पक्षी लम्बी उड़ान क्यों भरते हैं ?

बच्चो! प्रवास की पक्षी जगत में बहुत अहमियत है। यह एक तरह की मौसमी प्रक्रिया है, जिसके दौरान पक्षी समूह के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान की तरफ उड़ान भरते हैं। अपने प्रवास के दौरान ये हज़ारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं। उत्तरी ध्रुव के पक्षी धरती के एक कौने से दूसरे कौने तक सबसे लम्बा सफर तय करते हैं। इन पक्षियों को भी मनुष्य की तरह प्रवास करने के लिए मज़बूर करने वाली कई बातें हैं जैसे कि भोजन की प्राप्ति, सुखी माहौल की तलाश, प्रजनन प्रक्रिया, दुश्मन से सुरक्षा आदि। इस दौरान विश्व के कुछ पक्षी अपने लम्बे प्रवासी सफर के लिए प्रसिद्धि प्राप्त हैं। जिस प्रकार उत्तरी ध्रुव का खरादिया नाम का पक्षी गर्मियों के अंत में अपनी उत्तरी बस्तियों को अलविदा कह कर दक्षिण ध्रुव तक चला जाता है। उसकी तय कीया रिकार्ड दूरी (फासला) 17,600 किलोमीटर है। सफेद रंग का एस्ट्रक गर्मी का मौसम यूरोप आदि में व्यतीत करता है, लेकिन सर्दियों में अफ्रीका की तरफ चला जाता है। इसी तरह पैक्टोरल सैडाबायरिया नाम का पक्षी, जो अपनी नसल आर्कटिक में बढ़ाता है और फिर अपने समय पर दक्षिण अमरीका को चला जाता है। बोबोलिंग उत्तरी अमरीका में नसल बढ़ौतरी का काम करता है और फिर अर्जेंटीना के कोहिस्तान तक चला जाता है। इसी प्रकार सुनहरी रंग वाली टटीहरियां कनाडा के अपने ठिकानों से उड़कर सर्दियों में हवाई ज़जीरिया तक 2000 मील का सफर तय करती हैं। नीले पैरों वाली छोटी बत्तख के बारे में यह पता चला है कि वह प्रतिदिन 125 से 130 किलोमीटर तक उड़ान भरती है। हंगरी के गुलाबी बैमटोर हलके रंग के बादलों की तरह दूर-दराज देश से उड़ते हुए कम से कम 5000 किलोमीटर का रास्ता तय करके आते हैं। इसी प्रकार भारत को भी हर वर्ष सितम्बर से आधी अप्रैल तक लाखों प्रवासी पक्षियों की मेहमान नवाज़ी का समान प्राप्त होता है। इन पक्षियों के समूह साईबेरिया, मंगोलिया, कज़ाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और रूस आदि देशों से यहां आते हैं।
इन पक्षियों को पीली केसरी, वीरन, बादीपुर हरीके पत्तन आदि स्थान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। जीव विज्ञानिकों के लिए यह बात अभी भी भेद बनी हुई है कि ये पक्षी किस प्रकार इतना लम्बा समय कई बार बिना भोजन और रास्ता भटके तय करके अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं। जीव विज्ञानिकों ने इन पक्षियों की लम्बी उड़ान के बारे राडार की मदद से जो अध्ययन और अनुभव किए हैं उनके अनुसार यह पक्षी आम तौर पर रात को उड़ते हैं और उन ऊचाइयों पर उड़ान भरते हैं, जहां वह अपने आप को आज़ाद और सुरक्षित महसूस करते हैं। 


-गांव और डाक खोसा पांडों, (मोगा)-142048