श्री करतारपुर साहिब जाने हेतु रजिस्टे्रशन की दुविधा में फंसे हैं श्रद्धालु

डा. कमल काहलों
करतारपुर गलियारा (डेरा बाबा नानक), 12 नवम्बर : पाकिस्तान में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के गलियारा के लिए 9 नवम्बर को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए रस्मी उद्घाटन के बाद अब तक 20 हज़ार की संख्या में गुरुद्वारा साहिब नतमस्तक होने जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या केवल 952 तक ही सिमट कर रह जाना बड़ी चिंता का विषय है। वर्णनीय है कि 9 नवम्बर को 500 के करीब विशेष श्रद्धालु और दूसरे दिन पहले जत्थे में 229 श्रद्धालु, तीसरे दिन 123 और आज गुरुपर्व पर विशेष दिन के लिए 10 हजार की संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं में केवल 600 के करीब श्रद्धालु ही पाकिस्तान गए हैं। आज तक 20 हजार की संख्या में श्रद्धालुओं का पाकिस्तान जाने का लक्ष्य था, जबकि अब तक केवल 952 श्रद्धालु ही पाकिस्तान गए हैं। श्रद्धालुओं की इतनी कम संख्या होने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए ‘अजीत समाचार’ टीम द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब गलियारा के टर्मिनल के निकट इकट्ठे हुए श्रद्धालुओं को जब पाकिस्तान जाने बारे पूछा तो यह पता लगा कि उनको रजिस्ट्रेशन बारे जानकारी ही नहीं है और वो सोचते हैं कि हाथ में पासपोर्ट और आधार कार्ड पकड़ ही सीमा पार कर सकेंगे। यहां देश के अलग-अलग कोनों मुंबई, महाराष्ट्र, राजस्थान, जम्मू, चंडीगढ़, बैजनाथ, उत्तरांचल आदि राज्यों के अलावा पंजाब और विदेशों से पहुंचे श्रद्धालु अभी भी गलियारा स्थल पर बी.एस.एफ. अमले के साथ आधार कार्ड पर पाकिस्तान जाने के लिए बहस करते देखे गए।
इसके अलावा इन श्रद्धालुओं ने बातचीत दौरान बताया कि 9 से 12 तक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के खुले रास्ते संबंधी और 20 डालर फीस माफ संबंधी प्रचार किया गया था और जब वो आधार कार्ड, पासपोर्ट या अन्य पहचान पत्र सहित यहां पहुंचे हैं तो उनको निराश होकर वापिस लौटना पड़ा है। श्रद्धालुओं ने कहा कि आज मौसम साफ न होने के कारण उनको दूरबीन से स्पष्ट दर्शन नहीं हो सके और न ही उनको आधार कार्ड पर पाकिस्तान जाने दिया गया है। कुछ श्रद्धालुओं ने कहा कि एक तरफ पाक प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के पासपोर्ट मुक्त दर्शन करवाने संबंधी ऐलान किया हुआ है जबकि दूसरी तरफ वो गृह विभाग की वैबसाइट पर अप्लाई करते हैं तो उस पर पासपोर्ट की शर्त जरूरी की गई है, जिस कारण बड़ी संख्या में लोग इस सुविधा में फंसे हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वो श्री करतारपुर साहिब जाने वाली संगत द्वारा बरती जाने वाली कागजी कार्रवाई बारे सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट प्रचार करे ताकि श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए सही जानकारी मुहैया हो सके। श्रद्धालुओं ने कहा कि जब लोगों को इस गलियारा से जाने संबंधी स्पष्ट जानकारी मिलेगी तो रोजाना जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ना संभव है।
श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए क्या है सही तरीका ? 
श्रद्धालुओं को चाहिए कि वो भारत सरकार की वैबसाइट का पोर्टल खोलें और उस पोर्टल में मांगी गई अलग-अलग तरह की जानकारियां भरें। जानकारियां भरने के बाद उनके द्वारा दिए गए फार्म में भरे मोबाइल नंबर पर उसी समय मैसेज आ जाएगा। उस मैसेज को संभाल कर रखें और उनके द्वारा चयन की गई तिथि के चार दिन पहले उनको जाने का मैसेज आएगा, उस मैसेज में वो एक फार्म निकालंगे। वो फार्म और पासपोर्ट लेकर वो टर्मिनल पर पहुंचकर करतारपुर गलियारा से करतारपुर साहिब पहुंचेंगे। बी.एस.एफ. के उच्चाधिकारियों ने बताया कि लोग सुबह 6 बजे ही आकर बैठ जाते हैं। हाथ में पासपोर्ट और आधार कार्ड पकड़ा होता है। यहां तक कि कइयों ने वोटर कार्ड पकड़ा होता है और कहते हैं कि हमने दर्शन करने जाना है। उनके अनुसार हैरानीजनक बात है कि लोग रोज मीडिया की सूचनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। अपना और हमारा समय बर्बाद करते हैं। उन्होंने बड़ी सख्ती से कहा कि कोई भी श्रद्धालु रजिस्टे्रशन करवाने के बाद सरकारी तौर पर मिले फार्म और पासपोर्ट के बगैर टर्मिनल के अंदर नहीं जा सकता। यह भी वर्णननीय है कि यह टर्मिनल भारत सरकार द्वारा बी.एस.एफ. के हवाले कर दिया गया है और जब श्रद्धालु बी.एस.एफ. के जवानों से बहसते हैं तो वो पंजाब पुलिस को सूचित करते हैं, जिससे करतारपुर गलियारा और टर्मिनल के बाहर सारा दिन तलखी भरा माहौल बना रहता है।