गैर-कानूनी प्रवास
गैर-कानूनी ढंग से अमरीका गए 104 भारतीयों को ट्रम्प प्रशासन की ओर से हथकड़ियों में जकड़ कर सैन्य विमान द्वारा वापिस भेजने से देश भर में ़गैर-कानूनी प्रवास का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। अमरीका के सैन्य विमान द्वारा अमृतसर पहुंचे इन भारतीयों में 30 व्यक्ति पंजाब से संबंधित थे। वापिस आकर इन व्यक्तियों ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए अपनी-अपनी दास्तान बयान की। उन्होंने बताया कि किस तरह वह रोटी-रोज़ी की तलाश में एजेंटों को 40 से 50 लाख तक रुपये देकर ़गैर-कानूनी ढंग से अलग-अलग देशों से होते हुए अमरीका पहुंचे थे, जहां अमरीकी प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार करके जेलों में बंद कर दिया और उसके बाद उन्हें जबरन वापिस भेज दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में पंजाब के उन ट्रैवल एजेंटों की भूमिका भी सामने आई है जो विदेशी एजेंटों के साथ मिली-भुगत करके पंजाब के युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर ़गैर-कानूनी ढंग से अन्य देशों को जाने के लिए प्रेरित करते हैं। वापिस आए युवाओं ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ एजेंटों ने कानूनी ढंग से बाहर भेजने का वायदा किया था, परन्तु पैसे लेने के बाद उन्हें ़गैर-कानूनी ढंग से विदेश जाने के लिए विवश कर दिया।
पंजाब में ़गैर-कानूनी ढंग से युवाओं को विदेश भेजने के धंधे में लगे ट्रैवल एजेंटों का यह मुद्दा पहली बार सामने नहीं आया, अपितु पिछले कई दशकों से इस संबंध में चर्चा होती रही है। 2014 में ऐसे ट्रैवल एजेंटों की गतिविधियों पर काबू पाने के लिए और उचित ढंग से यह काम करने वाले एजेंटों के कामकाज़ को नियमित करने के लिए ‘पंजाब ट्रैवल प्रोफैशनलज़ रैगूलेशन एक्ट’ बनाया गया था। इस कानूनी के अनुसार ट्रैवल एजेंटों के रूप में काम करने के लिए सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी किया गया था। इस कानून का उल्लंघन करने वाले, अर्थात दो नम्बर के ढंग-तरीकों से युवाओं को गुमराह करके विदेशों में भेजने वाले एजेंटों को सात वर्ष की कैद और पांच लाख रुपये का जुर्माना करने की सज़ा की व्यवस्था भी की गई थी, परन्तु इसके बावजूद ़गैर-कानूनी ढंग से युवाओं को विदेश भेजने वाले एजेंटों की गतिविधियों में कोई ज्यादा कमी नहीं आई। ताज़ा घटनाक्रम इस मामले को और भी गम्भीर रूप में सामने लाया है। इस स्थिति के दृष्टिगत ही पंजाब के डी.जी.पी. गौरव यादव ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शामिल करके एक विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) का गठन किया है जो मौजूदा घटनाक्रम में ट्रैवल एजेंटों की भूमिका की जांच करके उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी और आगामी समय में भी ऐसे एजेंटों की गतिविधियों को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगी।
परन्तु यह आगामी समय में ही पता चलेगा कि बनाई गई यह विशेष जांच टीम ट्रैवल एजेंटों की ़गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने में कहां तक सफल होती है, परन्तु इसके साथ ही हम पंजाब के युवाओं और विशेष तौर पर उनके अभिभावकों से भी यह अपील करना चाहते हैं कि यदि वह अपने बच्चों को रोटी-रोज़ी के लिए या शिक्षा हासिल करने के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो उन्हें ़गैर-कानूनी ढंग से लाखों रुपए एजेंटों को देकर विदेश न भेजें। इस तरह करने से जहां विदेशों में युवाओं के पकड़े जाने और उसके बाद उन्हें ज़बरन वापिस भेजे जाने के ज़ोखिम पैदा होते हैं, वहीं ़गैर-कानूनी ढंग से जंगलों, पहाड़ों और समुद्रों से गुज़रते युवाओं की जान जाने का भी ़़खतरा बना रहता है। प्रसिद्ध माल्टा कांड के बाद भी अनेक बार ़गैर-कानूनी ढंग से विदेशों को जाते युवाओं के डूबने, जंगल में भटकते हुए जान गंवाने, पकड़े जाने और विदेशी जेलों में वर्षों तक कैद रहने के समाचार अक्सर आते रहते हैं।
लोकसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने यह जानकारी दी है कि इस समय 86 देशों की जेलों में 10 हज़ार से अधिक भारतीय नज़रबंद हैं, जो ़गैर-कानूनी ढंग से विदेश गए थे। जिन देशों में ये भारतीय नज़रबंद हैं, उनमें सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नेपाल, पाकिस्तान, अमरीका, श्रीलंका, स्पेन, रूस, इज़रायल, चीन, बंगलादेश और अर्जेन्टीना आदि देश शामिल हैं। सम्भवत: कई अन्य देशों में भी ऐसे भारतीय नज़रबंद हों।
इस सन्दर्भ में अपने देश की केन्द्र सरकार और विशेष तौर पर पंजाब सरकार को भी यह कहना चाहते हैं कि कानूनी और ़गैर-कानूनी ढंग से युवक बेरोज़गारी के कारण ही विदेशों को जाने के लिए विवश होते हैं। शौक से अपना देश छोड़ कर कोई विदेश नहीं जाता। इसलिए सरकारों को अपने युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने चाहिएं, ताकि अपने देश में ही वह सम्मानजनक ढंग से ज़िन्दगी व्यतीत कर सकें।