हाकी चैम्पियनशिप शुरू करने की आवश्यकता

हमारे बचपन में स्कूलों और कालेजों में तीन खेल खेले जाते थे। फुटबाल, हाकी और वालीबाल। तीनों टीमें प्रत्येक स्कूल, कालेज में होती थीं। अंतर स्कूल और अंतर कालेज मुकाबले भी हुआ करते थे। जिला व राज्य स्तरीय टूर्नामैंट भी हुआ करते थे। फिर एक दिन पश्चिम से क्रिकेट का खेल आंधी की तरह भारत में आ गया। अमीर लोग इस खेल के दीवाने बन गये। अब जब टोक्यो में ओलम्पिक खेल हुए तो कई भ्रम टूटे। वहां क्रिकेट को किसी ने नहीं पूछा। सिर्फ हाकी की ही सरदारी रही। हाकी की दो टीमें—पुरुष और महिला, सभी देश लेकर गये। भारत से भी गई दोनों टीमें जी-जान लगा कर खेलीं। स्वर्ण पदक नहीं जीत सकीं परन्तु जैसे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, खेल में जीत हार तो होती रहती है। फिर भी जैसे भारतीय लड़के-लड़कियां खेले, उन्होंने करोड़ों भारतीयों के दिल जीत लिए। अब 2024 में फ्रांस की राजधानी पैरिस में ओलम्पिक खेल होंगे। हमारा सुझाव है कि उसकी तैयारी के लिए अभी से हाकी चैम्पियनशिप शुरू हो। सभी राज्यों को कहा जाए कि इस चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए दो टीमें भेजी जाएं। निजी क्लब भी अपनी टीमें भेज सकते हैं। इस ओलम्पिक में दो दर्जन से अधिक टीमें शामिल हो सकती हैं। उनके चार पूल बन सकते हैं। पूल एक, पूल दो, पूल तीन और पूल चार। पहले प्रत्येक पूल की टीमें आपस में खेलें, फिर चारों पूलों की विजेता टीमें आपस में टकराएं। ऐसे यह हाकी चैम्पियनशिप 2024 तक अब के मुकाबले अधिक मज़बूत खिलाड़ी तैयार करेंगी, जो अधिक क्षमता और योजना से गोल करेंगे। फिर हमें 2024 में पहले दो स्वर्ण हाकी से प्राप्त करेंगे। समस्या यह है कि पंजाब के पास काफी धन-राशि नहीं। पंजाब के मुख्यमंत्री वैसे भी इन मामलों में अधिक सक्रिय नहीं। इसलिए चैम्पियनशिप की सफलता के लिए केन्द्र के खेल मंत्रालय तक पहुंच करनी चाहिए। सच्ची और कड़वी हकीकत यह है कि भारत का खज़ाना केन्द्र के पास है। प्रदेश तो सिर्फ मांगते हैं। पंजाब के पुराने हाकी चैम्पियन जो जालन्धर छावनी से विधायक हैं, परगट सिंह अन्य हाकी प्रेमियों के साथ लेकर केन्द्र तक पहुंच करें। हाकी चैम्पियनशिप की योग्यता बारे ज़ोरदार शब्दों में लिख कर  केन्द्रीय खेल मंत्री को बताया जाये। प्रधानमंत्री के कार्यालय तक भी पहुंच हो। केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण तक पूरी योजना पेश किये बिना तो बात ही नहीं बनेगी। वह वास्तव में खज़ाने की मालकिन हैं, पहरेदार हैं। उनके पास अधिकार भी बहुत हैं। इसलिए एक तरफ केन्द्रीय खेल मंत्री और दूसरी तरफ श्रीमती सीतारमण का दरवाज़ा बार-बार खटखटाना पड़ेगा। 2024 के पैरिस खेल बहुत महत्वपूर्ण हैं। पंजाब की शान और आत्मविश्वास तभी कायम रहेगा, यदि हम हाकी में स्वर्ण जीतें। इसलिए हाकी प्रेमियों तैयार हो जाओ। हाकी में स्वर्ण जीत गये तो अन्य अनेक स्वर्ण भी जीतेंगे।