क्या हिन्दुस्तान में हिन्दू होना गुनाह है?

आखिर ऐसी सोच का कारण क्या है,अर्थात् इसकी उत्पत्ति की वजह क्या है? भारत दुनिया के नक्शे पर सबसे बड़ा धर्म-निरपेक्ष देश है, ऐसे देश में बड़ी मुश्किलें दीवार की मानिद सामने आने में हिचकिचाहट नहीं महसूस करती। भारत आज़ाद हुआ, इसके लिए बाकायद इंडियन इंडीपैंडेंस एक्ट वजूद में आया। पाकिस्तान बन गया। अंग्रेजाें ने उन्हें कश्मीर नहीं दिया था। उसे हमारे साथ महाराजा हरि सिंह ने विलय किया था।ऐसा विलय 542 रियासतों ने पहले ही कर दिया था लेकिन कश्मीर में घंडी फस गई। शेख और महाराजा के बीच में खटपट थी। महाराजा ने उन्हें राजद्रोह के केस में कैद कर रखा था जब कि महाराजा हरि सिंह और पंडित नेहरू के बीच में रिश्ते खुशगवार नहीं थे। शेख अब्दुल्ला आग बबूला हो उठे। शेख बाहर आए नेहरू से मिले और चाल चल कर 27 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने हमला कर दिया। 
यह एक पूर्ण सुनियोजित कार्रवाई थी। बड़ी मारकाट हुई। महाराजा ने भारत में विलय के दस्तावेज़ पर दस्तखत कर दिये। श्रीनगर तो बच गया, लेकिन 2/5 भाग पाकिस्तान ने जबरदस्ती हथिया लिया। हमारी सेना जवाब देने के लिए पहुंच चुकी थी। हमारी खोई हुई ज़मीन 6 घंटे में वापिस आ सकती थी परंतु सेना का नियंत्रण और उसे आगे बढ़ने का आदेश केवल शेख अब्दुल्ला को नेहरू ने दे रखा था। नेहरू केवल अपनी धर्म निरपेक्षता को ही अपनी शान समझते थे। उन्होंने सदैव अपने आस-पास धर्म-निरपेक्षता, सौहार्द एवं भाईचारे का ही संदेश दिया।

    -राम प्रकाश शर्मा