भारत के किस राज्य में न सांप हैं और न कुत्ते ?

‘दीदी, सुप्रीम कोर्ट ने जो हाल में एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) की सड़कों से आवारों कुत्तों को पूरी तरह से हटाने का आदेश दिया था, जिसे बाद में बदल दिया गया, अगर वह लागू कर दिया जाता तो क्या सारी सड़कों का कुत्ता मुक्त होना संभव था?’
‘’मेरे ख्याल से तो यह मुमकिन न था, लेकिन क्या तुम्हें मालूम है कि भारत में एक ऐसी जगह भी है, जहां एक भी कुत्ता और एक भी सांप नहीं है।’
‘नहीं, मैंने तो ऐसी जगह के बारे में नहीं सुना।’
‘लक्षद्वीप भारत का एक ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए तो विख्यात है ही, लेकिन इसकी विशेषता यह है इसके 10 आबाद व 26 ़गैर-आबाद द्वीपों में से एक पर भी न कोई कुत्ता है और न कोई सांप, जबकि पड़ोसी राज्य केरल में सांपों की अनेक प्रजातियां हैं और कुत्ते भी हैं।’
‘इसकी वजह क्या है?’
‘द्वीपों का अलग-अलग होना और प्राकृतिक परिस्थितियां। लक्षद्वीप में न आवारा और न पालतू कुत्ते हैं। सरकार ने कुत्ते लाने व पालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। पर्यटकों को भी अपने पालतू कुत्ते लाने की अनुमति नहीं है। डब्लूएचओ ने लक्षद्वीप को रेबीज़ फ्री राज्य घोषित किया हुआ है।’ 
‘तो लक्षद्वीप में कौन से जानवर अधिक हैं?’
‘बिल्ली व चूहे। गलियों व रिसॉर्ट्स के आसपास बिल्लियां व चूहे आसानी से दिखायी दे जाते हैं। ये जानवर यहां की प्राकृतिक व्यवस्था का हिस्सा हैं। कुत्तों की ़गैर-मौजूदगी में इनका होना आम बात है।’ 
‘लक्षद्वीप के लोगों की जीविकापार्जन का स्रोत क्या है?’
‘पर्यटन व मछली पकड़ना।’
‘लक्षद्वीप में मछलियों की कितनी प्रजातियां होंगी?’
‘600 से अधिक। तितली मछली को यहां का राज्य पशु माना जाता है। तितली मछली की कम से कम आधा दर्जन प्रजातियां हैं। ये मछलियां समुद्र की सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं।’ 
‘लक्षद्वीप में पर्यटन का महत्व क्या है?’
‘यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने व एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए हर साल लाखों पर्यटक लक्षद्वीप आते हैं। समुद्र, कोरल रीफ व साफ पानी इसे खास बनाये हुए हैं। पर्यटन यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। लक्षद्वीप में साइरेनिया यानी समुद्री गाय भी पायी जाती है और बड़ी संख्या में कौवे भी पाये जाते हैं।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

#भारत के किस राज्य में न सांप हैं और न कुत्ते ?