क्रोएशिया का ‘म्यूजियम आ़फ ब्रोकन रिलेशनशिप्स’

क्रोएशिया की राजधानी ज़गरेब का ‘म्यूजियम आ़फ ब्रोकन रिलेशनशिप्स’ (टूटे हुए रिश्तों का म्यूजियम) टी-शर्ट्स भी बेचता है, जिन पर ‘लव ब्रेक-अप्स’ लिखा हुआ है। इसे देखते हुए मुझे अपने वो संबंध याद आ गये जो खिलने की बजाय मुरझा गये थे। इस म्यूजियम के भौतिक व वर्चुअल स्पेस का एकमात्र उद्देश्य ब्रेकअप की कहानियों व उनसे जुड़े प्रतीकों को संग्रहीत करना और शेयर करना है। इस म्यूजियम का विचार फिल्मकार ओलिंका विस्तिका और उनके आर्टिस्ट पार्टनर डरेज़न ग्रुबिचिक को उस समय आया जब उनका चार वर्ष का संबंध टूटा और और वे सोच रहे थे कि उन चीज़ों का क्या किया जाये, जिनका प्यार के दौरान आदान-प्रदान हुआ था। दोनों को ही सुझाव दिया गया था कि जो हो गया सो हो गया, उसे भूलो और आगे बढ़ो। लेकिन उन्होंने अपनी चीज़ों को एक म्यूजियम में रखना तय किया जो उनकी कहानियों को रचनात्मक अंदाज़ में सुनाये और दुनियाभर के प्रेमियों को प्रेरित करे। 
म्यूजियम की 2006 में स्थापना के बाद से इसमें टूटे हुए संबंधों की कहानियां व चीज़ें बढ़ती ही गई हैं। चीज़ों को बहुत अच्छी तरह से रखा गया है और उनसे जुड़ी कहानियां भी दिल को स्पर्श करने के अंदाज़ में लिखी हुई हैं, लेकिन बिछुड़े प्रेमियों के नाम नहीं खोले गये हैं। म्यूजियम को देखते हुए मुझे जॉर्ज हैरिसन की पंक्तियां याद आ गईं- ‘सब चीज़ें गुज़र जाती हैं/धूप पूरी सुबह नहीं रहती है/बादल पूरे दिन नहीं बरसते हैं।’ संबंध भी हमेशा नहीं रहते हैं। वैसे भी जीवन में परिवर्तन के अतिरिक्त स्थायी क्या है? कुछ नहीं। जीवन स्वयं परिवर्तन का पहला पड़ाव है। 
इस म्यूजियम को देखने के बाद मैं वर्जिन मैरी की चर्च पहुंचा, जोकि ज़गरेब की कुल देवी हैं। यह स्टोन गेट पर एक मेहराब के नीचे है। इस चर्च का सड़क की तरफ जो हिस्सा है, उसका निर्माण एक धर्मनिष्ठ विधवा कटरीना मोडलर ने कराया था। इस हिस्से में मदर मैरी की मूर्ति है, जिनकी गोद में शिशु जीसस हैं। दोनों के सिरों पर नगीने जड़े सोने के ताज हैं, जो 1731 की भयंकर आग में चमत्कारिक रूप से सुरक्षित रह गये थे। इसे सौ साल बाद जब शहर के प्रशासनिक अधिकारी स्टोन गेट को तोड़ना चाह रहे थे, तो बताया जाता है, इस विचार के एक समर्थक इतने बीमार हो गये कि ‘पत्ते की तरह सूखने लगे’। अधिकारियों को अक्ल आ गई और उन्होंने गेट को ध्वस्त करने का इरादा बदल दिया। वर्जिन मैरी की मुस्कुराती हुई आंखें शहर व स्टोन गेट की निरंतर रक्षा कर रही हैं। आज गहरे लाल रंग के कपड़े पहने इच्छा-पूरी करने वाली वर्जिन मैरी, जिनका एक पैर वर्धमान चांद पर टिका हुआ है, की ख्याति क्रोएशिया की सीमाओं से बाहर तक पहुंच गई है और दुनिया के कोने-कोने से लोग अपनी मन्नतें लेकर उनके पास आते हैं। भक्तगण अपनी मन्नत की तख्तियां वहां छोड़कर जाते हैं, जो पास के छोटे मन्नत चैपल की दीवार पर पंक्ति दर पंक्ति में लगी हुई हैं। 
बाहर के मुख्य फसाद की दाहिनी दीवार पर एक ताक है जिसमें डोरा कुपरिक की पतली सी कांस्य की मूर्ति है। ज़गरेब के विख्यात लेखक अगस्त सेनोया के चर्चित उपन्यास ‘द गोल्डस्मिथ्स गोल्ड’ की नायिका डोरा हैं। डोरा की कहानी ‘म्यूजियम ऑ़फ ब्रोकन रिलेशनशिप्स’ या अधिक भयावह म्यूजियम ऑ़फ टार्चर, जोकि मुख्य चौराहे की डोलक मार्किट के निकट है, जैसी है। डोरा एक शरीफ महिला है जो एक दयालु रईस से प्रेम करती है, लेकिन एक क्रूर स्थानीय नाई उसे ज़हर देकर मार देता है क्योंकि उसने उसके विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। पास की पूरी स्ट्रीट में सुकूनभरा वातावरण है जोकि सेंट जॉर्ज की कांस्य की मूर्ति के कारण अधिक शांतिमय हो जाता है। सेंट जॉर्ज गहरे ध्यान की मुद्रा में हैं। सेंट जॉर्ज ज़गरेब के कुल देवता हैं। वह रोमन बादशाह की सेवा में थे, उनके उज्जवल भविष्य की संभावना थी, लेकिन उन्होंने उस समय विद्रोह कर दिया जब उन्हें प्रत्येक ईसाई सैनिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया। 
इस नाफरमानी के लिए उन्हें यातनाएं दी गईं और उनका सिर कलम कर दिया गया। लेकिन एक प्रचलित कहानी यह है कि जॉर्ज ने एक ड्रैगन की हत्या करके उसके चंगुल से लड़कियों को बचाया था। ड्रैगन ने शहर के पानी के स्रोत पर कब्ज़ा कर लिया था। जॉर्ज ने ही शहर को ड्रैगन से बचाया और इस तरह वह ज़गरेब के कुल देवता बन गये। इस किस्म की कहानियां तो हर शहर में सुनने को मिल जाती हैं, जिन पर आज के युग में विश्वास करना कठिन है, लेकिन ज़गरेब का एक अन्य आकर्षण उसका पब्लिक पार्क है। मक्सिमिर पार्क की स्थापना 1787 में हुई थी और यह ज़गरेब का सबसे पुराना पार्क है। शहर के पूर्वी केंद्रीय हिस्से में स्थित इस पार्क में पांच झीलें, अनगिनत ट्रैक, अनेक घास के मैदान व क्रीक हैं। पार्क 316 हेक्टेयर में फैला हुआ है और शहर के शोर व भीड़ से मुक्ति प्रदान करता है। पार्क सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्मारक के रूप में संरक्षित है। ज़गरेब का फूड भी इतना अच्छा है कि देखते ही मुंह में पानी आ जाता है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर