इलैक्ट्रॉनिक जिन्न से बचके

आज कल शैतान की बिरादरी के कुछ इलैक्ट्रॉनिक जिन्न पैदा हो गये हैं। जो हमारे देश के राजनैतिक नेताओें और बाबाओं की तरह  हैं, जो फोन पर लोगों को झांसा देकर रातों-रात करोड़पति बना देने की बात कहते हैं। एक फोन लोगों के पास आता है और उनकी पांच करोड़ की लॉटरी लगने की बात करता है और हमारी जनता इतनी बुद्धिमान है जो प्यार में पड़े अंधे प्रेमी की तरह उस लाटरी के ऊपर आसानी से विश्वास भी कर लेती है। दर असल हमारे यहां काहिलियत की इतनी भरी पड़ी है, कि क्या कहा जाये? दरअसल इस काहिल जनता की तुलना हम प्रेमचंद की कहानी ‘कफन’ के पात्रों घीसू और माधव से कर सकते हैं। महरिया भीतर प्रसव की पीड़ा से छटपटा रही है लेकिन दोनों बाप-बेटे आलू की रखवाली में बैठे हैं। हमारी जनता भी कुछ इसी प्रकार की है। फोन आया नहीं की अपनी सारी गोपनीय जानकारी बहरूपिया रूपी जिन्न को थमा देना चाहती है। हमारी जनता के महत्वकांक्षा के कहने ही क्या? जनता का दिल पैसे पर किसी  सड़क छाप मजनूँ की तरह आ जाता है। एक ऐसी ही घटना आपको सुनाता हूँ। बब्बन भाई की। 
बहुत पुरानी एक कहावत है- ‘शैतान आयेगा तुम्हें, बरगलायेगा, तुम्हारा ईमान खराब करेगा..?’ लेकिन तुम्हें गिरना नहीं है। कोई भी पाप का अनाचार नहीं करना है। लेकिन ये बहुत पुरानी कहावत है। आदम और हव्वा के समय की। एक दिन बब्बन भाई मुझसे मिले और बोले यार मार्किट में इलेक्ट्रोनिक जिन्न और शैतान  आ गये हैं। मुझे बब्बन भाई की बात पर बड़ा आश्चर्य हुआ कि मार्किट में तरह-तरह के ईलैक्ट्रॉनिक सामान तो आये हैं। लेकिन ईलेक्ट्रोनिक जिन्न की बात मैंने  कभी नहीं सुनी। ये क्या बला है भाई? बोले इलैक्ट्रॉनिक शैतान नहीं समझते? मैंने कहा नहीं भाई बताईये। बोले बैंक वाले बार-बार हमको बार ये मैसेज करतें हैं। कि अपना पिन. या मोबाईल ओ.टी.पी. किसी से शेयर नहीं करना स कल मुझे दोपहर को एक फोन आया। उधर से कोई सज्जन बोले- आपके परिवार के कुछ लोगों का नाम राशन कार्ड में छुटा हुआ है। उसको एड करना है। क्या आपको अपने परिवार का नाम राशनकार्ड में एड करवाना है। बब्बन भाई के कुछ लोगों का नाम सचमुच में राशन कार्ड में छुटा हुआ था। बब्बन भाई झांसे में आ गये। दूसरी तरफ शैतान था जो बब्बन भाई को किसी नई माशूका की तरह अपने प्रेम जाल में फंसा रहा था। दूसरी तरफ से शैतान कह रहा था। जिन लोगों के नाम छुटे हैं। आप उनका नाम बतायें। मैं लिख रहा हूँ। मैं आपके फैमिली मैंबर का नाम तुरंत ही आपके राशनकार्ड से जोड़ दूंगा। सरकारी योजनाओं का इस तरह घर तक चलकर आने का ये पहला मौका था। 
बब्बन भाई सुन रखें थे कि हमारा देश डीजिटल हो रहा है और ‘सरकार आपके द्वार’ जैसी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं जब चल रहीं हैं तो हो सकता है कि सरकार का ये कोई नया कार्यक्रम हो। जिसकी भान बब्बन भाई को ना हो। बब्बन भाई बोले, हां, भाई अमुक-अमुक के नाम जोड़ दो। फोन पर शैतान सज्जन जी बोले- अभी तुरंत मैं आपको आपके घर के छुटे सदस्यों के नाम जोड़कर तुरंत व्हाटसएप पर भेजता हूँ। आपका ये नंबर व्हाटसएप का है तो शैतान सज्जन जी बब्बन भाई को शीशे में उतारते हुए बोले- शैतान सज्जन जी बोले अभी-अभी आपके मोबाईल पर एक मैसेज आयेगा। आपके घर के सदस्यों का नाम तभी जुड़ेगा। बब्बन भाई बोले ठीक है, भाई भेजो। उनके मोबाईल पर तुरंत एयरटेल बैंक का एक मैसेज आया। जिसे बब्बन भाई पढ़कर चौंके फोन पर ही शैतान सज्जन से बोले भाई ये तो एयरटेल मोबाईल बैंक के एप का नंबर है। इसका भला राशनकार्ड से क्या संबंध है? शैतान सज्जन ने एक भद्दी सी गाली मुंह से निकाली लेकिन, बब्बन भाई ने तुरंत ईलेक्ट्रोनिक जिन्न को वापस मोबाईल में बिना ओ.टी.पी. बताये फोन बंद कर दिया। वो दिन था और आज का दिन है। बब्बन भाई अन्नोन नंबर नहीं उठाते। ईलेक्ट्रोनिक जिन्न है, भाई पता नहीं कितना नुकसान कर दे!