टिन फॉयल से नाव बनाकर बॉयेंसी सिद्धांत को समझें

बच्चो! कभी तुमने सोचा है कि बड़ी-बड़ी नाव पानी में क्यों तैरती हैं, डूबती क्यों नहीं? इसका उत्तर तुम्हें आज के प्रयोग में मिलेगा, जिसके बारे में मैं तुम्हें बताने जा रही हूं। आज हम टिन फोयल से एक नाव बनायेंगे और उसमें एक रुपये के सिक्के रखेंगे, यह देखने के लिए कि वह पानी में डूबती है या तैरती है? इस प्रयोग का उद्देश्य आपको बॉयेंसी और इंजीनियरिंग डिज़ाइन के सिद्धांतों के बारे में समझाना है। ..तो हम एक ऐसी नाव बनायेंगे जो अधिक से अधिक सिक्के संभाल सके, बिना डूबे हुए। बॉयेंसी या उत्प्लावकता, तरल (गैस या द्रव) का वह गुण है जिसके कारण वह उसमें डूबी वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है, जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं। यह बल गुरुत्वाकर्षण (ग्रेविटी) के विपरीत कार्य करता है। इसी बल के कारण वस्तुएं तैरती हैं; अगर उत्प्लावन बल वस्तु के भार से अधिक या बराबर होता है तो वस्तु तैरती है।  
इस प्रयोग के लिए हमें जो चीज़ें चाहिए होंगी, वह हैं पानी के लिए एक बड़ी परात या खुला बर्तन, तीस से अधिक एक रुपये के छोटे वाले सिक्के जो एक जैसे हों, आठ इंच के एलुमिनियम फोयल स्क्वायर और ग्रीन फूड कलरिंग वैकल्पिक है। ध्यान रहे कि अपनी नाव के शेप, साइज़ व भार के वितरण से बॉयेंसी बलों से प्रयोग किया जा सकता है और स्वयं यह जाना जा सकता है अलग-अलग चीज़ें किसी भी वस्तु के तैरने की क्षमता को किस तरह प्रभावित करते हैं।
सबसे पहले हम हरा या नीला फूड कलर अपनी परात में डालेंगे और उसे तीन चौथाई पानी से भर देंगे। दूसरे चरण में हमें यह करना है कि हर नाव के लिए दो 8 इंच के एलुमिनियम फोयल स्क्वायर काटेंगे। फिर एलुमिनियम फोयल से छोटी सी नाव बनायेंगे। नाव बनाने में तुम्हारी इंजीनियरिंग प्रतिभा काम आयेगी। तीसरे चरण में हमें तुलना करनी है। इसके लिए टिन फोयल के स्क्वायर पर (नाव पर नहीं) 15 सिक्के रखेंगे और उसकी गेंद सी बनाकर पानी में रख देंगे। क्या होगा? वह डूब जायेगा! चौथे चरण में अपनी नाव को पानी में उतारो और देखो कि वह तैरती है या नहीं। अगर वह तैरे नहीं तो उसे पुन: आकार दें। फिर आहिस्ता आहिस्ता एक-एक करके उस पर सिक्का रखें। वह डूबने से पहले कितने सिक्कों का भार उठा सकती है? गिनें। पांचवें चरण में आप इस चुनौती का विस्तार कर सकते हैं, नाव का पुन: निर्माण करके कि वह कितने अधिक सिक्के संभाल सकती है। क्या आपकी नाव 100 सिक्के संभाल सकती है? 
बार-बार कोशिश करके, आलोचनात्मक सोच व रचनात्मकता से आपको बॉयेंसी की गहरी समझ आ जायेगी और आप अपने अंदर महत्वपूर्ण समस्या-समाधान कौशल विकसित कर सकेंगे। दरअसल, यह प्रयोग बॉयेंसी के बारे में है और बॉयेंसी यह है कि कोई चीज़ पानी या किसी अन्य लिक्विड में कितनी अच्छी तरह से तैरती है। 
आपने नोट किया होगा कि जब आपने समान संख्या के सिक्के और समान आकार के फोयल टुकड़े अलग-अलग तरह से प्रयोग किये तो दो एकदम अलग अलग किस्म के नतीजे सामने आये। दोनों में वज़न समान था, लेकिन एक बड़ा अंतर साइज़ का था। सिक्कों और फोयल की गेंद ने कम जगह ली, इसलिए पर्याप्त ऊपरी बल नहीं था कि गेंद तैरती रहती लेकिन आपने जो टिन फोयल नाव बनायी उसका सरफेस एरिया अधिक था, इसलिए अधिक बल उसे ऊपर की ओर उठा रहा था। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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