परीक्षाओं के लिए बनाएं अपना टाइम-टेबल

परीक्षा जैसे-जैसे पास आती है लगने लगता है जैसे कि कम समय में बहुत कुछ पढ़ना है। रिवीजन करना हो या फिर किसी विषय पर अतिरिक्त ध्यान देना हो, अगर ऐसे में एक सही टाइम टेबल हो तो आप बिना चिंता के परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं और थोड़ा सा समय अपने लिए भी निकाल सकते हैं। आइये, जानें कैसे:- 
दिसम्बर-जनवरी वह समय होता है जब आप लगभग पूरा कोर्स खत्म कर चुके होते हैं। यही वो समय है भी जब आप पिछली गलतियों की भी भरपाई कर सकते हैं, यानी अगर अब तक आपने पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया है तो भी आपके पास समय है कि आप अच्छे अंक लाने लायक तैयारी कर सकें। इसलिए अब अपना लक्ष्य तय करें और पूरी मेहनत से जुट जाएं।
सारे विषयों के लिए कठिन और आसान होने के हिसाब से समय निर्धारित करें और रोज हर विषय आपके टाइम टेबल में आ सके, ऐसी कोशिश करें। 
आप यह भी कर सकते है कि मुख्य विषय को रोज पढ़ें और भाषा तथा कम्प्यूटर को सप्ताह में दो दिन।
अपने टाइम टेबल में रोज कम से कम एक घंटा फ्री समय यानी खेलने या मनोरंजन के लिए भी रखें। यह आपको फिट रखेगा, एनर्जी देगा और आपके दिमाग को तरोताजा भी बनाए रखेगा। 
अपने विषय को स्कूल से बचे समय में इस तरह बांटें कि सबसे कठिन विषय के लिए आपके पास अतिरिक्त समय रहे। वहीं सबसे आसान या पसंदीदा विषय के लिए भी अलग से समय निकालें क्योंकि इसमें आप अच्छा स्कोर कर सकते है। 
संडे या छुट्टी के दिन को बोनस प्वॉइंट्स की तरह मानें। इस दिन आपकी कुछ समय अतिरिक्त मिल सकता है। हां, इस दिन आप फ्री टाइम को बढ़ा कर डेढ़ घंटा कर सकते है। 
यह समय चुने हुए को पढ़ने का है, यानी अब आपके पास वह समय नहीं कि आप हर विषय को पांच अलग-अलग किताबों से पढ़ पाएं। यह सुविधा तो केवल साल के शुरू में पढ़ाई करने वालों को होती है। यह भी एक फायदा है लेकिन अगर आप इसका फायदा नहीं ले पाए है तो अब सोच-समझ करें, शिक्षकों और बड़ों से पूछ कर अच्छे नोट्स से पढ़ाई शुरू करें। कोशिश करो कि अभ्यास पुस्तिका को पढ़ें ताकि आपकी चीजें ठीक से समझ आएं।
अपनी डाइट को भी टुकड़ों में बांट लें और पढ़ते समय भूख लगने पर फलों का उपयोग करें। इससे आप पढ़ते समय भूख भी मिटा सकेंगे और पोषण भी पा सकेंगे।
 (उर्वशी)

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