550वें प्रकाश पर्व के मद्देनज़र श्री ननकाना साहिब में तैयारियां ज़ोरों पर

अमृतसर, 17 सितम्बर (सुरिन्दर कोछड़): पाकिस्तान में भारी उत्साह से मनाए जा रहे गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनज़र ज़िला श्री ननकाना साहिब को आकर्षक रूप देने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। गुरुपर्व के मद्देनज़र जहां गुरुद्वारा जन्म स्थान श्री ननकाना साहिब में इंटरनैशनल सिख सेवा सोसायटी द्वारा कैनेडा की संगत के सहयोग से एक विशाल लंगर हाल का निर्माण करवाया जा रहा है, वहीं उक्त गुरुद्वारा साहिब सहित गुरुद्वारा तम्बू साहिब, गुरुद्वारा माल जी साहिब, गुरुद्वारा बाल लीला में भी यात्रियों की सुविधा के लिए नए स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। लाहौर से अजीत समाचार के साथ इस बारे में जानकारी साझा करता हुए पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान बिशन सिंह और महासचिव अमीर सिंह ने बताया कि 550वें प्रकाश पर्व मौके पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में सगंत द्वारा की जाने वाली शमूलियत के मद्देनज़र टी.डी.सी.पी. द्वारा श्री ननकाना साहिब में एक आलीशान सराय का भी निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि पाक सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा गुरु नानक देव जी की जन्मभूमि पर आधुनिक तरीके से निर्माण किया जा रहा रेलवे स्टेशन पाकिस्तान का सबसे खूबसूरत व विशाल स्टेशन होगा। रेलवे स्टेशन का निर्माण नवम्बर से पहले मुकम्मल होने का दावा करते हुए उन्होंने बताया कि सिखों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए पाक सरकार रेलवे स्टेशन का नाम बाबा गुरु नानक जी के नाम पर रखने जा रही है। इसके अलावा लाहौर से श्री ननकाना साहिब के लिए एक विशेष गाड़ी भी शुरू की जा रही है, जिसका नाम बाबा गुरु नानक गाड़ी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि उक्त के अलावा श्री ननकाना साहिब के रेलवे स्टेशन से गुरुद्वारा जन्म स्थान श्री ननकाना साहिब तक रेलवे लाईनों के साथ-साथ एक सीधी सड़क भी बनाई जा रही है। जिसका नाम ‘बाबा गुरु नानक जी मार्ग’ रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस लिंक रोड द्वारा यात्री रेलवे स्टेशन पर सीधे गुरुद्वारा साहिब पहुंच सकेंगे।
एम.पी.ए. व संसदीय सचिव स. महिन्द्रपाल सिंह ने बताया कि श्री ननकाना साहिब में गुरुपर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में पहुंचने वाली संगत की अस्थाई रिहायश के लिए दो टैंट सिटी भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े।