भारत के ड्रोन

भारत के पास 2500 से 3000 ड्रोन हैं। ये स्वदेशी तथा अमरीका, इज़रायल जैसे देशों से आयातित हैं।  
नागास्त्र-1- इसे लोइटरिंग म्यूनिशन, स्काई स्ट्राइकर, कामिकेज़ या आत्मघाती ड्रोन भी कहते हैं। ये गश्त करते हुए रीयल टाइम में खुफिया जानकारी देते हैं, खुद निशाना साधते हैं और लक्ष्य को देखते ही अचानक खुद फैसला लेते हुए तय निशाने पर जाकर विस्फोट कर अपने साथ लक्ष्य उड़ा देते हैं। बैटरी से बे-आवाज़ और बहुत नीचे उड़ने के चलते दुश्मन के नज़रों से ओझल रहते हैं।   
हार्पी- इज़रायल का बना यह ड्रोन 9 घंटे तक उड़कर, 32 किलो तक का पे-लोड ले, 500 किलोमीटर तक मार कर सकता है।  
हैरोप- सटीक सर्जिकल स्ट्राइक की क्षमता युक्त इज़रायल निर्मित इस ड्रोन की रेंज 1000 किलोमीटर तक है और हवा में तकरीबन 9 घंटे तक उड़ान भरता रह सकता है। एंटी रडार टेक्नॉलॉजी युक्त हैरोप को 23 किलो तक के वॉरहेड के साथ युद्धपोत से भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
हिरोन मार्क-2- 3000 किलोमीटर तक की रेंज का यह ड्रोन 24 घंटे तक हवा में रहने की क्षमता रखता है। अपने रडार आईआर कैमरा, ड्रोन लेज़र मार्किंग के ज़रिए लक्ष्य का सटीक पता देता है। ये ज़मीन से डेटालिंक के ज़रिए नियंत्रित होते हैं। 
एमक्यू रीपर- अमरीका निर्मित यह ड्रोन 1700 किलो तक का पे-लोड ले हवा में 27 घंटे रहकर 1850 किलोमीटर तक मार कर सकता है।
स्काई-स्ट्राइकर- भारत और इज़रायल के साझा उपक्रम के तहत बेंग्लुरू में बना। 10 किलो तक वॉरहेड लेकर 100 किलोमीटर तक मार करने वाला यह तकरीबन बेआवाज ड्रोन कम ऊंचाई पर भी कारगर है।  
रुस्तम-2- 200 किलोमीटर तक की रेंज का यह ड्रोन डीआरडीओ ने बनाया है। 350 किलो का पे-लोड वहन करने में समर्थ है। ये बे-आवाज़, अदृश्य और अचानक हमला करने वाले हैं।

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