पाकिस्तान के ड्रोन

पाकिस्तान के पास खुद का सिर्फ बुर्राख ड्रोन है, बाकी तुर्की, चीन वगैरह से लिए हैं
 शाहपार- शाहपार-2 पाकिस्तान का फ्लैगशिप ड्रोन है जो हजार किलोमीटर दूरी और 23000 फीट तक ऊंचाई तय कर सकता है तो शाहपार-3 अधिकतम 35000 फिट की ऊंचाई तक जा सकता है। ये लगभग 500 किलो तक का पे-लोड ले जा सकते हैं।
सीएच-4- यह उसे चीन ने दिया है। ये 3000-5000 किलोमीटर तक जा सकने वाला यह ड्रोन अपने साथ 345 किलो तक पे-लोड ले जा सकता है।
बायरेक्टार अकिन्सी- तुर्की का बना हुआ है। 12 मीटर लंबा यह ड्रोन 1500 किलो तक का पे-लोड लेकर 40000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। 16 घंटे हवा में रह सकता है।
बायरेक्टार टीबी-2- ये बेहद उन्नत किस्म का ड्रोन भी उसे तुर्की से मिला है। 150 किलो तक का पे-लोड ले 18000 फीट पर 27 घंटे उड़ता रह सकता है।
अबाबील फाइव- पांच किलो तक वज़न यानी दो मोर्टार गोले लेकर तीस किलोमीटर की रेंज में 45 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से डेढ़ घंटे तक उड़ान भर सकता है।
अबाबील-10- ये दस किलोग्राम वज़नी हथियार लेकर रेंज 30 किलोमीटर दूर तथा 3000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
स्वार्म ड्रोन- साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वार्म ड्रोन एक प्रकार की तकनीक है, जिसमें कई छोटे ड्रोन एक साथ काम करते हैं। भारत-पाकिस्तान दोनों के पास स्वार्म ड्रोन तकनीक है। दस बीस से लेकर हजार की संख्या में मधुमक्खियों की तरह हमला करते हैं। वायु रक्षा प्रणाली से मारे जाने पर भी इनमें से कुछ बच जाते हैं और लक्ष्य को भेद नुकसान पहुंचा सकती हैं।

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