पंजाब में बेखौफ चल रही ओवर लोडिंग

बसियाल, 16 सितम्बर (अ.स.) : हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए नियमों के चलते मोटरसाइकिल और कार सवार के लिए छोटी सी गलती से भी हज़ारों रुपयों का जुर्माना निर्धारित किया गया है, पर यह कानून पूंजीपतियों द्वारा चलाईं जा रही ट्रांसपोर्टरों पर भी लागू किए गए हैं। ट्रांसपोर्ट किसी भी हालत में कानून की पालना नहीं कर सकते, क्योंकि अगर यह पालना करते तो इनका रोज़ाना का लाखों रुपये का नुकसान होता है। वर्णनीय है कि पंजाब में अवैध माइनिंग के बाद एक हज़ार के करीब ट्रक ओवरलोड भरे जाते हैं जो सड़कों पर चलते हैं। पंजाब के किसी भी अधिकारी द्वारा इन वाहनों का एक भी चालान नहीं काटा जाता। जबकि पंजाब का आर.टी.ओ. विभाग कुंभकर्णी नींद सो रहा है और इसका कारण सिर्फ राजनीतिक दबाव ही है। वर्णनीय है कि एक टिप्पर की कानूनी तौर पर समर्था सिर्फ 16 टन वज़न भार सिर्फ चार सैंकड़े रेता-बजरी लोड करने की है। पर हर टिप्पर की बाड़ी 10 से 12 फुट अवैध तरीके के साथ बढ़ा ली जाती है और 16 टन वज़न की बजाए 25 टन माल लोड कर बेखौफ हो कर सड़कों पर टिप्पर चलाने जाते हैं। मिसाल के तौर पर पठानकोट और अमृतसर का किराया 1500 रुपये प्रति सैकड़े का है। जिसके चलते ट्रांसपोर्ट 6 सैंकड़े मटीरियल अधिक ले जाकर अमृतसर तक 9 हज़ार रुपये प्रति चक्कर अधिक पैसे कमाता है, जिसके साथ सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, उधर कई दुर्घटनाओं में बढ़ावा हो रहा है। अगर बात किसी ओर नियमों की की जाए तो यह वाहन बिना वार्षिक पासिंग पर चलते हैं। बहुत से वाहनों के टायर कमज़ोर होते हैं। इन वाहनों में व्हीकल एक्ट मुताबिक न तो आग बुझाने का यंत्र, न फस्ट एड किट और न ही रिफलैक्टर लगाए होते हैं। जिस कारण अकसर ही सड़क पर ट्रक खराब होने के दौरान ट्रक के पेड़ों की टहनियां आदि टांग दी जाती हैं जो कई हादसों को जन्म देती है। इसके अलावा ओवरलोडिंग वाहन गांवों की सड़कों अंदर भी निकाले जाते हैं, जिससे सड़कों को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं गांवों की छोटी सड़कों में इन वाहनों के गुजरने के कारण हादसों में भी वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों अनुसार रेत और बजरी को कोई भी वाहन बिना कवर किए नहीं ले जा सकता, क्योंकि इसको तरपाल के साथ ढकना लाजमी है, पर सौ फीसदी वाहन बिना ढके ही रेत बजरी लेकर जाते हैं। इसका एक पहलू यह भी है कि देश में ट्रैक्टर और ट्राली के उपयोग के आदेश सिर्फ किसानों को ही खेती करने के लिए दिए गए हैं, पर पंजाब में ट्रैक्टर-ट्राली का प्रयोग धड़ल्ले के साथ क्रैशर इंडस्ट्री में किया जा रहा है। ट्राली की ऊंचाई सिर्फ 3 फुट जायज है, पर पंजाब में ट्राली को 6 फुट तक तैयार करवा लेते हैं और एक ट्राली जिसमें सिर्फ दो सैकड़े रेत-बजरी आती है, उसमें 5 या 6 सैकड़े रेत-बजरी लोड कर हाईवे पर चलाते हैं, जिसके साथ शरेआम ट्रैक्टर-ट्रालियों की कमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि हर समय हादसों को बुलावा देती है।