पिंकी बुआ की जुबानी/दुनिया जहान की कहानी
आओ बच्चो तुम्हें बताएं
मातृ दिवस पर विशेष
आओ मेरे सब नन्हे सितारों आज तुम्हें एक नई जादुई कहानी सुनाती हूं। ये कहानी है मातृ दिवस की। बोलो, सुनोंगे न।
‘हां, सुनेंगे’
ठीक है। तो सुनो बच्चो। बहुत साल पहले एक प्यारी सी लड़की थी, जिसका नाम था एना जार्विस। वह भी तुम्हारी जैसी ही जिद्दी और बात बात पर रूठ जाने वाली थी। लेकिन उसकी मां बहुत दयालु और समझदार थी। वह एना को हमेशा प्यार और खुशियां देती थी एना भी अपनी मां से बहुत प्यार करती थी। इसलिए जब एक दिन एना की मां की मृत्यु हो गई तो, उसे बहुत दुख हुआ। उसे लगा कि वह तो इस दुनिया में जी ही नहीं सकती। खैर! कुछ दिनों के बाद जैसे हर किसी का दुख कुछ कम होता है, वैसे ही एना का दुख भी कुछ कम हुआ। लेकिन मां से जुड़ी गहरी भावना में जरा भी कोई कमी नहीं आयी बल्कि वह भावनात्मक रूप से मां से और भी ज्यादा जुड़ गई थी।
ऐसे में उसे लगा क्यों न दुनिया में एक ऐसा दिन हो, जब दुनिया का हर बच्चा अपनी मां को याद करे, उसे उसके जन्म देने के लिए धन्यवाद कहे, चाहे उसकी मां जीवित हो या न हो। पर वह मन से अपने होने के लिए मां का शुक्रिया अदा करे। इससे जीवित मांओं को यह एहसास होगा ही कि अपने बच्चों के लिए वह कितनी खास हैं। ..तो एक बार जब एना जार्विस के मन में अपनी मां को याद करने की यह धुन सवार हो गई, तो फिर उसने अपने इस विचार को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने की मुहिम छेड़ दी। उसने लगातार दिन-रात हजारों लोगों को जो दुनिया के अलग-अलग कोनों में थे, पत्र लिखे, अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, शहर के लोगों, देश के लोगों के साथ-साथ दुनियाभर के लोगों को एना जार्विस ने अपने इन विचारों को समझाया। इसके लिए उसने हर किसी को पोस्ट कार्ड लिखे। ऐसा ही एक पोस्ट कार्ड अमरीकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के हाथ तक पहुंचा।
एक बच्ची का यह खत पाकर वुड्रो विल्सन बहुत ही प्रभावित हुए और उन्होंने इसे बिल्कुल सही कदम माना और अपनी तरफ से तय किया कि हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जायेगा। ..तो याद रखो बच्चो, मातृ दिवस की कोई एक निश्चित तारीख नहीं है। यह हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, चाहे फिर उस दिन कोई भी तारीख हो। बच्चों, क्या कभी तुमने सोचा कि मातृ दिवस का मनाया जाना क्यों ज़रूरी है? जरा सोचो अगर मां न होती तो क्या हम होते और अगर होते तो फिर हमारी ये दुनिया हमारे लिए कैसी होती? कौन हमें खाना बनाकर खिलाता? कौन हमारी परेशानियों से बचाता? कौन हमें कहानियां सुनाता और हां, हमारे स्कूल प्रोजेक्ट्स में कौन हमारी मदद करता? तो समझ गये न मां का होना दुनिया में कितना खास है।
..और हां, ये बात तो शायद कभी तुम्हारे दिमाग में न आयी हो कि मां कभी छुट्टी नहीं लेती। तुम जिस दिन स्कूल नहीं जाते, तुम खुश होते हो, क्योंकि तुम्हारी छुट्टी होती है, मगर मम्मी की तो कभी छुट्टी नहीं होती और उसे हमसे कुछ चाहिए भी नहीं होता। वह हमें हर तरह की सेवाएं, हर तरह की सहूलियतें बिल्कुल फ्री देती है, वह भी बिना किसी एहसान के, हंसते, मुस्कुराते हुए । ..तो भला ऐसी मां के लिए एक दिन सेलिब्रेट के लिए क्यों नहीं होना चाहिए? तो चलो इस बार कौन-कौन अपनी मम्मी का बर्थ डे सेलिब्रेट करेगा। अच्छा ये सोच रहे हो कि मम्मी को गिफ्ट क्या देना है? वैसे, मम्मी को कुछ गिफ्ट भी नहीं दोगे, तो वो बुरा नहीं मानेगी और अगर हां, कुछ भी न हो सिर्फ एक कार्ड बोर्ड में आई लव यू मम्मी लिखकर भी दे दोगे तो भी बहुत खुश हो जायेंगी। अच्छा चलो, तुमने जो क्लास में अपनी कविता सीखी है, जिसे तुम अपनी मैम को सुनाते हो, उसे ही लिखकर दे दो, उससे मम्मी खुश हो जायेंगी। पर अगर तुम्हारे पास तुम्हारी गुल्लक में पैसे हों तो एक अच्छी सी चॉकलेट लाके ज़रूर दे देना मम्मा को अच्छा लगेगा। अच्छा गिफ्ट नहीं देना तो कोई बात नहीं, इस दिन मम्मी के साथ उसके कामों में हाथ बंटाना, घर की सफाई करने में, कमरे को व्यवस्थित करने में, ये भी मदर्स डे सेलिब्रेट करने जैसा होगा और वह भी बिना पैसा खर्च किए।
अगर कुछ भी न करना हो तो मम्मी के गले से लगकर कहो मम्मी तुम मेरी सुपर हीरो हो। ..तो चलो इस बार सब अपनी मम्मी का खास दिन सेलिब्रेट करने के लिए तैयार हो जाओ। क्योंकि मम्मी हमारे लिए दुनिया में सबसे खास होती है। ओके, तो बच्चो बाय, फिर मिलते अगली किसी खास दिन की कहानी के साथ।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर