नशा करने वालों की संख्या 15 वर्षों में तीन गुणा बढ़ी

नई दिल्ली,11 नवम्बर (वार्ता): देश में गत 15 वर्षों में नशा करने वालों की संख्या में करीब तीन गुना की वृद्धि हुई है और इस समय करीब 16 करोड़ लोग शराब पीते है जबकि करीब तीन करोड़ लोग अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। शराब का सेवन करने वालों में करीब 5.7 करोड़ ऐसे लोग हैं जो नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं और करीब 2 करोड़ 70 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें इसकी बुरी लत लग चुकी है और उनका इलाज होना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनकी मानसिक एवम शारीरिक स्थिति अब ठीक नहीं रह गई है। इसके अलावा हीरोइन अफीम, भांग गांजा तथा सूंघने वाले नशीले पदार्थों आदि का इस्तेमाल करने वाले मरीजों की संख्या भी करीब तीन करोड़ हो गई है। नशे के शिकार दस से 17 वर्ष की आयु वर्ग की युवा पीढ़ी भी है और उनकी संख्या भी काफी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार चड्ढा और डॉ. अंजू धवन ने नशा मुक्ति अभियान पर 13 नवम्बर से होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए आयोजित प्रैस कान्फ्रैंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों के 186 जिलों के करीब दो लाख घरों में गत वर्ष कराए गए सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया है। 2004 से 2017 के बीच नशा  करने वाले लोगों की संख्या में तीना गुणा वृद्धि हुई है। एम्स में हर रोज 200 मरीज आ रहे हैं और 80 नए मरीज आ रहे है। नशा केवल आदत नहीं बल्कि बीमारी हो गई है। स्कूल के बच्चों में यह लत लगती जा रही है। स्कूलों में काऊंसलर की नियुक्ति से इस पर रोकथाम हो सकता है। इतने बड़े देश में नशा मुक्ति केन्द्र 400—450 ही हैं और इसे बढ़ाने की ज़रूरत है।