कूटनीतिक सफलता

गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो खाड़ी देशों संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन के किए दौरे को सफल कूटनीतिक उपलब्धि कहा जा सकता है। खाड़ी के यह दोनों देश चाहे आकार में छोटे हैं, परन्तु यह बहुत महत्वपूर्ण तेल के खजाने से भरे हुए हैं। इनका अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर भी बड़ा असर है। बड़ी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन दोनों का राजधर्म इस्लाम है। इस्लाम की शुरुआत से ही इनका खाड़ी देशों पर प्रभाव बना रहा है। उस समय से ही यह मुस्लिम सभ्याचार को समर्पित रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात सात आज़ाद देशों का समूह है, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य से 1970 में निजात पाई थी। इस समूह में आबूधाबी, अजमन, दुबई, शारजाह, फौजाइराह, रस अल खायमाह, उम अल कुवैन आदि शामिल हैं। इन सातों की आबादी एक करोड़ से भी कम है। आबूधाबी इनकी राजधानी है, परन्तु इन सभी पर स्वतंत्र तौर पर पुराने समय से शेख घराने हुकूमत करते हैं। दुबई तो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र बन चुका है। यहां 30 प्रतिशत के लगभग भारतीय मूल के लोग, 10 प्रतिशत पाकिस्तानी और 9 प्रतिशत बंगलादेशी मूल के लोग बसे हुए हैं। परन्तु इन देशों में नागरिकता यहां के मूल निवासियों को ही दी जाती है। नि:संदेह संयुक्त अरब अमीरात का अंतर्राष्ट्रीय तौर पर सिक्का चलता है। इस देश द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को अपने सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार से सम्मानित करना भारत के इन खाड़ी देशों के लिए महत्व को अवश्य प्रकट करता है। अमीरात के शेख ने भारत के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने की बात की है और भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ा निवेश करने की इच्छा भी प्रकट की है। बहरीन खाड़ी का बहुत ही छोटा देश है। यहां भी इस्लाम अपने शुरुआती दौर में ही दाखिल हो गया था। बहरीन के शेख हमाद बिन ईसा बिन सलमान अल खलीफा ने भी प्रधानमंत्री को उच्च नागरिक सम्मान भेंट किया है, जो अब तक दुनिया की कुछेक शख्सियतों को ही दिया गया है। दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह अपील की है कि वह एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों और इसको जड़ से ही खत्म करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि जो देश आतंकवादियों की आर्थिक सहायता करते हैं, उनके विरुद्ध भी सांझी आवाज़ उठाई जानी आवश्यक है। बहरीन ने मोदी की यात्रा पर 250 भारतीय कैदियों की सज़ा भी माफ करने का ऐलान किया है और वहां की राजधानी मनामा में भगवान कृष्ण के 200 वर्ष पुराने मंदिर के पुनर्निर्माण की मोदी से शुरुआत भी करवाई है। इस समय जबकि पाकिस्तान के साथ कश्मीर के मामले पर भारत का कड़ा तनाव बना हुआ है। दोनों देश बड़े टकराव की स्थिति पर पहुंच गए प्रतीत होते हैं। उस समय खाड़ी के दो महत्वपूर्ण देशों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के मामले पर भारतीय नीतियों से समर्थन करना देश की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है, जिससे मुस्लिम देशों में भारत की और भी पहचान बनी है। भविष्य में भी इन देशों के साथ बन चुके मज़बूत संबंधों को आगे बढ़ाने की ज़रूरत होगी, ताकि मुस्लिम भाईचारे के देशों को भारत की ओर से एक सुखद सन्देश दिया जा सके। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द