज़रायल-ईरान मिसाइल युद्ध ने जहां एक ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, वहीं गाज़ा में निर्दोष और निहत्थे फिलिस्तीनियों के इज़रायली हमलों में  मारे जाने को लगभग अनदेखा किया गया। कथित तौर पर अमेरिकी राहत संगठन द्वारा चलाये जा रहे सहायता केंद्रों या खाद्य केंद्रों के पास 450 फिलिस्तीनियों की मौत की खबर आयी, लेकिन तथाकथित इस्लामी देश चुप हैं। सवाल यह है कि हम कब तक इज़रायली सेना द्वारा भूखे, बीमर फिलिस्तीनियों की इन क्रूर और अमानवीय हत्याओं को जारी रहने  दिया जाएगा। पिछले 14 दिनों से ऐसा लग रहा है कि दुनिया गाज़ा को भूल गयी है। इन 14 दिनों के दौरान इज़रायल रक्षा बल (आईडीएफ) द्वारा निहत्थे फिलिस्तीनियों को गोली मारे जाने की कई रिपोर्टें सामने आयी हैं। 17 जून को दक्षिणी गाज़ा में इज़रायली सेना द्वारा अमरीकी-इजरायली सहायता के वितरण के दौरान एक ही दिन में 70 फिलिस्तीनी मारे गये, विशेष रूप से खान यूनिस और राफा में।
डेली टाइम्स ऑफ  इज़रायल ने 25 जून को रिपोर्ट की कि गाज़ा में इज़रायली बलों ने 24 जून को 71 फिलिस्तीनियों को मार डाला, जिनमें कम से कम 50 लोग ऐसे थे जो सहायता प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। लगभग 27 लोग भोजन की प्रतीक्षा कर रहे थे। हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए। कथित मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए आईडीएफ ने बाद में कहा कि मध्य गाज़ा में नेत्ज़ारिम गलियारे में उसके सैनिकों के ‘आसन्न’ क्षेत्र में रात भर एक भीड़ की पहचान की गयी थी, जहां अमरीका और इज़राइल समर्थित गाज़ा मानवतावादी फाऊंडेशन (जीएचएफ) सहायता समूह को भोजन वितरित करने के लिए जाना जाता है।
इस महीने की शुरुआत में आईडीएफ ने फिलिस्तीनियों को स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच गाजा मानवतावादी फाउंडेशन साइटों की ओर जाने वाले मार्गों पर न जाने की चेतावनी दी थी, उन सड़कों को बंद सैन्य क्षेत्र बताया था। हालांकि  जीएचएफ ने विरोधाभासी रूप से संकेत दिया है कि यह उन घंटों के दौरान खुला हो सकता है। मध्य गाज़ा में तीन गवाहों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि सेना ने तब गोलीबारी की जब लोग वादी गाज़ा के दक्षिण में सहायता ट्रकों की ओर पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहे थे। ‘यह एक नरसंहार था,’ अहमद हलावा ने कहा। उन्होंने कहा कि टैंकों और ड्रोन ने लोगों पर गोलीबारी की जब हम भाग रहे थे। कई लोगों की मौत हो गई, कई घायल हो गये।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी  होसम अबूशाहदा ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र के ऊपर उड़ रहे थे, भीड़ पर नज़र रख रहे थे, फिर जब लोग पूर्व की ओर बढ़ रहे थे, तो टैंकों और ड्रोन से गोलीबारी हुई। उन्होंने लोगों द्वारा भागने की कोशिश के दौरान एक अराजक और खूनी दृश्य का वर्णन किया। दक्षिणी शहर राफा में गवाहों ने कहा कि इज़रायली सैनिकों ने गोलीबारी की क्योंकि भीड़ जीएचएफ द्वारा संचालित एक अन्य खाद्य वितरण स्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी। दो गवाहों ने कहा कि वितरण स्थल से कई सौ मीटर दूर शाकौश क्षेत्र में हजारों फिलिस्तीनियों के इकट्ठा होने पर इज़रायली सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
हमास स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पिछले को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार मई के अंत से सहायता मांगते समय इज़रायली गोलीबारी में कम से कम 450 लोग मारे गये और लगभग 3,500 घायल हुए। राहतकर्मियों के अनुसार कई घटनाएं जीएचएफ द्वारा संचालित स्थलों के पास हुईं। सहायता वितरण में हमास को रोकने के लिए स्थापित अमरीका और इज़रायल समर्थित संगठन जीएचएफ ने पिछले दिनों इज़रायली सेना से शिकायतकी कि वादी गाजा साइट की ओर जा रहे हमारे काफिलों पर इज़रायली सैनिकों द्वारा संभावित उत्पीड़न किया जा रहा है।
इज़रायल ने कहा कि 79 मानवीय सहायता ट्रक गत सोमवार को केरेमशालोम और ज़िकिम क्रॉसिंग के माध्यम से गाज़ा पट्टी में प्रवेश कर गये थे, उसने वितरण स्थलों के पास संदिग्ध लोगों पर चेतावनी शॉट फायर करने की बात स्वीकार की है, लेकिन नागरिकों को निशाना बनाने या युद्ध के हथियार के रूप में भुखमरी का उपयोग करने से इन्कार किया है और हमास पर सहायता वितरण को हाईजैक करने और नागरिकों के बीच घुसने का आरोप लगाया है।
जेनेवा में एक प्रैस कॉन्फ्रैंस में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता थामीनअल खेतन ने कहा, ‘इज़रायल ने मानवीय सहायता तंत्र का सैन्यीकरण कर दिया है।’यह पूछे जाने पर कि क्या इज़रायल खाद्य वितरण को हथियार बनाने का दोषी है, तो उन्होंने कहा कि कानूनी निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जाना चाहिए, लेकिन नागरिकों के लिए खाद्य पदार्थों का सशस्त्रकरण, जीवन-निर्वाह सेवाओं तक उनकी पहुंच को प्रतिबंधित करने या रोकने के अलावा एक युद्ध अपराध है और कुछ परिस्थितियों में अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अन्य अपराधों के तत्व भी बन सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र और प्रमुख सहायता समूहों ने जीएचएफ के साथ सहयोग करने से इन्कार कर दिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि इसे इज़रायली सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था। मार्च की शुरुआत में हमास के साथ पिछले युद्धविराम-बंधक समझौते के टूटने के बाद इज़रायल द्वारा पट्टी पर लगाये गये लगभग तीन महीने के नाकेबंदी के बाद जीएचएफ ने गाज़ा में 19 मई से काम करना शुरू कर दिया था। (संवाद)

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