पंजाब की नई पीढ़ी को खेल संस्कृति में रंगने की कवायद

‘खेलो पंजाब बढ़ो पंजाब’ मुहिम के तहत राज्य के स्कूली विद्यार्थियों को दो ग्रुपों (6वीं से 8वीं और 9वीं से 12वीं कक्षा) में बांटा गया है जिस तहत सभी विद्यार्थियों को होम बेस्ड फिटनैस कार्यक्रम का हिस्सा बनाने का प्रयास भी किया गया है। उपरोक्त दोनों ग्रुपों के विद्यार्थियों को उनकी आयु के अनुसार फिटनैस के लिए शारीरिक क्रियाओं की प्रतिदिन की जाने वाली वीडियोज़ सोशल मीडिया के अलग-अलग साधनों द्वारा भेजी जाएंगी। जिसका उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी प्रतिदिन शारीरिक कसरत करें तथा अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना कर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहने के लिए पे्ररित हों। विद्यार्थियों के इस शारीरिक अभ्यास प्रक्रिया का स्कूलों में तैनात शारीरिक शिक्षा अध्यापक रिकार्ड रखेंगे। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों में ब्लाक मैंटर शारीरिक शिक्षा तथा खेलें नियुक्त की हैं जिन्हें अपने-अपने जिलों के स्कूलों में खेल गतिविधियों का संचालन और निगरानी करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। ‘खेलो पंजाब’ अभियान के हिस्से के रूप में स्कूलों में सुबह की सभा को सुचारू रूप से चलाने के लिए इसमें संगीतक धुनों पर शारीरिक कसरतें करवाना अनिवार्य कर दी गई हैं। सरकारी स्कूलों में खेल के अंतर-हाऊस मुकाबले करवाए जाने अनिवार्य कर दिये गये हैं और वार्षिक एथलैटिक मीट और खेल दिवस मनाने भी ज़रूरी कर दिये गये हैं। प्रत्येक स्कूल अपने स्कूल में महीने का सर्वोत्तम खिलाड़ी चुनेगा। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में सेना की भर्ती के लिए भी विद्यार्थियों को शारीरिक रूप से तैयार किया जाएगा। सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड कृष्ण कुमार ने बताया कि उपरोक्त अभियान की बुनियाद के रूप में शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के लिए 2018 में नई खेल नीति तैयार की गई जिस का उद्देश्य अधिक से अधिक विद्यार्थियों को खेल गतिविधियों के साथ जोड़ना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिभा को तलाश करना है। इस नीति के तहत ही राज्य के सरकारी स्कूलों को स्तरीय खेल सामग्री उपलब्ध करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 18.16 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं, जिसके तहत राज्य के प्रत्येक प्राइमरी स्कूल को 5 हज़ार, मिडल स्कूल को 10 हज़ार, हाई और सैकेंडरी स्कूल को 25 हज़ार रुपये खेल सामग्री खरीदने के लिए दिये गए थे। इसके अतिरिक्त 498 स्कूलों में स्तरीय खेल ढांचा स्थापित करने  के लिए 6.36 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की गई। इसके साथ ही अलग-अलग स्कूलों के 45 जिम्नेज़ियम हाल का नवीनीकरण करने के लिए 2.64 करोड़ रुपये जारी किये गये। उपरोक्त चर्चा दर्शाती है कि पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा देखे गए उपरोक्त स्वप्न को हकीकत में बदलने के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत समूह शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों के संजीदा प्रयासों की आवश्यकता है जिससे राज्य में खेल संस्कृति को प्रोत्साहन मिल सकता है।

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