स्विस ओपन बैडमिंटन का लेखा-जोखा

हमारे खेल प्रेमी यह जान कर बहुत खुश हुए हैं कि अब सिर्फ महिला वर्ग में ही नहीं बल्कि पुरुष में भी हमारे कुछ खिलाड़ी अच्छे खेल का प्रदर्शन करने लग पड़े हैं। इस समय स्विस ओपन बैडमिंटन में यह उत्साह भरा समाचार आया है कि हमारे तीन प्रसिद्ध खिलाड़ी श्रीकांत, पी.वी. सिंधू तथा एस.एस. परनाये इस प्रतिष्ठित टूर्नामैंट में अपने-अपने राऊंड के प्राथमिक मैच जीत कर सैमीफाइनल में पहुंच गए हैं।  
ऐसा खुशगवार अवसर कभी-कभार ही आता है, जबकि यह कहा जाता है कि भारत ने पुरुषों के वर्ग में अपने से अधिक रैंक के खिलाड़ी को हराया है। स्विस ओपन में हमारे 7 नम्बर के श्रीकांत ने जिस ढंग से विश्व के 3 नम्बर खिलाड़ी डैनमार्क के इन्टनसेन को संघर्षपूर्ण मैच में 21-19, 19-21, 22-20 से हराया, उसकी प्रशंसा करनी बनती है। पहली तथा दूसरी गेम लगभग एक ही प्रकार खेली गई और अंक भी एक  जैसे थे। ऐसा प्रतीत होता था जैसे यह अंक भी पहले तय करके लिए गये हैं। यह एक इत़फाक था कि पहली दो गेम्स जैसे नाप-तोल कर बनाई गई हों।  अब उसका मुकाबला एशिया के स्वर्ण पदक विजेता जानसन क्रिस्टी से होगा। इस प्रकार हमारे तीन खिलाड़ी सिंधू, परनाये तथा श्रीकांत सैमीफाइनल तक पहुंच गये हैं। महिला वर्ग में सिंधू ने थाइलैंड की खिलाड़ी बुसासन को 21-16, 21-18 से करारी शिकस्त दी। यह मैच सिर्फ 49 मिनट तक चला। सिंधू का बुसासन से खेलने का रिकार्ड बहुत उत्तम रहा है। दोनों ने अभी तक 17 मैच खेले हैं जिनमें 16 बार सिंधू ने एकतरफा जीत प्राप्त की है।  सिर्फ एक बार ही सिंघापुर ओपन में सिंधू थाइलैंड की इस खिलाड़ी से हारी है। दूसरी ओर जो आशा पहले श्रीकांत ने जगाई थी, वह पूरी नहीं कर सका और क्रिस्टी से हार गया। कुल मिला कर स्विस ओपन भारत के लिए खुशियां लेकर आया है। पी.वी. सिंधू जो आरंभिक दौर में जल्द बाहर होने का संताप झेल रही थी कर रहा था, उस पर उसने नियंत्रण कर लिया है। पिछले दो टूर्नामैंट जर्मन ओपन तथा आल इंग्लैंड कप की जो नमोशी पी.वी. सिंधू ने सहन की है, वह अब दूर हो गई है।  

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